हैप्पी बर्थडे आशुतोष गोवारिकर:अवॉर्ड नाइट में सरेआम आशुतोष ने लगा दी थी साजिद-फराह की क्लास, जवाब मिला- ‘किसी के बाप में दम नहीं है कि मुझे कुछ कहे’बॉलीवुड के डायरेक्टर, एक्टर, स्क्रीन राइटर और प्रोड्यूसर आशुतोष गोवारिकर आज पूरे 57 साल के हो चुके हैं। उन्होंने अपने करियर में स्वदेश, लगान, नाम जैसी कई हिट फिल्में दी हैं। आशुतोष ने साल 2008 की फिल्म जोधा-अकबर भी निर्देशित की थी जिसे उस साल बेस्ट फिल्म का स्टार स्क्रीन अवॉर्ड दिया गया था। जहां एक तरफ अवॉर्ड मिलने की खुशी थी वहीं दूसरी तरफ आशुतोष ने अवॉर्ड लेते हुए फराह और साजिद को खूब फटकार लगाई थी। जन्मदिन के खास मौके पर आइए देखते हैं कि क्यों और कैसे आशुतोष ने फंक्शन में बहस करके सबको हैरान कर दिया था-
साल 2009 में आशुतोष गोवारिकर के निर्देशन में बनी फिल्म जोधा अकबर को बेस्ट फिल्म के लिए स्टार स्क्रीन अवॉर्ड से नवाजा गया था। स्टार स्क्रीन अवॉर्ड को इस साल साजिद खान और उनकी बहन फराह खान ने होस्ट किया था। साजिद लगातार अवॉर्ड लेने आए लोगों के साथ मस्ती मजाक कर सबको हंसा रहे थे हालांकि उनका ये बर्ताव आशुतोष को पसंद नहीं आया। अवॉर्ड लेने पहुंचे आशतोष ने भरी महफिल में कहा, फिल्म इंडस्ट्री का इन अवॉर्ड नाइट में खूब अपमान किया जाता है, जो काफी बुरा है। खासकर इस अवॉर्ड के लिए।आशुतोष- भड़कना मत साजिद और फराह, लेकिन पर्सनल बातें मैं भी कर सकता हूं, मैं भी तुम लोगों का मजाक बना सकता हूं।
साजिद- तुम आगे बोलते रहो।
आशुतोष- नहीं साजिद, मैं चाहता हूं कि तुम्हारे और मेरे बीच कुछ फर्क रहे।
साजिद- ये एक टीवी शो है आशू।
आशुतोष- सॉरी, बीच में मत टोको। मुझे ये बिल्कुल पसंद नहीं आया कि तुमने स्पीच के बीच एक अवॉर्ड विनर को चुप होने को कहा, जबकि बाकी लोग और खासकर तुम्हारा शो इतना ज्यादा टाइम लेता है। मैं अंदर से बहुत दुखी हूं। ये स्क्रीन अवॉर्ड है। मैं हर साल इस अवॉर्ड का इंतजार करता हूं। मैं सुनना चाहता हूं कि लिरिक्स राइटर क्या कहता है, लेकिन उन्हें बीच में टोक दिया गया। मुझे ये बिल्कुल पसंद नहीं आया।
आगे आशुतोष ने अवॉर्ड मिलने पर खुशी जताई और अपनी पूरी टीम को इसका क्रेडिट दिया। इसके बाद उन्होंने कहा, मैं साजिद और फराह से जोर देकर अपील करता हूं, स्टारडम हासिल करना एक बहुत मुश्किल काम है, हम घंटो स्क्रीप्ट लिखते हैं, एक्टर बहुत मेहनत करते हैं, आप इस पोडियम में खत्म करके उनका मजाक नहीं बना सकते।
साजिद- मुझे बता देना कि मैं कब बोल सकता हूं आशु।
आशुतोष- शट अप साजिद।
साजिद- तुम मुझे चुप रहने के लिए नहीं कह सकते आशु।
थोड़ी बहस के बाद आशुतोष जब स्टेज से उतरे तो साजिद ने कहा, ये एक डेमोक्रेटिक देश है, सबको अपनी राय देने का पूरा-पूरा हक है। मुझे लगता है कि जो आशू ने बात कही है उससे कई लोग सहमत हैं मगर ये भी आपको जानना जरूरी है कि अगर फिल्म अवॉर्ड ही फिल्म अवॉर्ड होते तो कोई टीवी नहीं देखता, और इससे रिसेशन और बढ़ता। सच बात ये है कि साजिद खान ने अवॉर्ड नहीं बनाए, अवॉर्ड ने साजिद खान को बनाया। शुक्रिया। मेरा नाम साजिद खान है और जब तक मुझ में जान है मैं लोगों का मनोरंजन करता रहूंगा। कोई मुझे शट अप नहीं बोल सकता। मैं टीवी के लिए काम करता हूं और जब फिल्में बनाता हूं तो ऑडियंस के लिए बनाता हूं, किसी के बाप में इतना दम नहीं है जो मुझे आकर कुछ बोले।फराह- मैं जानती हूं ऑडियंस कि आप लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन मुझे भी कुछ कहना है। मैं पिछले 18 सालों से इस इंडस्ट्री में काम कर रही हूं। मुझे नहीं लगता कि मुझसे ज्यादा कोई इस फिल्म इंडस्ट्री को पसंद करता है। हम मजाक सिर्फ इसलिए करते हैं क्योंकि मुझे लगता है कि हम दोस्तों और परिवार के बीच हैं।
आगे फराह ने कहा- मुझे लगता है कि ये इकलौता अवॉर्ड फंक्शन है जो लोगों को इतना बोलने की इजाजत देता है। आशु अगर आप ऑस्कर में होते तो 40 सेकेण्ड में म्यूजिक बजने लगती और आपको स्टेज से हटा दिया जाता। मैं और साजिद माफी चाहते हैं अगर आपको बुरा लगा हो, लेकिन हम इस शो के लिए माफी नहीं मांगेंगे।