टेरर फंडिंग:मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी, मनी लॉन्ड्रिंग केस में NIA कोर्ट की कार्रवाईदिल्ली में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) कोर्ट ने लश्कर-ए-तैयबा चीफ और 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED के आरोपों पर हाफिज समेत 3 अन्य के खिलाफ यह फैसला किया है।
हाफिज फिलहाल पाकिस्तान की जेल में बंद है। वह मुंबई में हुए आतंकी हमले का मुख्य आरोपी है। इसमें 166 लोगों की मौत हुई थी। इस केस में हाफिज के करीबी 3 लोगों के खिलाफ भी वारंट जारी किया गया है।
जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग केस में हाफिज के साथी
जहूर अहमद शाह, कश्मीरी बिजनेसमैन
अल्ताफ अहमद शाह उर्फ फंटूस, अलगाववादी
नवल किशोर कपूर, UAE के बिजनेसमैन
पाकिस्तान में भी हाफिज सईद के गुर्गों पर शिकंजा पाकिस्तान की एक एंटी टेररिज्म कोर्ट ने पिछले महीने ही आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद को अवैध फंडिंग मामले में 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। सईद के साथ दो और आरोपियों प्रो. जफर इकबाल और याह्या मुजाहिद को दो मामलों में 5-5 साल और दूसरे मामले में 6 महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी। उन पर 1,10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। सभी की चल-अचल संपत्ति जब्त कर ली गई थी।
चैरिटी के बहाने आतंक फैला रहा हाफिज
हाफिज सईद लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है। 11 सितंबर, 2001 में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के बाद अमेरिका ने इस संगठन को विदेशी आतंकी संगठनों की लिस्ट में शामिल किया था। 2002 में पाकिस्तान सरकार ने भी लश्कर पर पाबंदी लगा दी थी। उसके बाद हाफिज सईद ने नया संगठन जमात-उद-दावा बनाया था। अब वह इसी संगठन को चैरिटी बताकर आतंक के लिए पैसा इकट्ठा करता है। इस पैसे का इस्तेमाल आतंक फैलाने के लिए किया जाता है।