मानहानि मामले में फैसला आज:पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की याचिका पर कोर्ट सुना सकता है फैसला; पत्रकार प्रिया रमानी पर बदनाम करने का आरोपपत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट आज फैसला सुनाएगी। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एक फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद 10 फरवरी को इस मामले में फैसला आना था, लेकिन तब कोर्ट ने इसे 17 फरवरी तक के लिए टाल दिया था। रमानी ने एमजे अकबर के खिलाफ 2018 में #MeToo कैम्पेन के तहत यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, तब अकबर केंद्रीय मंत्री थे।
रमानी ने ‘वोग’ के लिए आर्टिकल लिखा था
2017 में जर्नलिस्ट प्रिया रमानी ने ‘वोग’ मैगजीन के लिए एक आर्टिकल लिखा था। इसमें उन्होंने करीब 20 साल पहले नौकरी के लिए इंटरव्यू के दौरान बॉस पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। 2018 में जब देश में मीटू कैम्पेन शुरू हुआ, तब रमानी ने खुलासा किया कि उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति एमजे अकबर थे। तब वे सियासत में नहीं आए थे और जर्नलिस्ट थे। जब रमानी ने यह खुलासा किया, तब अकबर मोदी सरकार में मंत्री थे। 17 अक्टूबर 2018 को अकबर को मंत्री पद छोड़ना पड़ा। अकबर ने इसके बाद रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। पटियाला हाउस कोर्ट में ट्रायल 2019 में शुरू हुआ।
अकबर ने रमानी के आरोपों को काल्पनिक बताया था
ट्रायल के दौरान अकबर ने अदालत को बताया कि रमानी के आरोप काल्पनिक हैं। इससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है। दूसरी ओर, रमानी अपने दावों पर टिकी रहीं। एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडे ने 1 फरवरी को दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
तनुश्री दत्ता ने नाना पर आरोप लगाए और भारत में मीटू कैम्पेन शुरू हुआ
2008 में मूवी ‘हॉर्न ओके प्लीज’ के सेट पर तनुश्री दत्ता के साथ कुछ घटना हुई थी। तनुश्री ने नाना पाटेकर और कोरियोग्राफर गणेश आचार्य पर आरोप लगाए थे। तब मामले ने इतना तूल नहीं पकड़ा। 10 साल बाद 2018 में तनुश्री भारत लौटीं और एक इंटरव्यू दिया। इसमें उन्होंने उस घटना का दोबारा जिक्र किया। कुछ लोगों ने इसे #MeToo से जोड़ दिया। इसके बाद अभिनेता आलोक नाथ, केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर, CPI-M केरल के विधायक माधवन मुकेश और डायरेक्टर विकास बहल भी यौन उत्पीड़न के आरोपों के घेरे में आ गए।