अनोखी होगी पढ़ाई:खिलौनों के जरिए बच्चों को पढ़ाएंगे केंद्रीय विद्यालयाें के शिक्षकस्कूलों में नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को खेल-खेल में सीखाने का किया जाएगा अनूठा प्रयोग
केंद्र सरकार के मानव विकास संसाधन मंत्रालय द्वारा संचालित देशभर के स्कूलों में कार्यरत अध्यापक अब खिलौनों के जरिए बच्चों को पढ़ाई कराएंगे। इसके लिए मंत्रालय के आदेश जारी हो गए हैं। अब बच्चों के लिए टीचर्स ने बच्चे बनकर खिलौने बनाने के लिए दिमाग अपनाया है।
इसके लिए एक प्रदर्शनी भी राष्ट्रीय स्तर पर लगाई जाएगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के द्वारा देशभर में 638 जवाहर नवोदय स्कूल और 1300 केंद्रीय विद्यालय कमोबेश हर राज्य में चल रहे हैं। इन दोनों ही संस्थाओं में अब प्रयोग के तौर पर नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को खिलौनों के जरिए पढ़ाई कराने का प्रयोग शुरू किया जाएगा। मंत्रालय का आदेश मिलने के बाद अब विभिन्न विषयों से संबंधित टीचर अपने विषयों से संबंधित खिलौने बनाने में जुटे हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि अभी केंद्र सरकार के अधीन स्कूलों में यह प्रयोग के तहत किया जा रहा है और सफल होने पर इसे विभिन्न राज्यों की सरकारों को भेजा जाएगा, ताकि वे अपने बोर्ड के अधीन आने वाले स्कूलों में खेल-खेल में बच्चों को ज्ञानवर्धक चीजें बताने और समझाने की पढ़ाई करवा सकें। केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल संजय कुमार ने भी माना खेल-खेल में बच्चों को ज्ञानवर्धक अध्ययन कराना बहुत ही कारगर कदम है, उसके लिए टीचर्स बाजार से खिलौने खरीदने की जगह खुद ही तैयार कर रहे हैं। साथ ही बच्चे भी खिलौने बनाने में उत्सुकता दिखा रहे हैं।
देशभर के स्कूलों में बने खिलौनों की आज से लगेगी प्रदर्शनी
मानव संसाधन विकास के आदेश पर देशभर के केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय स्कूलों में कार्यरत अध्यापक अपने विषय से संबंधित बनाए खिलौनों का प्रदर्शन 27 फरवरी से 2 मार्च तक ऑनलाइन करेंगे। इस प्रदर्शनी को दोनों ही स्कूल के अध्यापक, बच्चे और बच्चों से जुड़े पेरेंट्स केंद्र सरकार की वेबसाइट माय जीओवी पर देख सकते हैं। इसके लिए पहले सभी का रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है।
टीचर बोले- पूरी जिंदगी में कभी खिलौने नहीं बनाए
झज्जर के जवाहर नवोदय स्कूल में ज्योग्राफी के टीचर आत्म प्रकाश यादव ने कहा कि उनको टीचिंग लाइन में 27 साल हो चुके हैं। उन्होंने कभी अपने बचपन में भी खिलौने नहीं बनाए, लेकिन अब सरकार का आदेश आया, तब बच्चों के लिए खिलौने बनाने के लिए वे खुद बच्चे बने और विषय से संबंधित खिलौने बनाएं हैं।
विज्ञान की टीचर मधु कौशिक ने कहा कि उन्हें याद नहीं है कि उन्होंने बचपन में कभी गुड्डे-गुड़िया बनाए होंगे, लेकिन अब जब बच्चों को खिलौने के जरिए पढ़ाई की जिम्मेदारी मिली है ताे उन्होंने सजावटी खिलौने बनाकर तैयार किए हैं। कौशिक ने बताया कि विज्ञान से संबंधित नई-नई जानकारी देने के लिए खिलौनों के जरिए समझाने का तरीका बहुत ही कारगर साबित होगा और कक्षा दसवीं तक के बच्चों को इससे पढ़ाया जा सकता है।
केंद्र सरकार का ये एक बेहतरीन प्रयास है। टीचर्स बच्चों के लिए खिलौने बनाने में जुटे हुए हैं। प्रयोग के तौर पर विभिन्न विषयों के टीचर्स ने खिलौने तैयार भी कर लिए हैं, जिनका प्रदर्शन अब ऑनलाइन किया जाएगा। फिर सरकार का आदेश मिलते ही क्लासों में पढ़ाई शुरू हो जाएगी।