पश्चिम बंगाल का सियासी घमासान:चुनाव आयोग राज्य में शांतिपूर्ण वोटिंग के लिए सेंट्रल फोर्स की 125 कंपनियां तैनात करेगा, अप्रैल-मई में होने हैं चुनावपश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने सेंट्रल फोर्स की 125 कंपनियों की तैनाती करने का फैसला किया है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, राज्य में शांतिपूर्ण तरह से चुनाव सुनिश्चित कराने के लिहाज से यह कदम उठाया गया है।
25 फरवरी तक राज्य में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) की 60, सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 30, सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) और इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) की 5-5 कंपनियां तैनात की जाएंगी।
तृणमूल लगा चुकी सेंट्रल फोर्स के गलत इस्तेमाल का आरोप
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भाजपा के बीच जुबानी जंग चरम पर है। हाल ही में TMC ने कहा था कि राज्य में BSF भाजपा के लिए काम कर रही है। EC इस मामले को गंभीरता से ले। वहीं, भाजपा ने चुनाव आयोग से अपील की थी कि बंगाल के लोगों में डर है, इसलिए जल्द से जल्द यहां केंद्रीय बल की तैनाती की जाए।
TMC-BJP में सीधी टक्कर
तृणमूल कांग्रेस लगातार दो बार से बंगाल की सत्ता पर काबिज है। 2011 में तृणमूल ने 184 सीटें जीती थीं, जबकि 2016 में उसके खाते में 211 सीटें आई थीं। इस बार ममता सरकार की बड़ी लड़ाई भाजपा से है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद भाजपा विधानसभा में भी उसी प्रदर्शन को दोहराने की कोशिश कर रही है।
30 मई को खत्म हो रहा सरकार का कार्यकाल
ममता बनर्जी सरकार का कार्यकाल 30 मई को खत्म हो रहा है। लिहाजा अप्रैल-मई में ही विधानसभा की 294 सीटों के लिए चुनाव करा लिए जाएंगे।