बाइडेन प्रशासन से भारतवंशी संस्था की मांग:ग्रीन कार्ड पर कंट्री कैप हटाए जाने तक नए भारतीयों को H-1B वीसा जारी नहीं करे सरकारभारतीय-अमेरिकियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक इमिग्रेशन एडवोकेसी ग्रूप ने बाइडेन प्रशासन से ग्रीन कार्ड पर कंट्री कैप हटाए जाने तक किसी भी भारतीय को एच1बी वर्क वीजा जारी नहीं करने का आग्रह किया है।
इमिग्रेशन वॉयस नामक संस्था के अमन कपूर ने कहा कि अमेरिका में पहले से मौजूद भारतीयों को भेदभावपूर्ण ग्रीन कार्ड के कारण पर्मानेंट रेसीडेंट के लिए दशकों तक इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में अगर ज्यादा से ज्यादा भारतीयों को नए एच-1 बी वीजा जारी किए गए तो यह समस्या आगे और ज्यादा बड़ी हो जाएगी। इसलिए इस पर रोक लगनी चाहिए।
क्या है ग्रीन कार्ड प्लान?
दूसरे देशों से काम करने आने वालों को अमेरिका ग्रीन कार्ड जारी करता है। इसकी वैलिडिटी 10 साल होती है। इसके बाद इसे रिन्यू कराना होता है। यह एक तरह से अमेरिका का परमानेंट रेजिडेंट कार्ड है। इसका रंग हरा होता है, इसलिए इसे ग्रीन कार्ड कहा जाने लगा।
ग्रीन कार्ड के लिए लंबी वेटिंग
अब तक अमेरिका ने हर देश के लिए सात प्रतिशत का कोटा तय कर रखा था। बाकी लोग वेटिंग लिस्ट में चले जाते थे। समय के साथ वेटिंग लिस्ट लंबी होती गई। एक अनुमान के मुताबिक, करीब 20 लाख लोग ऐसे हैं जो ग्रीन कार्ड मिलने का इंतजार कर रहे हैं। नए कानून से यह लिमिट हट जाएगी। अब मेरिट के आधार पर ग्रीन कार्ड मिला करेगा।
भारतीय आईटी पेशेवरों को सबसे ज्यादा फायदा
हर साल अमेरिका 85,000 नए एच-1 बी वीजा देता है। इनमें से लगभग 70% यानी 60,000 वीजा भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए जारी किए जाते हैं। नए वीजा का रजिस्ट्रेशन 9 मार्च से शुरू हाेगा जो 25 मार्च तक चलेगी। 31 मार्च काे लाॅटरी सिस्टम से सफल आवेदकाें की घाेषणा की जाएगी।