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खतरा टला नहीं है:देश मेंं हर कोरोना मरीज दो लोगों को संक्रमित कर सकता है,

खतरा टला नहीं है:देश मेंं हर कोरोना मरीज दो लोगों को संक्रमित कर सकता है, लापरवाही 75% आबादी को ले सकती है जद मेंदेश में कोरोना के सक्रिय मरीज1.32% ही, हफ्ते में मौतें 96 तक सिमटीं; पर 10 हजार मरीज रोज आ रहे
मास्क, शारीरिक दूरी और अब वैक्सीन से वायरस का फैलाव थमा रहा; पर अभी यह गया नहीं है
देश में कोरोना मरीज लगातार घट रहे हैं। मौतों के आंकड़ों में भी कमी आई है, लेकिन कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। अब भी रोज 10 हजार मरीज आ रहे हैं। आईसीएमआर के एपिडेमोलॉजिस्ट और कम्यूनिकेबल डिसीज के वैज्ञानिक डॉ. समीरन पांडा बताते हैं, ‘राष्ट्रीय सीरो सर्वे से यह स्पष्ट है कि अभी भी देश में करीब 75% लोगों के लिए खतरा टला नहीं है।’ अभी कुल मरीजों में महज एक लाख 43 हजार (1.32%) ही सक्रिय मरीज हैं। बीते एक हफ्ते में हुई औसत मौतें देखी जाएं, तो यह संख्या भी 96 तक सिमट गई है।

बड़े शहरों में ‘आर’ नंबर 1.5 और छोटों में 2.5 के करीब है

डॉ. पांडा के अनुसार देश में हर कोरोना मरीज से दो स्वस्थ व्यक्ति में संक्रमण फैलने का खतरा अब भी है। वायरस की प्रजनन दर का ‘रिप्रोडक्टिव (आर) नंबर’ से मूल्यांकन होता है। कोरोना का देश के बड़े शहरों में ‘आर’ नंबर 1.5 और छोटे शहरों में करीब 2.5 है, यानी वायरस बड़े शहरों में एक और छोटों में 2 लोगों को संक्रमित कर सकता है।

फ्रांस में 75% लोगों में एंटीबॉडी मिलने के बाद भी केस बढ़े

डॉ. पांडा ने बताया कि एक समय फ्रांस में सिरो सर्वे में बताया गया था कि करीब 75% आबादी में एंटीबॉडी आ चुकी, पर वहां महामारी की दूसरी लहर देखी गई है। ऐसे ही एक समय था जब इंग्लैंड में एक दिन में 500 केस तक रह गए थे और लोग लापरवाह हो गए। नतीजा यह हुआ कि एक-एक दिन में फिर से 25 हजार तक कोरोना मरीज रिकाॅर्ड किए जाने लगे।

देश के बड़े शहरों में 60% लोग ठीक हुए, बाकी जगह ऐसा नहीं

अशोका विवि के त्रिवेदी स्कूल ऑफ बॉयोसाइंसेज के निदेशक वाॅयरोलॉजिस्ट प्रो. शाहीद जमील ने कहा कि सीरो सर्वे के अनुसार दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में करीब 60% आबादी संक्रमित होकर ठीक हो चुकी। देश में बाकी जगह यह स्थिति नहीं है। उनका मानना है देश में 25 वर्ष के आयु वर्ग वालों में वायरस का ए-सिम्टोमैटिक संक्रमण फैला होगा।

संभव है ग्रामीण इलाकों में लंबे समय तक मरीज मिलते रहें

पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई) के प्रेसिडेंट प्रो. के श्रीनाथ रेड्डी के अनुसार मास्क, शारीरिक दूरी और अब वैक्सीन की वजह से वायरस का फैलाव थमा। पर अभी यह गया नहीं है। ग्रामीण इलाकों में यह बीमारी पूरी तरह नहीं पहुंची है। आने वाले समय में भी नहीं पहुंचेगी कह नहीं सकते। संभव है वहां मरीज लंबे समय तक मिलते रहें।

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