एकजुटता:हर छोटे-बड़े दुकानदार ने रोष में नहीं खोली अपनी दुकान, जारी रहेगा संघर्ष -जिला बचाओ संघर्ष समिति का नारनौल कोर्ट कैंपस में धरनाजिला मुख्यालय बचाने को एकजुट नारनौल, नांगल चौधरी, अटेली व निजामपुर के लोग; बाजार बंद कर जताया रोष
साडा हक एथे रख ,ये हैं दाे प्रमुख मांगें -1. जिले का नाम महेंद्रगढ़ से बदलकर नारनौल किया जाए, 2.महेंद्रगढ़ में अधिकारियों के बैठने के आदेश रद्द करें
बात वजूद बचाने की थी, इसलिए मंगलवार काे जिला बार एसोसिएशन व जिला बचाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर जिला मुख्यालय बचाने के लिए नारनौल, नांगल चौधरी, अटेली व निजामपुर के लोगों, व्यापारियों ने एकजुटता दिखाई और अपने प्रतिष्ठान पूरे दिन पूरी तरह से बंद रखकर अपना विरोध जताया।
सभी कि यही मूल मांग है कि ‘सदियों से महेंद्रगढ़ जिले के मुख्यालय बने आ रहे नारनौल को जिला मुख्यालय ही बनाए रखा जाना चाहिए’। इसके अलावा ‘जिले का नाम भी बदलकर अब नारनौल रखा जाना चाहिए’। साथ ही सरकार ने पिछले सप्ताह प्रत्येक मंगलवार को नारनौल मुख्यालय पर रहने वाले जिला स्तरीय तमाम अधिकारी के महेंद्रगढ़ बैठने का जो आदेश जारी किया है, उसे तत्काल रद्द किया जाए तथा महेंद्रगढ़ में एडीजे कोर्ट के शुरू करने की कार्रवाई पर भी रोक लगे।
अपनी इस मांग के प्रति लोगों की प्रतिबद्धता इस कदर थी कि अनेक बरसों के बाद जब शहर बंद किया गया तो कहीं भी चाय या पान-बीड़ी की दुकान तक नहीं खुली मिली। इसके अलावा जिला बार एसोसिएशन व जिला बचाओ संघर्ष समिति नारनौल ने न्यायिक परिसर में छठे दिन भी धरना जारी रखा।
जिला मुख्यालय बचाओ समिति के आह्वान पर जहां निजामपुर, नांगल चौधरी और अटेली के बाजार पूर्ण रूप से बंद रहे। वहीं इस बंद में प्राइवेट स्कूलों ने भी अपनी भागीदारी दिखाई और स्कूलों को भी पूर्ण रूप से बंद रखा। पहली बार ऐसा हुआ कि वकीलों के समूह दिनभर इस बात के लिए जानकारी लेते रहे कि शहर या क्षेत्र में कहीं दुकानें या बार तो नहीं खुले हैं।
महावीर चौक पर समूह बनाकर बैठे वरिष्ठ अधिवक्ता कर्णसिंह यादव ने कहा कि हमारी तीनों मांगें जायज हैं और इसीके चलते आज का बंद पूरी तरह से सफल रहा। एडवोकेट राकेश महत्ता का कहना था कि जब तक सरकार इन पर ध्यान नहीं देगी विरोध जारी रहेगा। हमारी मांग है कि जिले का नाम महेंद्रगढ़ से बदलकर नारनौल किया जाए, साथ ही प्रत्येक मंगलवार को महेंद्रगढ़ में अधिकारियों के बैठने के आदेश को रद्द किया जाए।
दूसरी ओर जिला मुख्यालय बचाओ संघर्ष समिति नारनौल के प्रधान अशोक यादव एवं हरियाणा व्यापार मंडल के जिला प्रधान बजरंगलाल अग्रवाल के नेतृत्व में सुबह 7 बजे से ही हरियाणा व्यापार मंडल के सभी पदाधिकारी एवं ट्रेड यूनियन के प्रधान एवं संघर्ष समिति के सदस्य अधिवक्तागण शहर के सभी बाजारों में घूमते रहे।
बजरंगलाल अग्रवाल ने इस अभूतपूर्व बंद को समर्थन देने के लिए व्यापारिक ट्रेड यूनियनों के प्रधानों एवं सामाजिक संस्थाओं का शिक्षण संस्थाओं का हरियाणा व्यापार मंडल एवं संघर्ष समिति की ओर से धन्यवाद दिया। संघर्ष समिति व व्यापार मंडल ट्रेड यूनियन के प्रधानों ने अपने अपने विचार रखे और उन्होंने एक स्वर में कहा कि नारनौल जिला मुख्यालय ही नहीं, नारनौल जिला नाम होना चाहिए।
जिले के आला अधिकारी पहुंचे महेंद्रगढ़, निपटाए काम
महेंद्रगढ़ | जिले के लोगों के लिए 9 फरवरी 2021 का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण रहा। अब लोगों को अपने किसी भी काम और समस्या के लिए नारनौल नहीं जाना पढ़ेगा, क्योंकि अब जिले का प्रशासन महेंद्रगढ़ आ गया है। महेंद्रगढ़ बार एसोसिएशन और यहां के लोगों के लंबे संघर्ष और आंदोलन का नतीजा है कि जिले के सभी आला अधिकारी प्रत्येक मंगलवार को महेंद्रगढ़ मेें बैठकर जिले का कामकाज करेंगे।
अटेली कस्बा पूरी तरह रहा बंद, सब्जी की दुकानें व निजी स्कूल भी नहीं खुले
जिला मुख्यालय बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले मंगलवार को अटेली कस्बा पूर्ण रूप से बंद रहा। अटेली तहसील में वकील, स्टाॅम्प वैंडर व अन्य फार्म विक्रेता पूरी तरह हड़ताल पर रहे। इस कारण तहसील का कार्य प्रभावित रहा। सुबह-सुबह व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने जनसंपर्क कर दुकानदारों से अपने प्रतिष्ठान मुख्यालयों को बचाने के लिए अपील की।
अटेली ब्लॉक में निजी स्कूल बंद भी रहे। व्यापारी राकेश अग्रवाल, रतनलाल गर्ग, किशन सैनी, मुकेश गर्ग ने सभी दुकानदारों से प्रतिष्ठान बंद करवाये। कस्बे में सब्जी ही नहीं चाय तक की दुकानें नहीं खुलीं। वहीं कस्बे में एक 2-3 परचून के दुकानदारों ने 12 बजे बाद अपनी दुकानेें खोल दी तो अन्य दुकानदारों ने उनको बंद करने को कहा। पुराना बस स्टैंड व नये बस बस स्टैंड पर कुछ दुकानदारों ने जरूरी दुकानें खोली। व्यापरियों ने इन दुकानदारों को फटकार लगाई थी। केवल मेडिकल स्टोर और अस्पताल ही खुल रहे।
अटेली से विधायकसीताराम की राय
प्रदेश सरकार की अभी नारनौल व महेंद्रगढ़ को अलग-अलग जिले बनाने की कोई योजना नहीं
दूसरी ओर विधायक सीताराम यादव ने कहा कि हमने बंद की काॅल नहीं की थी। यह बंद बार एसोएिसशन नारनौल व नारनौल व्यापार मंडल के आह्वान पर हुआ है। सरकार की नारनौल से जिला मुख्यालय हटाने की कोई योजना नहीं हैं। जिले का नाम महेंद्रगढ़ रहे हमें कोई आपत्ति नहीं हैं। शुरू से हीं जिले से संबंधित जिला कार्यालय नारनौल में रहे हैं। अगर एक दिन के लिए जिला स्तर के अधिकारी महेंद्रगढ़ में बैठकर लोगों की समस्याएं सुनें तो भी हमारी कोई आपत्ति नहीं हैं।
अभी सरकार नारनौल व महेंद्रगढ़ को अलग-अलग जिले बनाने की कोई योजना नहीं हैं। रही बात एडीजे के बैठने की तो अगर महेंद्रगढ़ क्षेत्र के लिए अलग से एडीजे के बैठने की कोर्ट अगर व्यवस्था करता है तो इसमें हमें कोई ऐतराज भी नहीं होना चाहिए। फिर भी मेरा यह कहना है कि लोगों को बाजार आदि बंद करना गलत है।
वैसे उनका लोकतांत्रिक अधिकार है, जब सरकार की कोई जिला मुख्यालय कार्यालय हटाने की ही योजना नहीं है तो बंद करना मेरी समझ से परे है। अगर भविष्य में कभी जिले को महेंद्रगढ़ व नारनौल को जिला बनने के मापदंड को पूरे करे तो बने, इसमें किसी को एतराज भी नहीं होना चाहिए।