सिरसा हिंसा का मामला:देशद्रोह के आरोप से आरोपियों को मिल चुकी है मुक्ति,

सिरसा हिंसा का मामला:देशद्रोह के आरोप से आरोपियों को मिल चुकी है मुक्ति, चार्ज फ्रेम को लेकर अब 16 को होगी बहसपुलिस ठोस पक्ष नहीं रख पाई तो सत्र न्यायालय हटा चुका है संगीन धाराएं
कोरोना के चलते पिछली तारीख को नहीं हो सकी थी सुनवाई
डेरा सच्चा सौदा सिरसा के मामले में उपद्रव के आरोपियों पर से सत्र न्यायालय में देशद्रोह और जानलेवा हमला करने की धारा हटने के बाद अब निचली अदालत में 16 फरवरी को सुनवाई होगी। इस दौरान आरोपियों पर धारा 188, 147, 148, 149, 435, 332, 353, 186, 120-B, 109 IPC और आर्म्स एक्ट पर चार्ज फ्रेम को लेकर बचाव और सरकारी पक्ष की बहस होगी। इससे पहले अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में चार्ज फ्रेम को लेकर हुई बहस के बाद न्यायालय ने हिंसा में शामिल उपद्रवियों पर से देशद्रोह और जानलेवा हमला करने की धारा हटाने का आदेश दिया था।

25 अगस्त 2017 को साध्वी यौन शोषण मामले में पंचकूला CBI कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी कर दिया था। कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद पंचकूला और सिरसा में हिंसा हुई। हिंसा के दौरान सैकड़ों वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। सिरसा में बेगू बिजली घर और वीटा मिल्क प्लांट में पेट्रोल बम फेंककर आग लगा दी गई। उपद्रवियों ने पुलिस पर भी हमला किया और बचाव में पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी।

69 लोगों की गवाही पर टिका है केस
हिंसा मामले में सिरसा पुलिस ने 900 पेजों का चालान पेश किया है। पूरे प्रकरण में 69 लोगों को सरकारी गवाह बनाया गया है। इसमें पुलिस के ऑफिसर, कर्मचारी और अन्य लोग शामिल हैं। ये पूरा मामला इन 69 लोगों की गवाही पर टिका हुआ है। अधिकांश आरोपियों को कोर्ट से जमानत भी मिल चुकी है। हिंसा के दौरान सिरसा में छह उपद्रवियों की पुलिस फायरिंग में मौत हो गई थी।

क्या कहना है न्यायालय का?
इस मामले में देशद्रोह की धारा 124-A हटाए जाने के संबंध में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय का कहना है कि इस संबंध में गृह मंत्रालय से मंजूरी नहीं ली गई थी। धारा 307 के संबंधमें न्यायालय का कहना है कि इस मामले के प्रासंगिक तथ्यों के अनुसार भीड़ ने पुलिस कर्मचारियों पर पथराव किया और फायरिंग भी। पुलिस कर्मचारियों को चोटे आई लेकिन फाइल में चिकित्सा अधिकारी की फायर आर्म के संबंध में कोई रिपोर्ट नहीं है, फाइल में ये भी नहीं लिखा कि जो चोट आई है वो जीवन के लिए खतरनाक है। पूरी फाइल देखकर ऐसा लगता है कि आरोपियों ने पुलिस कर्मियों पर हमला किया, केवल हमला। प्रथम दृष्टया ये मामला धारा 188, 147, 148, 149, 435, 332, 353, 186, 120-बी, 109 IPC के तहत और सभी आरोपियों के खिलाफ 25/54/59 आर्म्स एक्ट का बनता है।

8 आरोपी अभी भी हैं लापता
डेरा प्रकरण मामले में 8 आरोपी ऐसे हैं, जिन्हें जमीन खा गई या आसमान निगल गया। ये आरोपी अभी तक लापता हैं। इन आरोपियों को कोर्ट ने भगौड़ा घोषित किया हुआ है। हिसा व देशद्रोह के इन आरोपियों में से मुख्य आरोपी वांटेड आदित्य इंसां के खिलाफ हरियाणा पुलिस ने पांच लाख रुपये का इनाम रखा हुआ। आदित्य इंसां को पकड़वाने वाले को पुलिस विभाग ये राशि देगा। इसके अलावा फरार वांटेड आरोपियों में प्रीत नगर निवासी सतविंद्र सिंह, कुलदीप, मलोट निवासी नवदीप, महाराष्ट्र निवासी अभिजीत व डेरा सच्चा सौदा निवासी गुरप्रीत सिंह शामिल है।

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