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कार्ड पर छपने लगे हल-ट्रैक्टर:अब शादी के कार्डों तक पहुंचा आई लव खेती और नो फार्मर-नो फूड

कार्ड पर छपने लगे हल-ट्रैक्टर:अब शादी के कार्डों तक पहुंचा आई लव खेती और नो फार्मर-नो फूड जैसे स्टीकर्स का ट्रेंडतीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन ने 70 दिन में ट्रेंड बदल दिया है। अब लग्जरी गाड़ियाें पर आई लव खेती, नो फार्मर-नो फूड जैसे स्लोगन लिखवा रहे हैं। यह ट्रेंड गाड़ियाें व ट्रैक्टरों से शादी के कार्डों तक पहुंच गया है।

14 फरवरी को शादी का शुभ मुहूर्त है। प्रिंटिंग प्रैस वालों का कहना है कि शादी के हर दूसरे कार्ड पर किसानों के समर्थन में स्लोगन छपवाए जा रहे हैं। स्लोगन छपवाने वालों में किसानों के अलावा शहरी, पढ़े लिखे युवा व नौकरी-पेशा वाले व्यक्ति भी शामिल हैं।

बॉर्डर पर नहीं गए, इसलिए कार्ड से दिया संदेश

कैथल निवासी प्रवीन ढुल ने बताया कि 14 फरवरी को उसकी शादी है। उसने एमकॉम, बीएड की है। अब शहर में रहते हैं। पिता, दादा, परदादा सब खेती से जुड़े थे। पिता दिल्ली में बॉर्डर पर बैठे हैं, लेकिन वे दिल्ली नहीं जा सकते, इसलिए कार्ड से समर्थन कर रहे हैं। जब लोग कार्ड पढ़ेंगे तो संदेश मिलेगा कि किसान कितने जरूरी हैं।

गांव धुंधरेहड़ी के संजीव गोयत ने बताया कि 14 को भाई की शादी है। खुद किसान हैं, लेकिन दिल्ली बॉर्डर पर नहीं जा पाए, लेकिन शादी के कार्ड पर नो फार्मर-नो फूड लिखवाया है। यह स्लोगन देख सामने वाले को अच्छा लगने के साथ ही संदेश भी मिलेगा।

फतेहाबाद के गांव गाजूवाला निवासी रमेश बोलान ने बताया कि 14 फरवरी को बेटी की शादी है। खुद को किसान होने पर गर्व है। शादी के कार्ड पर बैलों से खेत जोत रहे किसान के साथ नो फार्मर-नो फूड का स्लोगन छपवाया है।

पहली बार छोटूराम, भगत सिंह के चित्र छपवा रहे

शहर के एक प्रिंटिंग प्रैस संचालक दिनेश शर्मा ने बताया कि पहली बार लोग शादी के कार्डों पर किसानों का समर्थन करते हुए स्लोगन लिखवा रहे हैं। इसके अलावा भगत सिंह, सर छोटूराम जैसे महापुरुषों के चित्र कार्डों पर छपवाने का ट्रेंड बढ़ा है।

हर दूसरा ग्राहक शादी के कार्ड पर किसानों के समर्थन में स्लोगन लिखवा रहा है। स्टीकर लगाने वाले राज सिंह ने बताया कि पहले ग्राहक अपने वाहन पर पुलिस, प्रैस, आर्मी, खुद की जाति, गौत्र आदि लिखवाते थे, लेकिन अब ट्रेंड बदल गया।

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