मणिपुर का मदर्स मार्केट 11 महीने बाद दोबारा खुला:यह दुनिया में महिला दुकानदारों का 500 साल पुराना सबसे बड़ा बाजार हैइम्फाल में कोरोना प्रसार रोकने के लिए बंद रहे 3600 दुकानों वाले बाजार की रौनक फिर लौटी
ब्रिटिश काल से ही ये सामाजिक व गैरकानूनी गतिविधियों के खिलाफ अभियान का प्रमुख केंद्र रहा
मणिपुर की राजधानी इंफाल में एक जगह है ‘इमा कैथल’, यानी मदर्स मार्केट। ये इसी सोमवार को फिर खुला है। करीब 11 महीने बाद। इस बाजार की खासियत ये है कि यह पूरी तरह महिला दुकानदारों द्वारा संचालित है। इसका इतिहास 500 से साल से अधिक पुराना है।
इस मायने में (महिला दुकानदारों द्वारा संचालित) यह दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। यहां 3,600 से अधिक महिला व्यवसायियों के प्रतिष्ठान हैं। इस बाजार की कुछ और खासियतें बताते हैं दो बुद्धिजीवी। पहली- इबोयेइमा लैथांगबम और दूसरे राजकुमार कल्याणजीत सिंह। दोनों पेशे से लेखक हैं।
लैथांगबम के मुताबिक इमा कैथल में तीन अलग-अलग परिसर हैं। यहां स्थानीय मणिपुरी उत्पाद, कपड़ों आदि सहित करीब-करीब सभी वस्तुएं बिक्री के लिए उपलब्ध होती हैं। इतना ही नहीं, बाजार पुरुषों के वर्चस्व वाले समाज में महिला सशक्तिकरण का बड़ा प्रतीक है। साथ ही ब्रिटिश काल से ही यह विभिन्न सामाजिक मुद्दों और गैरकानूनी गतिविधियों के खिलाफ अभियान का शीर्ष केंद्र भी रहा है।
ऐसे ही, कल्याणजीत बताते हैं, ‘इमा मार्केट से पुरुषों के आने पर राेक नहीं है। वे खरीदारी कर सकते हैं, पर यहां व्यवसायी के तौर पर नहीं ठहर सकते। पारंपरिक पोषाक पहने मणिपुरी महिलाएं ही दुकानों और स्टालों का संचालन करती हैं। कभी-कभी पारंपरिक त्योहारों और कार्यक्रमों का आयोजन भी यहां किया जाता है।
महिला विक्रेता एक-दूसरे की जरूरतों को पूरा करती हैं और नए विक्रेताओं का मार्गदर्शन भी। पिछले 45 सालों से इमा कैथल में दुकान चला रहीं लैशराम मेमा बताती हैं, ‘पिछले साल 21 मार्च से जब देश में लॉकडाउन लगा, तभी से बाजार बंद है। इसके बाद हम जैसे दैनिक वेतन भोगी गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं।’ राज्य सरकार चाहती है कि सफाई, खरखाव के लिए महीने में एक दिन बाजार बंद रखा जाएा
बाजार बंद होने से 3,879 करोड़ का नुकसान, अब सरकार कर रही मदद
सर्वे के मुताबिक बाजार के बंद होने से यहां की कारोबारी महिलाओं को करीब 3,879 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। बाजार फिर खोले जाने पर सीएम बीरेन सिंह ने ऐलान किया कि महिला विक्रेताओं को इस साल के वेंडर लाइसेंस के शुल्क में छूट दी जाएगी। सरकार ने 100 से अधिक विक्रेताओं के लिए कर्ज की व्यवस्था भी की है।