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दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि:पीएम मोदी ने कहा- हमारी सरकार ने उनको भी सम्मान दिया,

दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि:पीएम मोदी ने कहा- हमारी सरकार ने उनको भी सम्मान दिया, जिनका हमारी पार्टी से कोई नाता नहीं रहा; हमारा विश्वास वंशवाद में नहींभारतीय जनसंघ (अब भारतीय जनता पार्टी) के सह-संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की आज पुण्यतिथि है। दिल्ली के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। इसमें भाजपा के सभी सांसद मौजूद रहे। पीएम मोदी ने पं. दीनदयाल उपाध्याय को याद करते हुए कहा, ‘हम राजनीति में सर्वसम्मति को महत्व देते हैं। मैंने संसद में कहा था कि बहुमत से सरकार चलती है लेकिन देश सहमति से चलता है। हम सिर्फ सरकार चलाने नहीं आए हैं, देश को आगे ले जाने आए हैं। हम चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं इसका यह मतलब नहीं कि हम एक दूसरे का सम्मान नहीं करते। हमारी सरकार ने उनको भी सम्मान दिया जो न तो कभी हमारी पार्टी में रहे और न ही हमारे गठबंधन का हिस्सा रहे।’
पीएम मोदी की प्रमुख बातें

  1. टेक्नोलॉजी से गरीब को हक मिल रहा

टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल लोगों से कनेक्ट करने में मददगार होता है। इसका एक अहम माध्यम नमो एप भी है। नमो एप पर जो टूल्स हैं, वो आपको जनता जनार्दन से संवाद में सहायता कर सकते हैं और इसकी एक बड़ी ताकत ये है कि ये टू वे कम्युनिकेशन का भी बहुत अच्छा प्लेटफॉर्म है। आप लोगों तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं और लोग भी उतनी आसानी से अपनी बात आप तक पहुंचा सकते हैं।
डिजिटल लेन-देन करना अब लोगों के व्यवहार का हिस्सा बनता जा रहा है। टेक्नोलॉजी के बेहतर इस्तेमाल की वजह से अब गरीब से गरीब व्यक्ति अपना हक बिना किसी भ्रष्ट्राचार के पा रहा है।

  1. नेताजी सुभाष चंद्र बोस को हमारी सरकार ने सम्मान दिया
    ये हमारी ही सरकार है जिसने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को वो सम्मान दिया जिसके वो हकदार थे। उनसे जुड़ी हुई फाइल्स को खोला। सरदार पटेल की दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा बनवाकर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया। बाबा साहब अंबेडकर को भी भारत रत्न तब मिला जब बीजेपी के समर्थन से सरकार बनी थी।
    हमारी पार्टी, हमारी सरकार आज महात्मा गांधी के उन सिद्धांतों पर चल रही है जो हमें प्रेम और करुणा के पाठ पढ़ाते हैं। हमने बापू की 150वीं जयंती भी मनाई, और उनके आदर्शों को अपनी राजनीति में, अपने जीवन में भी उतारा।
  2. वंशवाद नहीं, कार्यकर्ताओं को महत्व देते हैं
    पीएम मोदी ने कहा- राजनीतिक छुआछूत का विचार हमारा संस्कार नहीं है। आज देश भी इस विचार को अस्वीकार कर चुका है। हमारी पार्टी में वंशवाद को नहीं कार्यकर्ताओं को महत्व दिया जाता है। प्रणब मुखर्जी, तरुण गोगोई, एससी जमीर इनमें से कोई भी राजनेता हमारी पार्टी या फिर गठबंधन का हिस्सा कभी नहीं रहे। लेकिन राष्ट्र के प्रति उनके योगदान का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। हमारे राजनीतिक दल अलग हो सकते हैं, हमारे विचार अलग हो सकते हैं। हम चुनाव में पूरी शक्ति से एक दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं, पर इसका मतलब ये नहीं कि हम अपने राजनीतिक विरोधी का सम्मान ना करें।
  3. हमने जो फैसले लिए उन पर आपको गर्व होगा
    देश में नए जनजाति कार्य मंत्रालय का गठन भाजपा की ही सरकार में हुआ है। ये भाजपा सरकार की ही देन है कि पिछड़ा आयोग को देश में संवैधानिक दर्जा मिल सका है। ये भाजपा की सरकार है जिसने सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को भी आरक्षण देने का काम किया है। हमारी पार्टी ने अपनी सरकारों में ऐसी कितनी ही उपलब्धियां हासिल की हैं जिन पर आपको गर्व होगा। आने वाली पीढ़ियों को गर्व होगा। जो निर्णय देश में बहुत कठिन माने जाते थे, राजनीतिक रूप से मुश्किल माने जाते थे, हमने वो निर्णय लिए, और सबको साथ लेकर लिए। हमें गर्व होता है कि हम अपने महापुरुषों के सपनों को पूरा कर रहे हैं। हमें गर्व है कि हमारी विचारधारा देशभक्ति को ही अपना सब कुछ मानती है।
  4. हमारी विचारधारा नेशन फर्स्ट है
    हमारी विचारधारा नेशन फर्स्ट की बात करती है। लोकल इकॉनमी पर विजन इस बात का प्रमाण है। आज ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र से देश का ये विजन साकार हो रहा है। आज आत्मनिर्भर भारत अभियान देश के गांव-गरीब, किसान, मजदूर और मध्यम वर्ग के भविष्य निर्माण का माध्यम बन रहा है। आज भारत में डिफेंस कॉरिडॉर बन रहे हैं। स्वदेशी हथियार बन रहे हैं और तेजस जैसे फाइटर जेट्स भी बन रहे हैं। हथियार के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता से अगर भारत की ताकत और भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है, तो विचार की आत्मनिर्भरता से भारत आज दुनिया के कई क्षेत्रों में नेतृत्व दे रहा है। आज भारत की विदेश नीति दबाव और प्रभाव से मुक्त होकर, राष्ट्र प्रथम के नियम से चल रही है।

1951 में भारतीय जनसंघ की रखी थी नींव
विचारक, दार्शनिक और भारतीय जनसंघ के सह-संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर 1916 को मथुरा में हुआ था। पंडित दीनदयाल स्नातक की पढ़ाई के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए थे। बाद में उन्हें संघ का प्रचारक बनाया गया।
साल 1951 में भारतीय जनसंघ की नींव रखी गई थी और इस पार्टी को बनाने का पूरा कार्य उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ मिलकर किया था। 11 फरवरी 1968 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय का निधन हो गया था।

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