कंडेला में महापंचायत में जुटी किसानों की भीड़:टिकैत बोले- अभी तो कृषि कानूनों की वापसी मांग रहे हैं, गद्दी वापस मांगेंगे तो क्या करोगेकिसानों का ऐलान- लड़ेंगे और जीतेंगे भी, अब पीएम व गृह मंत्री से ही बात करेंगे
पांच जिलों में आज पांच बजे तक बंद रहेंगी इंटरनेट सेवाएं
किसान आंदोलन की गूंज बुधवार को संसद के दोनों सदनों के साथ ही जींद के कंडेला में भी उठी। महापंचायत में किसानों ने ऐलान किया कि लड़ाई जारी रखेंगे और जीतेंगे भी। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अभी कृषि कानूनों की वापसी मांग रहे हैं, जब गद्दी वापस मांगेंगे तो सरकार क्या करेगी। अब किसी मंत्री से बात नहीं करेंगे।
पीएम व गृहमंत्री आगे आएं। वार्ता से पहले सरकार गिरफ्तार किए गए युवाओं को छोड़े। कहा कि जब कोई राजा डरता है तो किले बंदी करता है। बाॅर्डर पर जो कील बंदी की गई है, वैसी तो दुश्मन के लिए भी नहीं की जाती। किसान इसपर लेटेंगे और पार कर जाएंगे। कीलों को उखाड़कर चौपाल में रखेंगे, ताकि आने वाली पीढ़ी को दिखा सकेंं।
उन्होंने वार्ता की समिति छोटी करने के मुद्दे पर कहा कि बीच लड़ाई में घोड़े नहीं बदले जाते। जो कमेटी के सदस्य हैं, वहीं रहेंगे। मंच से टिकैत बोल रहे थे तभी स्टेज टूट गया। हालांकि किसी को बड़ी चोट नहीं आई है। उधर, सरकार ने 5 जिलों कैथल, जींद, रोहतक, सोनीपत व झज्जर में इंटरनेट पर रोक चार फरवरी की शाम पांच बजे तक के लिए बढ़ा दी है। वहीं, मोर्चा ने ऐलान किया कि देशभर में पंचायत की जाएगी।
टिकैत की 3 अपील
किसानों को आंदोलन में शांत रहना है।
जल की बर्बादी कहीं नहीं होने देना है।
किसान अपने खेतों में नंगे पैर घूमने जाएं और वहां से मिट्टी और जल लाकर अपने घर के मंदिर में रखें।
रिहाई-कर्जमाफी समेत 5 प्रस्ताव पास
महापंचायत में कई खापों के प्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया। अध्यक्षता कर रहे कंडेला खाप के प्रधान टेक राम कंडेला ने 5 प्रस्ताव पारित कराए हैं।
तीनाें कृषि कानून वापस हों।
एमएसपी के लिए कानून बने।
स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो।
किसानों का कर्ज माफ किया जाए।
जेल में बंद किसानों की रिहाई हो और जब्त ट्रैक्टरों को छोड़ा जाए।