किसान आंदोलन:महापंचायतों के साथ हो रहा आंदोलन विस्तार, 12 से अधिक खाली प्लॉटों में भी नए पंडाल लगने शुरूपंजाब से भी वापसी कर रहे किसान और खापों के लगने लगे बड़े पंडाल और लंगर
किसान नेता अलग-अलग क्षेत्रों में पहुंच किसानों की महापंचायतें कर रहे हैं। इसका असर बाॅर्डर पर आंदोलन स्थल पर भी दिखाई दे रहा है। पंजाब और हरियाणा से अब काफी संख्या में किसानों की हाजिरी बढ़ रही है। हाईवे के अलावा अब आसपास के एरिया में भी किसान डेरा जमाने लगे हैं। कुंडली बॉर्डर से केएमपी-केजीपी तक 12 से अधिक खाली प्लॉट व स्थानों को व्यवस्थित कर नए पंडाल लगाए जा रहे हैं।
लंबे समय से आंदोलन में पेट्रोल पंप के पास किसानों के ठहराव और लंगर सेवा दे रही दहिया खाप ने तो काफी बड़ी संख्या में खाली जमीन को ट्रैक्टरों से समतल करवाकर अपना बड़ा पंडाल व लंगर सेवा चलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। चांद पहलवान ने बताया कि किसानों की बढ़ती भागीदारी को देखते हुए दायरा बढ़ाया जा रहा है। 21 फरवरी को दहिया खाप के गांवों में किसान नेताओं की महापंचायत भी करवाई जाएगी।
पंजाब से भी वापसी
आंदोलन में 45 हजार से अधिक किसान कुंडली बॉर्डर पर धरने में शामिल हैं। इनमें 25 हजार के करीब पंजाब एवं 20 हजार के करीब हरियाणा के किसानों का आंकलन लगाया गया है। आसपास के जिलों से हर दिन ट्रैक्टर-ट्राॅलियों में आने-जाने वाले महिलाएं और पुरुष किसान भी संख्या काफी है।
करीब 12 किलोमीटर में आंदोलन का विस्तार हो चुका है। राई एजुकेशन सिटी के बाहर जहां पहले 15 से 20 ट्राॅलियां थीं। वहां भी संख्या 100 के करीब पहुंच रही है। किसानों ने सड़क पर आने-जाने का रास्ता सुगम करने के लिए साइड में ट्रैक्टर-ट्राॅली लगा लिए हैं। पटियाला के किसान सुखविंद्र ने बताया कि साइड में नए पंडाल लगाए जा रहे हैं, ताकि और किसानों की व्यवस्था की जा सके।
इन जिलों से दिल्ली कूच सोनीपत, रोहतक व जींद क्षेत्र की दहिया, दलाल, आंतिल, सरोहा, बिनैन, देशवाल खाप ने अपने पंडाल लगाए हैं। पानीपत व करनाल जिले के अलावा अन्य क्षेत्र से किसान भी आकर जमे हैं और लंगर सेवा चलाई गई है। कई लंगर में तो स्थाई तौर पर स्टील की प्लेट इस्तेमाल में लाई जाने लगी हैं, ताकि आसपास कचरा न फैले। सफाई व्यवस्था के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से 200 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 20 के करीब जरूरतमंद लोगों को सेवा में लगाया है। किसान अपने साथ राशन लेकर पहुंच रहे हैं।