खूनी दंगल:अखाड़े में हिस्सेदारी की सुखविंद्र को थी चाह; समझौते की आड़ में 5 हत्याएं, दाे जानें अब भी अस्पताल में मौत से लड़ रहींसुखविंद्र ने मनोज को कहा था- तुम और साक्षी नौकरी लग चुके, मेरा हिस्सा डाल लो
जाट कॉलेज के पास कुश्ती टीम जाट कॉलेज अखाड़ा में शुक्रवार देर शाम 8 बजे हुए गोलीकांड में 5 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में सोनीपत के सरगथल निवासी मनोज मलिक, उसकी पत्नी साक्षी मलिक, मोखरा निवासी प्रदीप उर्फ फौजी, मांडौठी निवासी सतीश दलाल और यूपी के मथुरा निवासी पूजा शामिल हैं।
मनोज मलिक जाट कॉलेज में डीपीई थे और कॉलेज के पास ही एक अखाड़े का संचालन करते थे। हत्याकांड के पीछे अखाड़ा संचालन की हिस्सेदारी का विवाद बताया जा रहा है। 5 लोगों की हत्या का आरोपी सुखविंद्र अखाड़े में दो साल से ट्रेनर के तौर पर काम कर रहा था।
कुछ दिन पहले ही मनोज ने उसे अखाड़े से हटा दिया था। सूत्रों के अनुसार सुखविंद्र अखाड़े में हिस्सेदारी चाहता था। लेकिन उसे ट्रेनर से ही हटाने पर वो मनोज से रंजिश रखने लगा। शुक्रवार को उसने समझौते की बात कही थी। लेकिन इसकी आड़ में हत्याकांड कर दिया। पुलिस को दी शिकायत में मृतक मनोज के छोटे भाई प्रमोज ने आरोप लगाया है कि सुखविंद्र के खिलाफ अखाड़े में आने वाली महिला पहलवान के घरवालों ने शिकायत दी थी। इसके बाद ही उसके भाई ने उसे अखाड़े से हटाया था। शुक्रवार देर शाम सुखविंद्र इसी विवाद में बातचीत के बहाने अखाड़े में पहुंचा था।
ये बात भी सामने आ रही है कि अखाड़े के जिम्नेजियम हॉल के ऊपर बने एक रेस्ट रूम में अखाड़े के सभी कोच और आरोपी के बीच समझौते के लिए बातचीत चली थी। इसी दौरान सुखविंद्र ने फायरिंग कर 5 लोगों की जान ले ली।
इलाज के दौरान रात को कोमा में गया मासूम सरताज, हालत गंभीर
गोलीकांड में अपनी मां और पिता को गंवाने वाले 3 साल के सरताज की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। उसकी बाईं आंख के पास गोली लगी है। इलाज के दौरान देर रात वो कोमा में चला गया। सरगथल गांव से पहुंचे मनोज के परिवार वाले उसके बच जाने की सारी रात दुआ करते रहे।
गोलियां मारने के बाद… रेस्ट रूम को ताला लगा भागा था आरोपी
जाट कॉलेज के पास अखाड़े में हुए गोलीकांड में आरोपी सुखविंद्र की मानसिकता की कहानी भी सामने आ रही है। पुलिस के अनुसार आरोपी सुखविंद्र वारदात को अंजाम देने के बाद रेस्ट रूम को ताला लगाकर भागा था। नीचे जिम्नेजियम हॉल में प्रैक्टिस कर रहे पहलवान जब ऊपर पहुंचे तो उन्हें माजरा समझ नहीं आया कि गोलियां कहां चली हैं। इसके बाद कमरे में मनोज कोच के घायल बेटे सरताज के रोने की आवाज आई। इसके बाद प्रैक्टिस करने वाले बच्चों ने ताला तोड़ा।
इसी बीच पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने जब तक कमरे में लोगों को संभाला तब तक साक्षी, पूजा, प्रदीप की मौत हो चुकी थी। मनोज, अमरजीत, सरताज और सतीश दलाल की सांसे चल रही थी। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां कुछ देर बाद मनोज और सतीश को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
सुखविंद्र के खिलाफ आ रहीं थीं शिकायतें मनोज नहीं चाहता था वह अखाड़ा संभाले
अखाड़े से संबंधित रहे कुछ पहलवानों की मानें तो ट्रेनर से हटाने के बाद सुखविंद्र ने मनोज से कहा था कि वो अखाड़े में उसे हिस्सा दे दे तो उसका भी रोजगार चल जाएगा। सुखविंद्र का तर्क था कि वो दो साल से उसके अंडर है। मनोज और साक्षी को नौकरी मिल चुकी है। ऐसे में अगर उसे अखाड़े का संचालन मिल जाएगा तो उसका भी रोजगार चल जाएगा। लेकिन मनोज सुखविंद्र की शिकायतों पर उसे अखाड़ा नहीं देना चाहता था।
बरौदा में डबल मर्डर की उड़ी अफवाह
अखाड़े में 5 लोगों की हत्या के बाद सकते में आई रोहतक पुलिस को एक अफवाह ने भी खासा परेशान किया। अफवाह उड़ी कि सुखविंद्र के गांव बरौदा में भी डबल मर्डर इस मामले से जोड़ कर हुआ है। पुलिस टीम वहां पहुंची लेकिन सब ठीक निकला। इसके बाद सुखविंद्र के परिवार से पूछताछ की।
सेना से रिटायर्ड हैं आरोपी सुखविंद्र के पिता, कर रखा है बेदखल
5 लोगों की हत्या मामले में मुख्यारोपी सुखविंद्र मोर मूलरूप से सोनीपत के बरौदा गांव का रहने वाला है। उसके पिता मेहर सिंह सेना से रिटायर्ड हैं। सुखविंद्र शादीशुदा है और उसके ढाई साल का एक बेटा है। सूत्रों के अनुसार सुखविंद्र और उसकी पत्नी को पिता मेहर सिंह ने अपनी जायदाद से बेदखल कर रखा है। रोहतक पुलिस की एक टीम देर रात बरौदा पहुंची है। आरोपी के पिता के अलावा उसके दोस्तों से पूछताछ की जा रही है।