UN की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा:भाड़े पर सैनिक देने वाली अमेरिकी कंपनी के पूर्व प्रमुख ने लीबिया में सरकार गिराने के लिए 600 करोड़ में की थी डीलमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सहयोगी और भाड़े के सैनिक उपलब्ध कराने वाली अमेरिकी कंपनी ब्लैकवाटर के पूर्व प्रमुख प्रिंस एरिक ने लीबिया में सरकार को गिराने का प्रयास किया। एरिक ने एक लीबियाई कमांडर को हथियार देने का प्रस्ताव दिया था। यह संयुक्त राष्ट्र के नियमों का खुला उल्लघंन है।
यूएन की एक गोपनीय जांच रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इराक युद्ध में अमेरिका प्राइवेट मिलिट्री या सेना के निजीकरण का कॉन्सेप्ट लेकर आया। इसके तहत ब्लैकवाटर जैसी सिक्योरिटी कॉन्ट्रैक्टर कंपनियों ने युद्ध में अमेरिका को ठेके पर सैनिक और अन्य युद्ध सहायता मुहैया कराई। इन सैनिकों द्वारा आम नागरिकों की हत्या और अत्याचार के बाद इस प्रयोग पर सवाल उठे। इराक में 17 आम नागरिकों की हत्या का मामला अमेरिकी कोर्ट में चला। इसमें ब्लैकवाटर दोषी पाई गई थी।
अब यूएन की इस जांच रिपोर्ट के बाद फिर से सेना के निजीकरण के दुष्परिणाम पर चर्चा होने लगी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एरिक 2019 में लीबिया के एक सैन्य कमांडर को भाड़े के विदेशी सैनिक, अटैक एयरक्राफ्ट, गनबोट और साइबर युद्ध की क्षमता देने की डील कर रहा था। यह सौदा करीब 600 करोड़ रुपए में हो रहा था। इसमें चुनिंदा लीबियाई कमांडरों को मारने और उन पर नजर रखन की योजना थी। ताकि लीबिया की अन्तरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार को गिराया जा सके।
अमेरिकी कोर्ट द्वारा ब्लैकवाटर को प्रतिबंधित करने के बाद कंपनी ने अपना नाम बदल लिया। एरिक ने पिछले दशक में खुद को हमलों का सौदा करने वाले एग्जिक्यूटिवी के रूप में रिलॉन्च कर लिया। यह सौदे कभी कभी खनिजों के लिए तो कभी मिलिट्री फोर्स के लिए होते थे। लेकिन ज्यादातर सौदे संसाधनों से धनी और अफ्रिकी देशों में होते थे।
प्राइवेट अमेरिकी मिलिट्री के अत्याचारों का पोस्टर ब्वॉय है एरिक
इराक युद्ध के बाद एरिक प्रिंस प्राइवेट अमेरिकी मिलिट्री का पोस्टर ब्वॉय बन गया। यहा प्रिंस की कंपनी ने 17 आम नागरिकों की हत्या की और आम लोगों पर अत्याचार किए। युद्ध नियम तोड़े। एरिक प्रिंस एक पूर्व नेवी सील है। एरिक का भाई डेवोस ट्रम्प का एजुकेशन सेक्रेटरी था। साथ ही, ट्रम्प के रूस कनेक्शन की जांच में भी एरिक शामिल है।