मलाला को कत्ल की धमकी:तालिबान प्रवक्ता ने कहा- इस बार गलती नहीं होगी; मलाला ने इमरान से पूछा- यह आतंकी कैद से कैसे भागानोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को तालिबान ने फिर जान से मारने की धमकी दी है। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा- अगली बार गलती नहीं होगी। तालिबान ने ही मलाला पर 2012 में जानलेवा हमला किया था। इसके बाद से वे ब्रिटेन में रह रही हैं।
मलाला को ताजा धमकी तालिबान प्रवक्ता अहसानउल्ला अहसान ने दी है। यह वही अहसान है जिसे पाकिस्तान की फौज ने कथित तौर पर 2017 में गिरफ्तार किया। 2020 में वो नाटकीय तौर पर फरार हो गया। नई धमकी के बाद मलाला ने सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान की इमरान खान सरकार और फौज से पूछा- सिर्फ इतना बता दीजिए कि यह आतंकी आपकी कैद से फरार कैसे हुआ।
मलाला ने फौज और इमरान से सवाल पूछा
बुधवार को तालिबान प्रवक्ता अहसान ने मलाला को जान से मारने की धमकी दी थी। सोशल मीडिया पर उसने मलाला को टैग करते हुए लिखा था- अगली मर्तबा हम कोई गलती नहीं करेंगे। इस धमकी के बाद मलाला ने जवाब दिया। इस सोशल एक्टिविस्ट ने पाकिस्तान आर्मी के मीडिया विंग (DGISPR) और प्रधानमंत्री इमरान खान को टैग किया। कहा- ये तालिबान का पूर्व प्रवक्ता है। मुझ पर और दूसरे लोगों पर हमलों की जिम्मेदार है। सोशल मीडिया पर लोगों को धमकी दे रहा है। ये बताइए कि यह शूटर सरकार की कैद से भागा कैसे?
मलाला के ट्वीट के बाद ट्विटर ने अहसानउल्ला अहसान का अकाउंट परमानेंटली सस्पेंड कर दिया। अहसान और उसके साथियों ने ही 9 साल पहले मलाला पर गोलियां चलाईं थीं। उन्हें इलाज के लिए लंदन ले जाया गया था। अब वे स्थायी रूप से वहीं रहती हैं।
वीडियो से सामने आई सच्चाई
2020 में अहसान का एक वीडियो सामने आया। इसमें उसने कहा- मेरा नाम अहसानउल्ला अहसान है। मैं तालिबान का पूर्व प्रवक्ता हूं। पाकिस्तान सेना से एक समझौते के तहत 5 फरवरी 2017 को सरेंडर किया था। फौज वादे से मुकर गई है। इसलिए मैं भी जेल से भाग आया हूं। पाकिस्तानी सेना ने मेरे साथ पूरे परिवार को जेल में डाल दिया था।
अहसानउल्ला अब भले ही खुद को तालिबान का पूर्व प्रवक्ता बता रहा हो, लेकिन सच्चाई यह है कि वो अब भी सोशल मीडिया पर एक्टिव है और तालिबान के तमाम पोस्ट अपने अकाउंट से शेयर करता है।
रिहा किया गया या फरार हुआ
अहसान के इस खुलासे के बाद पाकिस्तान में विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोला। लेकिन, हैरानी की बात यह है कि आज तक न तो पाकिस्तान सरकार ने इस पर कुछ कहा और फौज ने। आरोप जरूर लगे कि किसी डील के तहत अहसान की रिहाई हुई। खास बात यह है कि अहसान ने इस डील के खुलासे का वादा किया था, लेकिन यह वादा अब तक पूरा नहीं हुआ।