टिकरी बाॅर्डर:घेराबंदी से 500 मीटर के सफर के लिए चलना पड़ रहा 2.5 किमी, इंडस्ट्री संचालक बोले- रोज पैदल आने से 40% मजदूर घटेटिकरी बाॅर्डर दिल्ली पुलिस बॉर्डर पर राेजाना घेराबंदी कर रही है। मंगलवार को हालात ऐसे हो गए कि 500 मीटर के रास्ते के लिए दो से ढाई किलोमीटर तक गलियों से पैदल होकर जाने को मजबूर होना पड़ गया है। बाॅर्डर पर करीब 5 हजार से अधिक परिवार रहते हैं, जिनमें से अधिकतर लोग बहादुरगढ़ एमआई औद्योगिक क्षेत्र की फैक्टरियों में काम करते हैं।
दो माह से बाॅर्डर बंद होने से हर रोज ढाई किलोमीटर पैदल चलकर बाॅर्डर पार करते हैं। इसके बाद दो से तीन किलोमीटर तक फैक्ट्री के लिए चलना पड़ता है। अब टिकरी बाॅर्डर पर कई लेयर बैरिकेडिंग और कंटीले तार लगाने के बाद अब सर्विस रोड पर कीले ठोकी हुई हैं।
इससे दिल्ली-बहादुरगढ़ में गलियों की तरफ से भी बाइक व दोपहिया वाहनों की पैदल आवाजाही भी बंद हो गई है। एमआई के फैक्ट्री संचालक व बहादुरगढ़ चैम्बर ऑफ कामर्स के उपप्रधान आनंद सोनी ने बताया कि टिकरी बाॅर्डर जाम होने से करीब चालीस फीसदी श्रमिक अपनी नौकरी छोड़ चुके हैं।
बाॅर्डर पर फिर किसानाें की संख्या में इजाफा
टिकरी बॉर्डर पर फिर से किसानों की संख्या में इजाफा हो रहा है। विभिन्न संगठनों के लोग आंदोलन को समर्थन देने पहुंच रहे हैं। किसानों की बढ़ती आवाजाही और 26 जनवरी की हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा घेरा कड़ा कर दिया है। इन दो दिन में कई लेयर बैरिकैड लगाए। उन सभी पर कंटीले तार लगा दिए हैं। सोमवार को दिल्ली पुलिस ने बाॅर्डर के साथ-साथ पेट्रोल की तरफ भी कीलें ठोक दी हैं। इस कारण इससे पैदल आवाजाही भी बंद हो गई है।
बीएसएफ जवान बढ़ाए गए, पुलिस कर्मी घटे
दिल्ली पुलिस सुरक्षा घेरा मजबूत कर रही है। वहीं दिल्ली की तरफ पुलिस बल कम हो गया है। सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है। बीएसएफ जवानों की संख्या तेजी से बढ़ी है। दिल्ली पुलिस ने जिस तरह से सख्ती की है, उससे किसान नेता नाराज हैं। किसानों ने मंच से कहा कि उनका धरना शांतिपूर्वक चलता रहेगा। आरोप लगाया कि धरनास्थल पर राशन दूध नहीं पहुंच सके इसलिए कंटीले तार और कीलें लगाई हैं।