कृषि कानूनों का विरोध:भाजपा नेता का हर कार्यक्रम में करें विरोध, अगला कार्यक्रम कोठियों के घेराव का: चढ़ूनीगधौला के पास चल रहे धरने पर पहुंचे भाकियू प्रदेशाध्यक्ष,
पीएम, सीएम, सांसद नायब सैनी के साथ बाबा रामदेव, अडानी व अंबानी भी गुरनाम के निशाने पर रहे
केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानून के विरोध में बुधवार को गधौला के पास चल रहे धरने पर किसान सभा हुई, जिसमें भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे।
उन्होंने भाजपा सरकार, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री का तो मंच से विरोध किया ही साथ ही बाबा रामदेव, अडानी व अंबानी को भी कोसा। मंच से ही इनके प्रोडक्ट न खरीदने का आह्वान भी किया। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि धार्मिक स्थलों को छोड़कर भाजपा के नेता जहां भी, जिस भी कार्यक्रम में जाएं, उनका जमकर विरोध करें।
क्योंकि किसान आंदोलन वास्तव किसानों का धर्म युद्ध है। हम इस युद्ध को जीतकर ही रुकेंगे। उन्होंने कहा कि यदि ये कानून लागू हुए तो चंद पूंजीपंतियों के गोदामाें में देशभर का अनाज जमा हो जाएगा, फिर ये इसे मनमाने दाम में बचेंगे। इससे लोगों की परेशानी बढ़ेगी।
जैसै करनाल में सीएम का विरोध किया, वैसा ही सांसद का भी करें
चढ़ूनी ने किसानों में जोश भरते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश में किसान पंचायतें करने की बात कही थी। उन्होंने सीएम से इसके लिए मना किया था, लेकिन वह नहीं माने। नतीजा हुआ कि किसानों ने उनका हेलीकाप्टर तक नहीं उतरने दिया। सीएम को सभी किसान पंचायतें रद्द करनी पड़ीं।
सांसद नायब सैनी का ऐसा ही विरोध जारी रखें। किसानों से आह्वान किया कि जो लोग अभी किसानों का साथ नहीं दे रहे, वह जब किसी भी चुनाव में वोट मांगने आएं तो उन्हें गांव में नहीं घुसने देना। आईटी सेल कई तरह के षड्यंत्र रच रहा है पर अभी तक किसान एकता ने इन्हें सफल नहीं होने दिया।
छोटे किसान दुनिया के बाजार का सामना नहीं कर पाएंगे
चढ़ूनी ने आरोप लगाया कि पीएम भले ही कहते हैं कि एमएसपी था, है और रहेगा, लेकिन सरकार इसका कानून बनाने से पीछे हट रही है। कहा कि भारत सरकार विश्व व्यापार संगठन के समझौते के कारण एमएसपी से भाग रही है। इस संगठन के नियम अनुसार भारतीय किसानों को विश्व बाजार से ज्यादा फसल का दाम नहीं मिलेगा।
चढ़ूनी ने उदाहरण दिया कि अमेरिका, आस्ट्रेलिया जैसे देशों में किसानों के पास हजारों एकड़ जमीन है, जबकि भारत में छोटे किसान हैं। ये छोटे किसान दुनिया के बाजार का सामना नहीं कर पाएंगे और इन्हें जमीनें बेचने को मजबूर होना पड़ेगा। चढ़ूनी ने कहा कि बैठक में उन्होंने अमित शाह से पूछा था कि सरकार ने जिन 23 फसलों को एमएसपी में रखा है, उन्हें पूरा खरीदेगी तो उन्होंने इनकार कर दिया था। रैली के मंच पर कई संगठनों चंदा भी दिया। जनसभा को बाबूराम गुंदियाना, संजू गुंदियाना, सुभाष गुर्जर सहित अन्य किसानों नेताओं ने भी संबोधित किया।
गुरनाम के पुत्र हर्षपाल काे किया सम्मानित
मंच से भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी की अगली पीढ़ी ने भी संघर्ष शुरू कर दिया है। बुधवार को कार्यक्रम में गुरनाम चढ़ूनी के पुत्र हर्षपाल चढ़ूनी भी पहुंचे। आयोजकों ने हर्षपाल को सम्मानित भी किया। हालांकि हर्षपाल ने जनसभा को संबोधित नहीं किया। सम्मान लेने के बाद वे मंच से उतर गए।
बाबू राम के जज्बे को सलाम
लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे भाकियू के वयोवृद्ध नेता बाबूराम गुंदियाना मंच पर सबसे पहले पहुंचे। बाबू राम जी की उम्र अब 85 वर्ष से अधिक है, लेकिन किसानों के लिए संघर्ष में उनका जज्बा अभी भी युवा सरीखा है। वह अस्वस्थता के कारण वे ज्यादा देर खड़े नहीं हो सकते, इसलिए 2 युवाओं ने उन्हें सहारा दिया और उन्होंने अपने अनुभवों से किसानों में जोश भरा। मंच पर जब गुरनाम सिंह पहुंचे तो उन्होंने बाबूराम का फूल माला पहनाकर सम्मान किया और उनका कुशलक्षेम भी पूछा।