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मां ने कमेटियां जोड़ और पिता ने कर्ज लेकर कराई तैयारी; अब बेटा वैभव अराेड़ा खेलेगा आईपीएल,

मां ने कमेटियां जोड़ और पिता ने कर्ज लेकर कराई तैयारी; अब बेटा वैभव अराेड़ा खेलेगा आईपीएल, केकेआर की टीम ने 20 लाख में खरीदाबीडी स्कूल के पास रहने वाले तेज गेंदबाज वैभव के पिता डेयरी चलाते हैं
कांट्रेक्ट मिलने की खुशी में मां की आंखें भर आईं
हिमाचल प्रदेश की ओर से रणजी ट्रॉफी खेल चुका
पिछले सीजन में सबसे ज्यादा 29 विकेट लिए थे
कैंट के 23 साल के तेज गेंदबाज वैभव अरोड़ा ने अपनी शानदार गेंदबाजी की बदौलत पहली बार आईपीएल का कांट्रेक्ट मिला है। बीते माह सैय्यद मुश्ताक अली ट्राॅफी में उसने शानदार गेंदबाजी करते हुए 6 मैच में 10 विकेट लेकर सभी का ध्यान खींचा था। इसी प्रदर्शन की बदौलत उन्हें 20 लाख रुपए के बेस प्राइस में कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम ने खरीदा है।

अब अप्रैल में होने वाले आईपीएल-2021 में वह अंतरराष्ट्रीय स्तर के बल्लेबाजों के समक्ष तेज व स्विंग से गेंदबाजी का जलवा दिखाएगा। पहली बार आईपीएल में चुने जाने पर वैभव के अम्बाला कैंट में रहने वाले माता-पिता व परिवार में खुशी का माहौल है। मां ममता अरोड़ा बताती हैं कि चंडीगढ़ अकादमी में वैभव की 2012 में सवा लाख कोचिंग फीस थी, उन्होंने वैभव को क्रिकेट सिखाने के लिए कमेटियां उठाई, कर्जा लिया और अपनी जरूरतों को कम कर बेटे को क्रिकेट सिखाया।

आज 20 लाख के प्राइज पर जब उनका बेटा केकेआर की टीम में चुना गया तो उनकी आंखें खुशी से भर आईं। वैभव के पिता गोपाल कृष्ण अरोड़ा बीडी स्कूल के समक्ष पुश्तैनी मकान में संयुक्त परिवार में रहते हैं। वे दूध की डेयरी चलाकर परिवार सदस्य अपना गुजारा चलाते हैं और घर में ही गायों का एक छोटा तबेला भी है।

तीन टीमों के लिए दिए थे ट्रायल

वैभव अरोड़ा ने बीते माह मुश्ताक अली ट्राॅफी में शानदार प्रदर्शन किया। कोलकाता नाइट राइडर्स में चयन से पहले उसने मुंबई इंडियंस व राजस्थान रॉयल टीम के लिए भी ट्रायल दिए थे। वह किंग्स इलेवन पंजाब (अब पंजाब किंग्स) टीम से नेट बॉलर के रूप में भी जुड़ चुका है। लेकिन अब कोलकाता नाइट राइडर्स ने अम्बाला के इस युवा खिलाड़ी पर भरोसा दिखाया।मुश्ताक अली ट्रॉफी में किया था शानदार प्रदर्शन

वैभव ने 8वीं तक की पढ़ाई लार्ड महावीर जैन स्कूल से ली। पहले उसे स्केटिंग का शौक था, 7वीं कक्षा में उसने स्केटिंग की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में ब्रांज मेडल जीता। इसके बाद वैभव क्रिकेट के प्रति आकर्षित हुआ। वैभव को बेहतर कोचिंग के लिए चंडीगढ़ डीएवी स्कूल क्रिकेट अकादमी में दाखिल कराया गया।

परिवार तब वैभव का इतना खर्च नहीं उठा सकता था, मगर वैभव के माता-पिता ने प्रति वर्ष अकादमी फीस सवा लाख जुटाकर एडमिशन दिलवाया। इसके बाद वैभव ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह हिमाचल प्रदेश की टीम में चुना गया। पिछले रणजी सीजन में उसने हिप्र की ओर से सबसे अधिक 29 विकेट लेकर सबका ध्यान खींचा था।

दिसंबर में वैभव कोरोना पॉजिटिव भी हुआ, मगर जल्द रिकवर होकर मैदान में लौटा। पिता गोपाल अरोड़ा ने कहा कि उम्मीद है कि बेटा भविष्य में अच्छा प्रदर्शन कर देश की टीम में अपनी जगह बनाएगा। वैभव इस समय जयपुर में है जहां विजय हजारे ट्राॅफी के लिए वह हिमाचल प्रदेश की ओर से खेल रहा है। पहला मुकाबला 21 फरवरी को होगा। परिवार में वैभव का छोटा भाई नवीन, दादी कृष्णा देवी एवं ताया और अन्य परिजन भी रहते हैं।

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