7-ए की रजिस्ट्रियों से लिया सबक, राजस्व विभाग कराएगा सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की ट्रेनिंगरजिस्ट्री में गड़बड़ी से बचने को कामकाज में और लाई जाएगी पारदर्शिता
राजस्व विभाग प्रदेश की सभी तहसीलों में कार्यरत स्टाफ और पटवारियों को प्रशिक्षण देगा। सभी को आधुनिक तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। चूंकि रजिस्ट्री के दौरान कई तरह की गड़बड़ी हो जाती हैं। इन गड़बड़ियाें से किस तरह से बचें और किस तरह से कामकाज में और पारदर्शिता लाई जाए, इसके लिए प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम बनाया जा रहा है।
फिलहाल तारीख और स्थान तय नहीं हो पाया है। सूत्रों के अनुसार प्रदेशभर में पिछले तीन साल में 7-ए के तहत हुई रजिस्ट्रियों में सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ है कि सिस्टम ही कमजोर था। इसे और ताकतवर बनाने की दरकार है। यदि सिस्टम सही होता तो इतने बड़े स्तर पर खामियां सामने नहीं आती। अब इसी सिस्टम को दुरूस्त करने पर जोर दिया जाएगा।
3 साल की रजिस्ट्रियों की जांच के दिए थे निर्देश
राजस्व विभाग ने यह निर्णय पिछले तीन साल में 7-ए की रजिस्ट्रियों से सबक लेते हुए लिया है। क्योंकि 7-ए की रजिस्ट्रियों की जांच में कई तरह की खामियां पता चली हैं, जिन्हें विभाग के अधिकारी व कर्मचारी सतर्कता बरतकर दूर कर सकते हैं। क्योंकि जांच के दौरान कई ऐसे रजिस्ट्री भी सामने आई थी, जो तहसील के कैमरे की बजाए मोबाइल से फोटो करके की गई हैं।
ऐसी रजिस्ट्रियां अपने आप में संदिग्ध हैं। प्रदेश सरकार ने गत वर्ष तीन साल की रजिस्ट्रियों की जांच कराने के निर्देश दिए थे। करीब 120 नायब तहसीलदार और तहसीलदारों पर गाज गिर सकती है। हालांकि अंतिम निर्णय प्रदेश सरकार को करना है। राजस्व विभाग की ओर से जांच रिपोर्ट कंपाइल कर तीन मंडलों की रिपोर्ट सरकार को भेजी जा चुकी है, जबकि तीन की रिपोर्ट सोमवार तक सरकार के पास पहुंचने की उम्मीद है।
6 मंडलायुक्तों ने की है जांच
प्रदेश के सभी जिलों में पिछले तीन साल में हुई रजिस्ट्रियों की जांच हिसार, अम्बाला, करनाल, रोहतक, फरीदाबाद और गुड़गांव के मंडलायुक्तों ने की है। डिप्टी सीएम ने यह जांच कराने के निर्देश तब दिए थे, जब गत वर्ष लॉकडाउन के बाद रजिस्ट्रियां शुरू हुई थी। तब विपक्ष ने आरोप लगाया था कि प्रदेश में रजिस्ट्री घोटाला हुआ है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के एसीएस संजीव कौशल ने बताया कि राजस्व विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।