अब यादों में चिम्पू जी:राजीव को याद कर भावुक हुए रजा मुराद, शक्ति कपूर और सुषमा सेठ, आशुतोष ने लिखा- अपनी आखिरी फिल्म तुलसीदास जूनियर नहीं देख पाएकपूर खानदान की तीसरी पीढ़ी के एक्टर-डायरेक्टर राजीव कपूर यानी चिम्पू पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। 58 साल के राजीव का मंगलवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। लेकिन अपने भाई ऋषि कपूर की तरह ही वे भी अपनी आखिरी फिल्म तुलसीदास जूनियर नहीं देख सके। यह बात आशुतोष गोवारिकर ने अपने सोशल मीडिया पर शेयर की।आशुतोष ने लिखा- राजीव कपूर के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ! मैं ‘राम तेरी गंगा मैली’ के दिनों से उनका फैन रहा हूं। मृदुल के डायरेक्शन और मेरे होम प्रोडक्शन में बनी तुलसीदास जूनियर का हाल ही में शूट रैप किया था। राजीव बहुत मिलनसार थे और उन्होंने बहुत मज़े और सहजता के साथ अपनी भूमिका निभाई। उनकी बहुत याद आएगी। आशुतोष ने यह भी बताया कि दो दिन पहले ही उनकी टीम ने राजीव को कॉल कर फिल्म प्रमोशन के लिए इंटरव्यूज देने की बात कही थी।बहुत बड़ा गुलदस्ता लेकर आए थे- सुषमा सेठ
राम तेरी गंगा मैली में राजीव की को-स्टार रहीं सुषमा सेठ ने ने कहा। सुषमा ने कहा- बेहद दुखद खबर!! राजीव के साथ राम तेरी गंगा मैली में उनकी बड़ी मां का रोल निभाया था हम पहली बार ‘प्रेम रोग’ के सेट पर मिले थे। वे राज कपूर को असिस्ट कर रहे थे। मुझे याद है, सेट पर पहले दिन वो मेरे लिए बहुत बड़ा गुलदस्ता लेकर आए थे। इतना बड़ा जितना मैंने पहले कभी नहीं देखा था। आज मेरी आंखों के सामने वही चीजें आ रही हैं। प्रेम रोग में असिस्टेंट के तौर पर उनकी नई-नई शुरुआत थी लेकिन वे बहुत डेडिकेटेड थे। उनके साथ शूटिंग करने का बहुत अच्छा अनुभव रहा। कपूर खानदान खातिरदारी करने के लिए जाना जाता है। राजीव भी उनमें से एक थे।राजीव की खबर सुनकर मेरा दिल रो रहा है- शक्ति कपूर
शक्ति कपूर ने यह खबर सुनकर कहा- राजीव मेरे बहुत अच्छे मित्र और बहुत अच्छे इंसान थे। मैं अभी मुंबई में नहीं हूं, पर उनके निधन की खबर सुनकर मेरा दिल रो रहा है। कपूर परिवार के दो बेटों का इस कोरोना काल में इंतकाल हो गया। बहुत अफसोस की बात है। कपूर फैमिली के लिए यह बहुत बड़ी ट्रैजेडी है। फिल्म इंडस्ट्री के लिए वह बिगेस्ट फैमिली हैं। मैंने राजीव के साथ अंगारे और मेरा साथी, दो फिल्मों में काम किया। चिंटू और करिश्मा के साथ भी काम किया। मेरा परिवार, मेरी धर्मपत्नी, मेरी साली पद्मिनी कोल्हापुरे आदि सभी कपूर खानदान के बहुत करीब हैं। ऐसी दुख खबर सुनकर मेरा दिल रो रहा है।उन्हें वह पहचान नहीं मिली, जो मंदाकिनी को मिली-रजा मुराद
रजा ने कहा-बेहद ही अफ़सोस की बात है। उनके साथ मेरी पहली वह प्रेम रोग थी। बतौर अस्सिस्टेंट राजीव ट्राली चलाते थे, फ्लोर क्लीन करते थे। राज साहब ने उनकी आम इंसान की तरह परवरिश की थी। ये उम्र नहीं है जाने की लेकिन क्या करें समय से पहले हमें छोड़ कर चला गया। राजीव अकेलेपन का शिकार थे, वे ज्यादातर अपने पूना वाले घर में रहते थे। कभी यह सुनने में नहीं आया कि राजीव ने किसी प्रोड्यूसर को तंग किया हो। मगर हर कोई ऋषि कपूर या राज कपूर तो नहीं हो सकता। हम उसे चिंपू बुलाते थे। वह हमसे रजा साहब से पुकारते थे। राम तेरी गंगा मैली में हमारी फाइट में हर सीन के बाद वह मुझसे पूछते कि कहीं मुझे चोट तो नहीं लगी। उसे वह मुकाम नहीं मिल सका, जिसका वह हकदार था। शायद यही वजह रही, जो उसे अकेलेपन की लत लग गई थी।