हरियाणा सरकार की तैयारी:प्रदेश के 163 कानूनों से हटाया जाएगा ‘पंजाब’ शब्द; विधानससभा के अगले सत्र में लेकर आएंगे प्रस्ताव5 मार्च से शुरू हो रहे हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में प्रदेश के सभी कानून ‘हरियाणवी’ हो जाएंगे। इस सत्र में सरकार ऐसा विधेयक पास करवाने जा रही है, जिससे 163 कानूनों के नाम से ‘पंजाब’ शब्द हटाकर ‘हरियाणा’ जोड़ दिया जाएगा। इसके लिए हरियाणा सरकार एक कमेटी भी गठित की थी। जिसने अपनी सिफारिशें प्रस्तुत कर दी हैं।
साल 1966 में पंजाब से अलग होकर हरियाणा का गठन किया गया था। उस समय पंजाब में जिन अधिनियमों का अस्तित्व था, वे उसी रूप में हरियाणा में लागू कर दिए गए थे।व्यवस्था यह बनी थी कि 1968 में हरियाणा अपनी जरूरतों के मुताबिक इनमें आवश्यक संशोधन कर सकेगा। अनावश्यक कानूनों को हटाने का अधिकार भी प्रदेश की विधानसभा को मिला। हरियाणा को विरासत में जो कानून मिले थे, वे सभी पंजाब के नाम पर थे और गत 54 वर्षों से हरियाणा की शासन व्यवस्था इन्हीं कानूनों के आधार पर चल रही है। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने हरियाणा के अधिनियमों से पंजाब शब्द हटाने के लिए प्रयास शुरू किए हैं।
उनकी पहल पर हरियाणा की विधान पालिका और कार्यपालिका ने मिलकर योजना बनाई। इस संबंध में एक कमेटी का गठन किया गया, जिसमें विधानसभा और प्रदेश सरकार के कानून एवं विधि विभाग के अधिकारी शामिल रहे। विधानसभा अध्यक्ष समय-समय पर इस कमेटी के साथ बैठकें करते रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने विधानसभा सचिवालय में प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव विजय वर्धन, विधान सभा सचिव राजेंद्र कुमार नांदल और कानून एवं विधि विभाग की लीगल रिमेम्ब्रेन्सर बिमलेश तंवर के साथ बैठक की। इस दौरान लीगल रिमेम्ब्रेन्सर बिमलेश तंवर की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने अपनी सिफारिशें मुख्य सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री के सम्मुख प्रस्तुत कीं।
लीगल रिमेम्ब्रेन्सर ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश के अधिनियमों से ‘पंजाब’ शब्द के स्थान पर ‘हरियाणा’ करने में कोई भी कानूनी अड़चन आड़े नहीं आएगी। हरियाणा विधानसभा को किसी भी अधिनियम के शीर्षक और उपशीर्षक में संशोधन करने की भी पूरी शक्ति है। इसके साथ ही मुख्य सचिव विजय वर्धन ने कहा कि ऐसा करने में कोई प्रशासनिक बाधा नहीं है।
बैठक में दोनों अधिकारियों ने बताया कि इस रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री अपनी मंजूरी दे चुके हैं, जिसके बाद विधेयक का मसौदा तैयार करने का रास्ता साफ हो गया है। इस बारे में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि हरियाणा प्रदेश का गौरवशाली इतिहास रहा है। प्रदेश ने शिक्षा और सांस्कृतिक क्षेत्र में भी विशिष्ट पहचान बनाई है। आर्थिक विकास की तीव्र रफ्तार से प्रदेश ने बुलंदियों को छुआ है। इसके बावजूद इसके सभी पुराने कानून पंजाब के नाम पर ही हैं। प्रमुख कानूनों में हरियाणा शब्द जुड़ने से यहां नागरिकों और जनप्रतिनिधियों में स्वाभिमान की भावना जागृत होगी।
अब प्रदेश सरकार का संसदीय कार्य विभाग इस रिपोर्ट के आधार पर विधेयक का मसौदा तैयार करेगा। गुप्ता ने बताया कि हरियाणा के कानूनों के शीर्षकों से ‘पंजाब’ शब्द हटाने के लिए विधेयक 5 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र में प्रस्तुत किया जा सकता है। इसके बाद 163 कानूनों से पंजाब का नाम हट जाएगा।