किसान आंदोलन:20 पूर्व IFS की कृषि कानूनों के समर्थन में चिट्ठी, कहा- बाजार और किसानों की उपज की सुरक्षा के बीच का संतुलन नाजुककिसान आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर विपक्षी नेताओं ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से गुरुवार को मुलाकात की। विपक्षी दलों में कांग्रेस, डीएमके और राकांपा भी शामिल थे। विपक्ष के नेताओं ने स्पीकर से कहा कि किसान आंदोलन और कृषि कानूनों पर सदन में अलग से चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान इस पर चर्चा नहीं चाहते हैं। विपक्षी नेताओं ने कहा कि अगर सरकार हमारे प्रस्ताव पर राजी होती है, तो हम चर्चा में हिस्सा लेंगे।
कृषि कानूनों के समर्थन में 20 पूर्व IFS की चिट्ठी
इस बीच, 20 पूर्व भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारियों ने कृषि कानून के समर्थन में एक खुली चिट्ठी लिखी है। अजय स्वरूप, मोहन कुमार, वीना सीकरी समेत 20 पूर्व IFS ने कहा कि बाजार की शक्तियों और किसानों की उपज की सुरक्षा व उनके फायदे के बीच का संतुलन नाजुक है। ऐसे में एक ही वक्त में किसी एक के दोनों हाथों में लड्डू नहीं हो सकते।
पूर्व IFS ने खुली चिट्ठी में लिखा, ‘आज कृषि क्षेत्र की मांग है कि किसान अपने उत्पादन में विविधता लाने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल करें। सरकार के तीनों कृषि कानून इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’ इन अधिकारियों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के प्रावधान का भी समर्थन किया है। इन्होंने विकसित देशों द्वारा इस पर सवाल उठाए जाने को भी गलत बताया है।
लाल किले पर हिंसा भड़काने वाला हरमन गिरफ्तार
इधर, किसान आंदोलन के 71वें दिन दिल्ली पुलिस ने लाल किले पर हिंसा भड़काने के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को बताया कि गिरफ्तार किया गया धर्मेंद्र सिंह हरमन 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान अपनी कार में बैठकर किसानों को उकसा रहा था। वो दिल्ली के अर्जुन नगर का रहने वाला है और शाहीन बाग के प्रदर्शन के वक्त भी काफी सक्रिय था।
सुबह गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों से मिलने पहुंचे 10 विपक्षी दलों के 15 नेताओं को पुलिस ने रोक दिया। इन हलचलों के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने हालात पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल और दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव के बीच हाईलेवल मीटिंग हुई।
पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर सड़क से कीलें हटाईं
पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए कुछ दिन पहले कई लेयर की बैरिकेडिंग करने के साथ ही सड़कों पर कीलें भी लगा दी थीं। इस पर किसान नेताओं और विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा था। लेकिन, गुरुवार को इन कीलों को हटाने के फोटो और वीडियो सामने आए। इसके बाद पुलिस ने सफाई दी कि कीलों को एक जगह से हटाकर दूसरी जगह लगाया जाएगा। साथ ही कहा कि बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होगा।भारत ने अमेरिका के बयान पर दिया रिएक्शन
अमेरिका ने भारत के कृषि कानूनों की तारीफ की है। उसका कहना है कि इन सुधारों से भारतीय बाजार मजबूत होगा और निजी निवेश भी बढ़ेगा। अमेरिका किसी भी शांतिपूर्ण आंदोलन का समर्थन करता है, यह लोकतंत्र की पहचान है।
इस बयान पर गुरुवार शाम विदेश मंत्रालय ने कहा कि लालकिले पर हुई हिंसा पर जैसी प्रतिक्रिया आई वैसी ही भावनाएं कैपिटल हिल की हिंसा के बाद अमेरिका के लोगों में थी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका के बयान को उसी संदर्भ में लिया जाना चाहिए, जिस संदर्भ में उसे कहा गया है।किसान नेता बोले- अब मंत्रियों से बात नहीं करेंगे, PM आगे आएं
किसान आंदोलन तेज करने के लिए बुधवार को हरियाणा के जींद जिले के कंडेला गांव में किसान महापंचायत हुई थी। इसमें भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था, ‘अब कृषि मंत्री या फिर किसी और मंत्री से बातचीत नहीं करेंगे। अब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को बातचीत के लिए आगे आना होगा। अभी तो किसान कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं, जब गद्दी वापसी की मांग करेंगे तब सरकार क्या करेगी? जब कोई राजा डरता है तो किले बंदी का सहारा लेता है। ठीक ऐसा ही हो रहा है। बॉर्डर पर जो कीलबंदी की गई है, ऐसे तो दुश्मन के लिए भी नहीं की जाती है।’
महापंचायत में 5 प्रस्ताव पास हुए थे