यूथेनेशिया पर बहस:पुर्तगाल की संसद ने इच्छामृत्यु का बिल पास किया, राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही ऐसा करने वाला 7वां देश बन जाएगापुर्तगाल की संसद ने शुक्रवार को यूथेनेशिया यानी इच्छामृत्यु को कानूनी मान्यता देने वाला बिल पास कर दिया है। इसके पक्ष में 136 और विरोध में 78 वोट डाले गए। अब यह बिल मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनके दस्तखत करने के बाद यह कानून बन जाएगा। इसके साथ ही पुर्तगाल इच्छामृत्यु को वैध करने वाला यूरोप का चौथा और दुनिया का 7वां देश बन जाएगा।
संसद के फैसले का विरोध भी शुरू
कैथोलिक धर्म को मानने वालों ने संसद के इस कदम का विरोध किया है । कैथोलिक पुर्तगाल का सबसे बड़ा धर्म है। इसके अलावा, 12 प्राइवेट हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट ने भी राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु को रोकने के लिए दखल देने की अपील की है। स्टॉप यूथेनेशिया मूवमेंट ने कहा कि ऐसे समय में जब हजारों लोग और इंस्टीट्यूट हर रोज बीमार और कमजोर लोगों की देखभाल कर उनका जीवन बचाने के लिए सब कुछ दे रहे हैं, इच्छामृत्यु को मंजूरी देना उनका अपमान होगा।
बिल के मुताबिक, इच्छामृत्यु के लिए जरूरी शर्तें
इच्छामृत्यु चाहने वाले शख्स की उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए।
उसे गंभीर चोट या कोई ऐसी घातक बीमारी हो जिसका इलाज मुमकिन न हो।
उसे असहनीय पीड़ा हो रही हो और वह पूरे होश में हो।
ऐसी हालत में डॉक्टरों की सलाह पर ही उसे इच्छामृत्यु दी जा सकती है।
बिल में प्रावधान है कि डॉक्टर और नर्स इच्छामृत्यु देने से इनकार कर सकते हैं।
ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की इजाजत मांगी जा सकती है।
राष्ट्रपति वीटो का इस्तेमाल कर मामले को कोर्ट भेज सकते हैं या सीधे खारिज कर सकते हैं।
भारत में भी उठती रही है मांग
भारत में भी इच्छामृत्यु की मांग उठती रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 42 साल तक कोमा में रहीं नर्स अरुणा शानबाग के मामले की सुनवाई करते हुए सीधे तौर पर इच्छामृत्यु देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि हर व्यक्ति को गरिमा के साथ मरने का अधिकार है। इसके लिए पैसिव यूथेनेशिया शब्द का इस्तेमाल किया गया। इसका मतलब है किसी बीमार शख्स का इलाज रोक देना, ताकि उसकी मौत हो जाए। अरुणा की एक सहेली ने 2011 में उनके लिए इच्छामृत्यु की मांग की थी। बाद में अरुणा की मौत हो गई थी।
इन देशों में इच्छामृत्यु वैध
नीदरलैंड्स, बेल्जियम, कोलंबिया, लग्जमबर्ग, पश्चिम ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में एक्टिव यूथेनेशिया को कानूनी मान्यता मिली हुई है। ब्रिटेन समेत यूरोप के कई बड़े देश इसके खिलाफ हैं। कई साल की बहस के बाद 2016 में कनाडा ने इच्छामृत्यु की इजाजत दे दी थी।