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दुलीना जेल में कैदी व बंदियों से 5 दिन मिले सकेंगे परिजन व वकील हाई पावर्ड कमेटी ने लिया फैसला

सुविधा:दुलीना जेल में कैदी व बंदियों से 5 दिन मिले सकेंगे परिजन व वकीलहाई पावर्ड कमेटी ने लिया फैसला, सोमवार से शुक्रवार तक मुलाकात की मिली अनुमति
कोरोना महामारी के दौरान दुलीना जेल में बंद कैदी और बंदियों से रूटीन की मुलाकात बंद थी। कैदियों व बंदियों से उनके परिजन के साथ-साथ वकील भी नहीं मिल पा रहे थे। ऐसे में अब हाई कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने प्रदेशभर की जेलों में फिर से मुलाकात की व्यवस्था लागू करवाने के लिए सभी जिला मुख्यालयों में आदेश जारी करा दिए हैं।

अब कैदियों को अपने परिवार के सदस्यों के साथ एक सप्ताह में सोमवार से शुक्रवार तक फिर से मुलाकात शुरू करने की अनुमति दी है। विचाराधीन कैदियों व दोषियों को भी हर शनिवार को अपने वकीलों से मिलने की अनुमति दी है। एक महीने में दो बार अपने परिवार के सदस्यों के साथ विचाराधीन कैदी मिलेंगे, जबकि दोषियों को महीने में एक बार मिलने की अनुमति होगी।

यह फैसला हाई पावर्ड कमेटी की 12वीं बैठक में न्यायमूर्ति, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश व हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष राजन गुप्ता की अध्यक्षता में लिया गया। इसमें 2,580 दोषियों जिन्हें हाई पावर्ड कमेटी के आदेशों के जरिए रिहा किया था।

हाई पावर्ड कमेटी का गठन राज्य स्तर पर उच्चतम

न्यायालय के निर्देशों के जरिए जेल से पैरोल, अंतरिम जमानत पर दोषियों, विचाराधीन कैदियों की रिहाई के लिए किया था। यह समिति बनने के बाद से समिति जेलों के अंदर कोरोना संक्रमण के जोखिम से बचने के लिए दोषियों, विचाराधीन कैदियों की पैरोल, जमानत की व्यवस्था बढ़ा रही है।

जिला उपायुक्त के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मौजूदा स्थिति देखते हुए इस समिति ने 9 चरणों में हाई पावर्ड कमेटी की सिफारिशों के जरिए पैरोल पर रिहा किए गए दोषियों का फिर से प्रवेश शुरू करने का फैसला किया है। जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि दोषियों का फिर से उच्चाधिकार समिति की aर से मापदंड के अनुसार पुनः प्रवेश सुनिश्चित करें।

यह पुनः प्रवेश उनके कारावास की अवधि के आधार पर 23 फरवरी से हो। जेल अधिकारियों व स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे एक-दूसरे के साथ तालमेल करें। 2,580 दोषियों के प्रवेश के समय सख्त परीक्षण व प्रोटोकॉल का पालन करें। इस बैठक में यह निर्णय लिया कि जिन कैदियों को 1 फरवरी को पैरोल, फर्लो पर रिहा किया था, वे सक्षम प्राधिकारियों से उन्हें दी गई पैरोल, फर्लो की अवधि समाप्त होने पर आत्मसमर्पण करेंगे।

जेल अधिकारियों को यह मिले आदेश

जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मिलने के दौरान कोविड-19 से बचने के लिए सभी एहतियाती सुरक्षा उपाय करें। इनमें मास्क पहनना, हाथों की सफाई, सामाजिक दूरी है। इसके अलावा, इस समिति ने जेल अधिकारियों को सुरक्षा के आधार पर या कोविड-19 मुद्दों के मद्देनजर एक जेल से दूसरे जेल में कैदियों के स्थानांतरण करने की अनुमति दी है।

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