पर्यावरण से खिलवाड़ का असर:ऑस्ट्रेलिया में 61 साल की रिकॉर्ड गर्मी से आग; अमेरिका में 122 साल की रिकॉर्ड बर्फबारीऑस्ट्रेलिया में 1960 के बाद 40 डिग्री तक पहुंच गया तापमान; वजह- जलवायु परिवर्तन
न्यूजर्सी में बर्फीले तूफान के चलते तीन दिन में 40 इंच यानी 3 फीट से ज्यादा बर्फबारी हुई
2.55 करोड़ की आबादी वाला ऑस्ट्रेलिया एक तरफ कोरोना से उबरने में जुटा है। वहीं बढ़ते तापमान के कारण जंगलों में लगी आग ने मुसीबत बढ़ा दी है। यह आग लॉकडाउन का सामना कर रहे पर्थ में लगी है। इस आग से 25 हजार एकड़ जंगल जल चुका है। 80 घर भी खाक हो चुके हैं। आग बुझाने के लिए दमकल विभाग के 250 कर्मचारी और दो हेलीकॉप्टर लगे हैं।
मौसम एजेंसी के मुताबिक, जनवरी-फरवरी में ऑस्ट्रेलिया का औसत तापमान 17 से 25 डिग्री के बीच रहता है। लेकिन इस साल यह 40.2 डिग्री तक पहुंच गया है। इस कारण भयानक गर्मी पड़ रही है, जिसने पिछले 61 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इससे पहले 1960 में 37.2 डिग्री तापमान पहुंचा था। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि जलवायु परिवर्तन बढ़े तापमान और तेज हवाओं के कारण आग तेजी से फैल रही है।
बर्फीला तूफान ‘ओरलेना’ कमजोर होकर इंग्लैंड की तरफ बढ़ा, अब राहत
अमेरिका में इस हफ्ते आए बर्फीले तूफान ‘ओरलेना’ के कारण न्यूजर्सी में करीब 40 इंच (3 फीट से ज्यादा) बर्फबारी हुई। इसने पिछले 122 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस तूफान के चलते न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन और बोस्टन समेत 20 से ज्यादा राज्यों में बर्फबारी हुई। इस कारण जनजीवन भी अस्त-व्यस्त है। कई सड़कें जाम हो गईं। हजारों उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। वहीं, बर्फबारी के कारण कुछ राज्यों में स्कूल भी बंद करने पड़े।
मौसम विभाग के मुताबिक, न्यूजर्सी के आर्लिंगटन में 40 इंच बर्फ गिरी। इससे पहले 1899 में यहां 34 इंच बर्फ गिरी थी। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि अटलांटिक क्षेत्र से बर्फीली हवाओं के कारण पूर्वी अमेरिका में बर्फबारी हुई। करीब 90 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलीं। हालांकि, गुरुवार को यह तूफान कमजोर होकर इंग्लैंड की ओर बढ़ गया।