12 गांवों से ग्राउंड रिपाेर्ट:कमेटियां संभाल रहीं कमान, घर-घर से चंदा कलेक्शन,

12 गांवों से ग्राउंड रिपाेर्ट:कमेटियां संभाल रहीं कमान, घर-घर से चंदा कलेक्शन, हर गांव से रोजाना टोल और दिल्ली बॉर्डर कूच कर रहे किसानहर गांव की अपनी कमेटी, युवा और बुजुर्ग संभाल रहे जिम्मेदारियां, रोटेशनवाइज लगी ड्यूटी
इंटरनेट पर बने ग्रुपों से लेकर गांवों में नुक्कड़ बैठकों में भी किसान आंदोलन की बातें
कृषि कानूनों के विरोध में सवा 2 महीनों से किसान आंदोलन जारी है। आंदोलन गांव-गांव, घर-घर तक पहुंच चुका है। बच्चे, युवा, बुजुर्ग, महिलाएं हर वर्ग के लोग इसमें जुड़े हैं। गांव के पंचायत घरों से लेकर दिल्ली बाॅर्डर तक किसान आवाज उठा रहे हैं। गांव में इन दिनों सबसे बड़ा टॉकिंग प्वाइंट किसान आंदोलन बना हुआ है।बुधवार को जिले के 12 बड़े गांव से ग्राउंड रिपोर्ट की। अग्राेहा, सुलखनी, बरवाला, उकलाना और बालसमंद, हांसी क्षेत्र के ग्रामीणाें से बातचीत की। अलग-अलग गांवाें में कहीं किसान पंचायत कर आगामी रणनीति बना रहे थे ताे कहीं युवा वर्ग दूध, सब्जी और खाने पीने के सामान काे एकत्रित कर टाेल नाकाें व दिल्ली बाॅर्डर पर पहुंचाने के लिए लगे थे।गांव से रोज ट्रैक्टर व वाहन दिल्ली या टोल नाकों के लिए पहुंच रहा है। घर-घर से चंदा जुटाया जा रहा है। कमेटियां चंदे की उगाही और आंदोलन में भागीदारों का पूरा लेखा-जोखा रख रही हैं। मांग है कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी को लेकर कानून बने।

अग्रोहा: किरमारा व लांधड़ी गांवों के लोगों की आंदोलन में अहम भूमिका

किरमारा में किसान आंदोलन के लिए दो कमेटियां बनीं हैं। एक टीम धर्मपाल लोहचब व सेवानिवृत्त मास्टर सुमेर चंद जाखड़ के नेतृत्व में और दूसरी युवाओं की टीम सुभाष किरमारा व प्रदीप परड़ौदा के नेतृत्व में काम कर रही है। कमेटी के अनुसार सुबह युवाओं की टीम लोगों को किसान आंदोलन के लिए गलियों में जागरूक करती है।

युवा दूध-आटा आदि सामग्री इकट्ठे करते हैं और जिसके लिए दो गाड़ियां लगाई हैं, जो हर तीसरे दिन सामग्री को लेकर लांधड़ी टोल और टिकरी बॉर्डर लेकर जाते हैं। महिलाओं की टीम संतरो लोहचब के नेतृत्व में हर रोज लांधड़ी टोल पर भंडारे में सेवा करती हैं। किरमारा की चौपाल में भी तीन बार महापंचायत हो चुकी है।

सुलखनी: घिराय में चंदा जुटाया, आंदोलन में राेज भेजा जा रहा 6 क्विंटल दूध

घिराय गांव से रोज 6 क्विंटल दूध आंदाेलनरत किसानाें के लिए भेजा जाता है। प्रति एकड़ 100 का चंदा जुटाया जा रहा है। ग्रामीणों ने 15 सदस्यों की कमेटी बनाई है। कमेटी के प्रधान देवी राम सोनी के मुताबिक जबरदस्ती कर चंदा नहीं लिया जा रहा। लोग मर्जी मुताबिक दे रहे हैं। गांव से हर रोज 20 व्यक्ति आंदोलन में शामिल हाेते हैं।

वहीं डाटा गांव में प्रति एकड़ 50 रुपए और 100 रुपए कुढ़ी के हिसाब से चंदा लिया जा रहा है। वहीं रोज 100 लीटर दूध 200 लीटर लस्सी गांव से आंदोलन में जा रही है। बारी-बारी 10 व्यक्ति गांव से रोज आंदोलन में शामिल होने जाते हैं। गांव में 35 सदस्य ठोले वाइज कमेटी निगरानी करती है। ग्रामीण करीब 5 लाख रुपये का चंदा जुटा चुके हैं।

हांसी: सिसाय के लोग आंदोलन में फूंक रहे जान, रोज जाते हैं बॉर्डर पर

सिसाय कालीरामण और सिसाय बोलान। दो गांवों का समूह, जिसे सिसाय के नाम से जाना जाता है। प्रदेश का सबसे बड़ा गांव। दोनों गांवों को मिलाकर अब बेशक नगर पालिका बना दिया गया है, लेकिन पहचान अभी तक गांव के रूप में है। किसान आंदोलन में दोनों गांवों के लोग जान फूंक रहे हैं। आंदोलनरत किसानों के समर्थन में 6 दिसंबर को दिल्ली बॉर्डर पर बहादुरगढ़ के पास कसार के नजदीक डेरा डाला। किसानों के लिए लंगर शुरू किया।

लंगर अभी तक चल रहा है और रोज गांव से तीन सौ लीटर दूध, पांच सौ लीटर लस्सी, सब्जियां और आटा कैंटर से भेजा जाता है। रोज ट्रैक्टर बॉर्डर पर आते और जाते हैं। किसान आंदोलन के लिए पहले तय किया था किसानों से प्रति एकड़ 1 सौ रुपए चंदा लिया जाए।

आंदोलन लंबा खिंचा तो अब 2 सौ रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से फिर से किसान से चंदा जुटा रहे हैं। भास्कर रिपोर्टर बुधवार को गांव पहुंचा तो पता चला कि 5 बसों में सवार किसान कंडेला जा रहे हैं। कुछ किसान प्राइवेट वाहनों से भी रैली के लिए रवाना हो रहे थे। पूर्व सरपंच अजीत कालीरामण ने कहा कि किसी को कोई न्याेता नहीं। सभी अपनी मर्जी से जा रहे हैं।

उकलाना: चमारखेड़ा में प्रति एकड़ 200 चंदा किया जा रहा, बिठमड़ा से भेज रहे खाद्य सामग्री

चमारखेड़ा के ग्रामीणों से बातचीत में पाया कि किसान आंदोलन के लिए प्रति एकड़ 200 रुपए का चंदा इकट्ठा किया जा रहा है। इकट्ठी की गई राशि दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में सहयोग के रूप में खर्च की जाएगी। बिठमड़ा के ग्रामीणों की ओर से आंदोलन स्थल के लिए शुरुआती दौर से ही दूध और अन्य सामग्री भेजी जा रही है। गांव के किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरना स्थल पर डटे हुए हैं।

बालसमंद: सरसाना और भिवानी राेहिल्ला के लोग भी आंदोलन में कर रहे हिस्सेदारी

सरसाना और भिवानी राेहिल्ला के ग्रामीण दिल्ली धरने के लिए चंदा राशि एकत्रित कर रहे हैं। यह राशि दिल्ली में धरने पर बैठे किसानाें तक पहुंचाई जा रही है। किसानों के लिए खाद्य और अन्य सामग्री के लिए राेज संपर्क किया जा रहा है। किसान आंदाेलन में राजकुमार ठोलेदार, सतपाल पायल, भगवानदास दहिया, सियाराम, साधुराम, गुरुदेव में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

बरवाला: बधावड़ और राजली के ग्रामीणों ने बनाया आंदोलन में भागीदारी का शेड्यूल

बधावड़ में बुधवार को किसानों ने बैठक कर फैसला लिया कि रोज दो ट्रैक्टर-ट्रालियाें से ग्रामीण बाडो पट्टी टोल पर पहुंचेंगे। हर हफ्ते एक वाहन खाद्य सामग्री लेकर दिल्ली जाएगा। गांव के 40 किसान टिकरी बॉर्डर पर डटे हैं। राजली में पंचायत में निर्णय लिया कि किसान चंदा एकत्रित करेंगे। हर सप्ताह दिल्ली बॉर्डर एक ट्रैक्टर जाएगा। दूध व राशन पहुंचाया जाएगा। रोज टोल नाके पर एक ट्रैक्टर जाएगा।

चौधरीवास टाेल: 42 गांव के किसान करेंगे 6 को राष्ट्रीय राजमार्ग जाम

बालसमंद. चौधरीवास टाेल प्लाजा पर बुधवार काे 40वें दिन टोल फ्री और धरना जारी रहा। धरने की संयुक्त अध्यक्षता राजकुमार दहिया व मंगतूराम बैनीवाल ने की। सर्व कर्मचारी संघ के पूर्व ब्लॉक सिवानी प्रधान मास्टर उमराव सिंह व कुलदीप बुड़ाक ने कहा कि कृषि कानूनाें के विरोध में 6 फरवरी काे राज्य व राष्ट्रीय राजमार्गाें काे बंद रखा जाएगा। प्रदर्शन में 42 गांव के किसान हिस्सा लेंगे।

बाडो पट्‌टी: किसान-मजदूरों ने आंदोलन को किया मजबूत

सुलखनी. किसान नेताओं की गिरफ्तारी, जन विरोधी बजट और बिजली बिल आदि मांगों को लेकर राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर 6 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जाएगी। खाप पंचायत प्रवक्ता बलवान सुंडा ने कहा कि किसान-मजदूरों ने अपनी ताकत दिखा कर आंदोलन को और मजबूत किया। राजू भगत सरसौद, डाॅ. मियासिंह बिठमड़ा, रोहतास राजली, मास्टर मोलड़सिंह आर्य, महेंद्र सिंह पुनिया, राजवीर सरहेड़ा आदि मौजूद थे।

लांधड़ी टोल : मानसा से दिव्यांग किसानों का जत्था पहुंचा टोल पर

अग्रोहा. कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन में हर वर्ग जुड़ चुका है। बुधवार को मानसा जिले से आधा दर्जन दिव्यांग युवाओं का जत्था स्कूटी से लांधड़ी टोल पर पहुंचा। जत्थे का नेतृत्व करते हुए दिव्यांग धर्म सिंह ने किया। जत्थे में धर्म सिंह मान सिंह, निर्मल सिंह, जग्गा सिंह, भूरा सिंह और कुलदीप सिंह शामिल है। लांधड़ी टोल कमेटी के अध्यक्ष विजय पूनिया ने उनका हौसला बढ़ाया।

जिला बार एसोसिएशन, काजला खाप किसानों के समर्थन में आईं

हिसार. हिसार बार एसोसिएशन ने किसान आंदाेलन के समर्थन में नियमित समानान्तर धरना शुरू कर दिया है। वहीं राष्ट्रीय काजला खाप कार्यकारिणी की बैठक बुधवार को जाट धर्मशाला में हुई। खाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजमल काजल ने अध्यक्षता की। इसमें फैसला लिया कि काजला खाप 6 फरवरी काे चक्का जाम में भाग लेगी।

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