चंद्रेश नारायणन की कलम से:भारत को अपने घर में इंग्लैंड टीम से हमेशा टक्कर मिली है, 15 में से 5 सीरीज जीत चुकी है इंग्लिश टीम5 फरवरी से इंग्लैंड के भारत दौरे की शुरुआत होगी। पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर के अनुसार सीरीज में इंग्लैंड के पास कोई मौका नहीं है। दूसरे एक्सपर्ट भी कुछ ऐसे ही बयान दे रहे हैं। हमें इस तरह की उद्घोषणा करने से बचना चाहिए क्योंकि यह टेस्ट क्रिकेट है, जहां बेस्ट का टेस्ट होता है।
भारत की युवा टीम के ऑस्ट्रेलिया में जीत के बाद हमें भविष्यवाणी करने से पहले और भी सचेत रहना चाहिए। हमें याद रखना होगा कि 1976-77 में भारत में पहली टेस्ट सीरीज जीत के बाद से इंग्लैंड टीम ने यहां लगातार अच्छा किया है। 1981-82 में 6 मैचों की टेस्ट सीरीज में उन्हें सिर्फ 0-1 से हार मिली थी।
1984-85 में पिछड़ने के बाद मेहमान टीम ने सीरीज को 2-1 से जीता था। 1992-93 के दौरे पर टीम को सीरीज के सभी 3 मैचों में हार मिली थी। 2001-02 में नासिर हुसैन की कप्तानी में डैरेन गॉफ और एंड्रयू कैडिक के नाम वापस लेने के बाद कमजोरी गेंदबाजी के साथ टीम भारत आई। पहले मैच में हार के बाद अगले दो टेस्ट में टीम ने भारत को कड़ी टक्कर दी।
2005-06 में सीरीज 1-1 से बराबर रही। 2008-09 में भारत को 1-0 से जीत मिली थी। 2012-13 में 0-1 से पिछड़ने के बाद इंग्लैंड ने सीरीज को 2-1 से अपने नाम कर लिया। 2016-17 में इंग्लैंड का प्रदर्शन 1992-93 की तरह रहा और 5 मैचों की सीरीज में 0-4 से हार मिली।
दूसरी तरफ 2007 में इंग्लैंड में सीरीज जीतने के बाद से भारतीय टीम वहां सीरीज जीतने के करीब भी नहीं पहुंची है। हमें कोई भी भविष्यवाणी करने से पहले ये भी देख लेना चाहिए कि इंग्लिश टीम भारतीय उपमहाद्वीप में 70 और 80 के दशक से बेहतर प्रदर्शन करने लगी है। 2000 में नासिर हुसैन के कप्तान बनने के बाद इंग्लिश टीम और भी जुझारू हुई है।
उन्हें भारत दौरे पर कई नए हीरो मिले हैं। जैस एश्ले जाइल्स, एलेस्टेयर कुक, केविन पीटरसन, ग्रीम स्वान, मोंटी पनेसर। अभी इंग्लैंड के पास रूट, स्टोक्स, एंडरसन, ब्रॉड और आर्चर जैसे मैच विनर हैं। भारतीय टीम को इसलिए भी सचेत रहने की जरूरत है, क्योंकि टीम को घरेलू सीरीज में आखिरी हार इंग्लैंड के खिलाफ ही मिली थी।