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महापंचायत वाली राजनीति:निगाहें चार राज्यों के जाटलैंड पर, UP में प्रियंका

महापंचायत वाली राजनीति:निगाहें चार राज्यों के जाटलैंड पर, UP में प्रियंका, राजस्थान में राहुल के हाथ कमानराहुल राजस्थान में 12-13 फरवरी को रैली करेंगे, हरियाणा-पंजाब में पार्टी के क्षत्रप कमान संभालेंगे
किसान आंदोलन से उपजे आक्रोश की लहर पर सवार होकर कांग्रेस ने उत्तरी भारत के चार प्रमुख राज्यों के जाट समुदाय को अपने पक्ष में करने का अभियान छेड़ दिया है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी बुधवार को उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के चिलकाना में आयोजित किसानों की महापंचायत में शामिल हुईं। यह वही क्षेत्र है जहां कांग्रेस ने अपना जनाधार खो दिया था।

वहीं, दूसरी तरफ राहुल गांधी भी राजस्थान के जाट बहुल इलाकों में रैलियों की शुरुआत कर रहे हैं। श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में उनकी दो रैलियां 12 और 13 फरवरी को होने वाली हैं। हरियाणा में कांग्रेस अपने परम्परागत जाट वोट को एकजुट रखने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्‌डा को मैदान में उतारे हुए हैं। पंजाब में भी पार्टी की यही रणनीति है।

जाट नेता राकेश टिकैत के पुलिस कार्रवाई के दौरान रोने की घटना से पूरा समुदाय आक्रोश में है। ऐसे में अजित सिंह और उनके बेटे जयंत चैधरी के राष्ट्रीय लोकदल और कांग्रेस ने उन पर सियासी दांव लगाया है। जयंत चौधरी भी बुधवार को बुलंदशहर में किसानों की महापंचायत में शामिल हुए।

किसान, जाट, मुस्लिम मतों का समीकरण कांग्रेस की नई वोट इंजीनियरिंग

कांग्रेस की नजर पश्चिमी उप्र की जाट बहुल सीटों पर है। यहां 12% जाट हैं। इस क्षेत्र की 44 विधानसभा सीटों में मजबूत मौजूदगी है। भाजपा ने 2017 के चुनाव में इनमें से 37 सीटें जीती थीं। अगर यह वोट शेयर शिफ्ट होकर कांग्रेस-रालोद गठबंधन के साथ जाता है तो अल्पसंख्यक वोटों के साथ यह अपराजेय समीकरण बन सकता है। दूसरी ओर, जाट वोटों के खिसकने से भाजपा को भारी नुकसान हो सकता है। प. यूपी में उसे 43.6% वोट मिले थे। प्रदेश के कुल 41% वोट से यह दो प्रतिशत ज्यादा था। एक चुनाव सर्वे के मुताबिक पिछले आम चुनाव में 70-85% जाटों ने भाजपा को वोट दिया। वहीं, 2014 लोकसभा चुनाव से पहले 20% से भी कम जाटों ने भाजपा को वोट दिया था।

राजस्थान में भी 9% वोटों के साथ जाट समुदाय सबसे बड़ा जातीय गुट

राजस्थान में भी 9% वोटों के साथ जाट समुदाय सबसे बड़ा जातीय गुट है। राज्य में 200 सदस्यों की विधानसभा में कम से कम 37 सीटें जाट बहुल हैं। मारवाड़ और शेखावटी क्षेत्र की 31 सीटों पर 25 जाट नेता ही जीतकर आए। पार्टी विधानसभा के साथ लोकसभा में भी जाट वोटों को जोड़ना चाहती है।

प्रियंका ने कहा- कांग्रेस की सरकार बनने पर खत्म होंगे तीनों कृषि कानून

महापंचायत में प्रियंका ने कहा कांग्रेस सरकार आएगी तो यह कृषि कानून रद्द होगा। आप खड़े होइए, हिम्मत बनाइये, यह अस्तित्व का आंदोलन है और हम आपके साथ हैं। 78 दिन से किसान बॉर्डर पर है। लेकिन पीएम को इसकी फिक्र नहीं है। जो 3 कानून हैं वो राक्षस रूपी हैं। पहला कानून जमाखोरी के दरवाजे खोलेगा।

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