साउथ फिल्मों की डबिंग का बढ़ता चलन:डायरेक्टर एस एम आनंदन बोले-साउथ की फिल्में हिंदी में डब होने की सबसे बड़ी वजह ये है कि हिंदी का मार्केट बहुत बड़ा है’बाहुबली’, ‘क्रैक’, ‘रोबोट’, ‘शिवाजी- द बॉस’, ‘मेरी जंग’, ‘विजय द मास्टर’ जैसी कई साउथ की फिल्में हिंदी में डब होकर रिलीज हुईं हैं। इन फिल्मों ने हिंदी सिनेमा में अच्छा कारोबार किया। इनकी सफलता देखकर ‘चक्र का रक्षक’, ‘केजीएफ-2’, ‘पुष्पा’, ‘रेड’, ‘हाथी मेरे साथी’ जैसी फिल्में थिएटर में रिलीज होने जा रही हैं। इस बढ़ते चलन के पीछे तो कई वजह हैं। लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि हिंदी दर्शकों द्वारा साउथ की कहानी को एक्सेप्ट किया जा रहा है। इसके अलावा लॉकडाउन के बाद हिंदी की कोई बड़ी फिल्में रिलीज नहीं हो रही हैं, इसलिए भी साउथ और छोटी फिल्में धड़ाधड़ थिएटर में जगह पा रही हैं।
‘चक्र का रक्षक’ होगी 900 से अधिक सिनेमाघरों में रिलीज
डायरेक्टर एस एम आनंदन ‘चक्र का रक्षक’ को 19 फरवरी को 900 से अधिक सिनेमाघरों में रिलीज करने जा रहे हैं। आनंदन ने साउथ की फिल्मों का हिंदी में डब होकर थिएटर में रिलीज होने की सबसे बड़ी वजह के बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि साउथ की फिल्में हिंदी में डब होने की सबसे बड़ी वजह ये है कि हिंदी का मार्केट बहुत बड़ा है। देखा जाए तो टीवी पर जो फिल्में डब होकर रिलीज होती हैं, उनकी भी टीआरपी बहुत अच्छी रही है। थिएटर में इन दिनों कोई हिंदी की बड़ी फिल्में रिलीज नहीं हो रही हैं, इसलिए अपने रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए साउथ प्रोड्यूसर के लिए ही न सिर्फ अच्छा मौका है, बल्कि साउथ एक्टर के लिए भी नॉर्थ इंडिया में दर्शकों तक पहुंचने के लिए भी अच्छा चांस है। बाहुबली के पहले प्रभास को कोई नहीं जानता था, लेकिन अब उनका नाम है।
आनंदन ने आगे कहा, ‘देखिए अगर कंटेंट अच्छा होगा, तब फिल्में जरूर चलेंगी। फिल्में एंटरटेनर हैं, इसे देखते हुए ‘चक्र का रक्षक’ को 900 से अधिक हिंदी सिनेमाघरों में रिलीज कर रहे हैं। बहरहाल, साउथ की फिल्में हिंदी में डब होकर जो रिलीज होने वाली हैं, उनमें सबसे पहले ‘चक्र’ है, जो 19 फरवरी को रिलीज होगी। इसके अलावा बोनी कपूर निर्मित और अजित, हुमा कुरैशी स्टारर ‘वलीमाई’, ‘अल्लू अर्जुन’, ‘मालविका मोहनन’, ‘प्रकाश राज’ स्टारर तेलुगू फिल्म ‘पुष्पा’, ‘प्रभास’, ‘पूजा हेगडे’, कृष्णम राजू स्टारर ‘राधेश्याम’, ‘केजीएफ-2’, ‘रेड’ जैसी फिल्में हैं।’