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सीएम मनोहर लाल से मिले लोग:महेंद्रगढ़ का नाम, भौगोलिक स्थिति यथावत रहेगी,

सीएम मनोहर लाल से मिले लोग:महेंद्रगढ़ का नाम, भौगोलिक स्थिति यथावत रहेगी, इसे दोफाड़ नहीं किया जाएगा: सीएममहेंद्रगढ़ और नारनाैल के जिला मुख्यालय के मुद्दे पर गुड़गांव में सीएम मनोहर लाल से मिले लोग
महेंद्रगढ़ और नारनाैल में जिला मुख्यालय के मुद्दे को लेकर नारनौल जिला मुख्यालय बचाओ संघर्ष समिति, हरियाणा व्यापार मंडल के लोग शनिवार को गुड़गांव के रेस्टहाउस में सीएम मनोरहर लाल से मिलने पहुंचे। इस दौरान सीएम ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जिला महेंद्रगढ़ का नाम, उसकी भौगोलिक स्थिति यथावत रहेगी। इसे दोफाड़ नहीं किया जाएगा।

जिला मुख्यालय नारनौल ही रहेगा। सीएम के इस आश्वासन के बाद उम्मीद है कि नारनौल जिला मुख्यालय बचाओ संर्घ समिति की ओर से न्यायिक परिसर में चल रहा धरना-प्रदर्शन सोमवार से समाप्त हो जाएगा। हालांकि समिति की ओर से महेंद्रगढ़ सब-डिवीजन में एडीजे कोर्ट की स्थापना को रुकवाने और अधिकारियों को सप्ताह में एक दिन मंगलवार महेंद्रगढ़ जाकर काम करने के विरोध को सीएम ने नकार दिया। उन्होंने एडीजे कोर्ट मामले को हाईकोर्ट के पाले में यह करते हुए सरका दिया कि यह फैसला उच्च न्यायालय को करना है कि ऐसी कोर्ट को कहां स्थापित करने की जरूरत है। अधिकारियों को एक दिन के लिए महेंद्रगढ़ भेजने पर उनका तर्क था कि डीसी/एसपी पहले भी जाते रहे हैं, यह कोई नई बात नहीं है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री ओमप्रकाश यादव के नेतृत्व में करीब 25 मिनट तक हुई मुलाकात के दौरान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ भी मौजूद रहे। नारनौल के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को ज्ञापन दिया गया। उन्होंने संघर्ष समिति के सदस्यों को आश्वस्त करते हुए कहा कि जिला मुख्यालय नारनौल में रहेगा। इसे स्थानांतरित करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है। इसके लिए नारनौल के लोगों को किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि आप लोग निश्चिंत रहे, जिला टूटने नहीं दूंगा। मुझे पता है कि नारनौल का इतिहास 400 साल से भी पुराना है।

इस मौके पर राज्यमंत्री ओमप्रकाश यादव ने कहा कि यहां की भौगोलिक स्थिति के अनुसार भी नांगल चौधरी, महेंद्रगढ़ अटेली से महज 15 किलोमीटर से 25 किलोमीटर की दूरी पड़ती है। इसलिए प्रशासनिक ढांचे से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। इधर, न्यायिक परिसर में वकील पिछले एक सप्ताह से नारनौल जिला मुख्यालय बचाने, महेंद्रगढ़ सब डिवीजन मे एडीजे कोर्ट स्थापना का विरोध तथा नारनौल के सभी विभागों के अधिकारियों के सप्ताह में एक दिन महेंद्रगढ़ जाकर काम करने का विरोध करते हुए धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार अब वरिष्ठ वकील सीएम द्वारा दिए गए भरोसे को आधार मानकर फैसला करने के पक्ष में हैं। दूसरे एडीजे कोर्ट की स्थापना मामले में सीएम द्वारा गेंद हाईकोर्ट के पाले में डाल देने पर अब वहां भी रिट डाले जाने की संभावना पर विचार किया जा सकता है।

महेंद्रगढ़ में बार एसो. प्रधान बाेले- धरना स्थगित, संघर्ष समिति ने जारी रखा धरना

महेंद्रगढ़, जिला मुख्यालय की मांग काे लेकर लघु सचिवालय में 83 दिन से चल रहे अनिश्चितकालीन धरने काे लेकर बार में रार हा़े गई है। बार एसोसिएशन के प्रधान ने जहां धरने काे स्थगित करने की घोषणा की है, वहीं धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने धरने काे जारी रखते हुए शनिवार काे धरना दिया। बार एसोसिएशन के बैनर तले चले इस अनिश्चितकालीन धरने काे क्षेत्र के सामाजिक संगठनों व व्यापारी संगठनों की तरफ से पूरा समर्थन मिलता आ रहा है। इसी के कारण 14 दिसंबर व 12 जनवरी काे शहर पूर्ण रूप से बंद हुआ था।

बार एसोसिएशन प्रधान अजीत सिंह यादव ने कहा कि एसोसिएशन ने अपना धरना स्थगित कर दिया है। सरकार ने महेंद्रगढ़ में एडीजे काेर्ट व जिला मुख्यालय की पहल शुरू की है। सीएम ने भी उन्हें आश्वस्त किया है। हमें सीएम पर भराेसा करना चाहिए। उम्मीद है कि सरकार जल्द काे सकारात्मक निर्णय लेगी। यदि सरकार अपने वायदे पर खरी नहीं उतरेगी ताे फिर से धरना शुरू किया जाएगा।

अभी सभी साथियों ने अपना अदालती कामकाज शुरू कर दिया है। कुछ लाेगाें के धरने काे जारी रखने के सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि तीन चार बार के साथी हैं, वाे धरने पर बैठे हैं। यह उनका व्यक्तिगत मामला है। शनिवार को धरने पर बैठे कुछ अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि धरना शुरू हुआ उस समय निर्णय लिया गया था कि जब तक जिला मुख्यालय नहीं आता, तब तक धरना जारी रहेगा।

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