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किसान महापंचायत:किसी भी चुनाव में भाजपा काे वोट मत देना चाहे काले चोर काे दे देना

किसान महापंचायत:किसी भी चुनाव में भाजपा काे वोट मत देना चाहे काले चोर काे दे देना: गुरनामरोहतक के गढ़ी-सांपला में किसान महापंचायत एवं बसंतपंचमी कार्यक्रम में भाकियू नेता का ऐलान
भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने मंगलवार को किसान महापंचायत में कहा कि जिस देश को बलिदान देकर आजाद करवाया था। अब वह देश नहीं बचा, जो लाेगों का राज, लोगों के द्वारा, लोगों के लिए होता था। आज यह देश काॅरपोरेट का राज, काॅरपोरेट के लिए और काॅरपोरेट के द्वारा बन गया है।

गुरनाम सिंह ने कहा कि पुलिस और अफसर हमारे दुश्मन नहीं है। अब दुश्मन पहचान लो, यदि ये भाजपा वाले गांव में सभा करने, रैली करने या वोट मांगने के लिए घुसे तो इनका इलाज जरूर कर देना। चाहे ये भाजपा वाले पंचायत चुनाव से लेकर एमपी के चुनाव तक किसी भी रूप में खड़ा हो जाए, इन्हें वोट मत देना, चाहे काले चोर का दे देना।

वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सबको उस समय तक मोर्चे पर डटे रहना है, जब तक सरकार इन तीनों काले कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती और एमएसपी की गारंटी लिखित में कानून बनाकर नहीं देती।

वहीं, किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि देश को बेशक राजनीतिक आजादी मिली है, लेकिन आर्थिक आजादी अभी तक नहीं आई है। इसी को लेकर हम लड़ाई लड़ रहे हैं। गुरनाम सिंह ने लोगों को चौधरी सर छोटूराम के दिखाए रास्ते पर चलने की अपील की। सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन पर बैठे किसानों और स्थानीय लोगों के विवाद पर राजेवाल ने कहा कि कि कुछ लोगों को वहां पर भेजा गया था। स्थानीय लोगों को आंदोलन से कोई दिक्कत नहीं है, वह हमारा सहयोग कर रहे हैं।

इंटरनेशनल महासचिव कहने पर नाराज हो चले गए नांदल

भाकियू (अंबावता) के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल को अतिथियों को सम्मानित करने की जिम्मेदारी दी गई थी। जब नांदल की ओर से टिकैत व गुरनाम का सम्मान किया जा रहा था, तब मंच पर संचालकों की ओर से इंटरनेशनल महासचिव कहे जाने पर प्रधान अनिल नाराज हो गए। तीखी नोंक-झोंक हुई। नाराज नांदल मंच छोड़कर समर्थकों समेत वहां से चले गए।

किसान का भला : टिकैत ने कहा कि कृषि मंत्री के विभाग काे 18 मंत्री देखते हैं। जिस विभाग के 18 मंत्री हाेंगे, ताे उसका बुरा हाल ही हाेगा। किसान व खेती दोनों को बचाने के लिए कृषि से जुड़े 18 विभागों को एक जगह जोड़ना बहुत जरूरी है। इसी से किसान का भला होगा।

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