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एअर इंडिया को 13 साल का सबसे बड़ा घाटा:महाराजा को बेचने में दिक्कत और बढ़ेगी,

एअर इंडिया को 13 साल का सबसे बड़ा घाटा:महाराजा को बेचने में दिक्कत और बढ़ेगी, वैल्यूएशन घटने की आशंकाएअर इंडिया को कोविड-19 से सबसे ज्यादा फटका लगेगा। इसके रेवेन्यू और घाटा में और ज्यादा अंतर आने की आशंका है
2017-19 में इसका नुकसान 5,300 करोड़ रुपए था। इसके बाद इसका घाटा और बढ़ता गया। 2018-19 में घाटा बढ़कर 8,500 करोड़ रुपए हुआ
सरकारी विमानन कंपनी एअर इंडिया को बेचने में सरकार को और दिक्कत आ सकती है। आशंका है कि पिछले 13 सालों में इसको सबसे बड़ा घाटा होने जा रहा है। वित्त वर्ष 2020-21 में इसका घाटा 10 हजार करोड़ रुपए होने की आशंका है। ऐसे में इसका वैल्यूएशन घट सकता है।

2007 में एअर इंडिया और इंडियन एअर लाइंस को मिलाया गया

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब से इंडियन एअर लाइंस को एअर इंडिया में मिलाया गया है, तब से अब तक का यह सबसे बड़ा घाटा होगा। इंडियन एअर लाइंस को 2007 में मिलाया गया था। महाराजा के नाम से प्रसिद्ध एअर इंडिया को कोविड-19 से सबसे ज्यादा फटका लगेगा। इसके रेवेन्यू और घाटा में और ज्यादा अंतर आने की आशंका है।

8 हजार का कारोबारी नुकसान

बताया जा रहा है कि इसका कारोबारी नुकसान 8 हजार करोड़ रुपए हो सकता है। जबकि 2 हजार करोड़ रुपए का अन्य नुकसान होने की संभावना है। 2017-19 में इसका नुकसान 5,300 करोड़ रुपए था। इसके बाद इसका घाटा और बढ़ता गया। 2018-19 में घाटा बढ़कर 8,500 करोड़ रुपए तो हुआ, पर 2019-20 में यह मामूली घट कर 8 हजार करोड़ रुपए हो गया।

बजट में 4 हजार करोड़ रुपए जुटाने की घोषणा

हालिया पेश बजट में एअर इंडिया के 4 हजार करोड़ रुपए जुटाए जाने की बात कही गई थी। हालांकि चालू वित्त वर्ष में यह 6 हजार करोड़ रुपए जुटाने की योजना बनाई है। इसमें से अब तक इसने 4 हजार करोड़ रुपए जुटा भी लिया है। पैसे की जरूरत इसलिए है ताकि इसका ऑपरेशन चालू रखा जाए। यानी इसे चलाया जाता रहे।

20 साल से बिक रही है एअर इंडिया

बता दें कि एअर इंडिया को बेचने की कोशिश काफी लंबे समय से हो रही है। 20 साल पहले से इसे बेचा जा रहा है। उस समय 20% हिस्सेदारी बेचने की बात हो रही थी। हालांकि इस समय इसकी पूरी हिस्सेदारी बेचने की योजना है। अब तक ढेर सारी कंपनियों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है। पर सरकार की शर्तों और इसके भारी-भरकम कर्ज के कारण कोई खरीदार नहीं आ पा रहा है।

टाटा ग्रुप की दिलचस्पी

हालांकि टाटा ग्रुप अभी भी इसको खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहा है। क्योंकि टाटा ग्रुप ने ही इसकी शुरुआत की थी। टाटा ग्रुप के सामने यह दिक्कत है कि वह एअर एशिया और विस्तारा में पहले से ही भागीदार है। एअर एशिया में एअर एशिया अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है। ऐसे में टाटा ग्रुप इसकी पूरी हिस्सेदारी खरीद सकता है।

2017 में 74 पर्सेंट हिस्सा बेचने की योजना थी

सरकार 2017 में एअर इंडिया में 74% हिस्सेदारी बेच रही थी। पर बाद में इसे बढ़ाकर 100% कर दिया गया था। इसके साथ ही एअर इंडिया एक्सप्रेस में भी सरकार पूरी हिस्सेदारी बेच रही है। एअर इंडिया पर 38,366 करोड़ रुपए का कर्ज है। जबकि सरकारी विभागों पर एअर इंडिया का 500 करोड़ रुपए का बकाया है। एअर इंडिया के पास कुल 46 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति है। इसमें जमीन, बिल्डिंग, फ्लीट और अन्य संपत्तियां हैं।

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