गलवान के शहीद संतोष बाबू को महावीर चक्र:पत्नी बच्चों से कहती हैं पापा लद्दाख में हैं, बोलीं- जब भी उन्हें याद करती हूं यूनिफॉर्म में ही नजर आते हैंगलवान में 15 जून की रात चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुए थे कर्नल बी. संतोष बाबू
26 जनवरी पर सरकार ने उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र अवॉर्ड से सम्मानित करने की घोषणा की
‘बेटा, पापा अभी लद्दाख में हैं। देश के दुश्मनों से लड़ रहे हैं। बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, इसलिए सरकार उन्हें अवार्ड दे रही है’। यह बात गलवान में चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले शहीद कर्नल बी. संतोष बाबू की पत्नी संतोषी ने अपनी बेटी से कही।
सरकार ने 26 जनवरी पर शहीद कर्नल बी.संतोष बाबू को महावीर चक्र अवार्ड से सम्मानित करने की घोषणा की है। देश की सुरक्षा करते-करते 18 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू शहीद हो गए थे।
उनको शहीद हुए तो करीब आठ महीने बीत चुके हैं, लेकिन परिवार को अब भी ऐसा ही महसूस होता है कि वो ड्यूटी पर तैनात हैं और दुश्मनों से लड़ रहे हैं। उनके परिवार में मां-बाप और पत्नी के अलावा बेटी अभिगना (10) और बेटा अनिरुद्ध (5) हैं।
अवार्ड की घोषणा होने के बाद उनकी पत्नी संतोषी ने भास्कर से बातचीत करते हुए कहा, ‘बेटा तो बहुत छोटा है, लेकिन बेटी को अपने पापा की बहुत याद आती है। अक्सर पूछती है कि, पापा कहां हैं? कब घर आएंगे? वो क्या कर रहे हैं?’ बेटी के इन सवालों के जवाब में, संतोषी उन्हें पापा के पुराने फोटो दिखाती हैं। वो वीडियो दिखाती हैं, जो कभी साथ में शूट हुए थे। पिकनिक के फोटो दिखाती हैं।
बेटा सेना में जाना चाहेगा तो सपोर्ट करूंगी
वो कहती हैं, ‘बेटी इतना तो जानती है कि उसके पापा बहुत दूर चले गए। लेकिन, सब कुछ अभी तक समझी नहीं। वहीं अगर बेटा भी भविष्य में सेना में जाना चाहेगा तो मैं उसे सपोर्ट करूंगी।’
संतोषी कहती हैं, ‘उन्हें यूनिफॉर्म में देखकर बहुत गर्व होता था। अब भी बार-बार उनकी याद आती है तो वो यूनिफॉर्म में ही खड़े नजर आते हैं। यादें तो इसके अलावा भी बहुत सारी हैं। अब उन्हीं यादों के सहारे पूरी जिंदगी बितानी है।’ अवार्ड मिलने पर उन्होंने कहा कि,’कोई भी अवार्ड उनके साहस के सामने छोटा है। उनकी शहादत के आगे सब फीका है, लेकिन अवार्ड मिलना हमारे लिए गर्व की बात है।’अभी ट्रेनिंग चल रही है, घर आकर बच्चों को वक्त देती हैं
संतोषी को तेलंगाना सरकार ने राजस्व विभाग में डिप्टी कलेक्टर की पोस्ट पर नियुक्त किया है। अभी उनका ट्रेनिंग पीरियड चल रहा है। उन्होंने बताया कि ऑफिस से घर आने के बाद पूरा वक्त बच्चों को ही देती हैं। अब उन्हें पहले से ज्यादा प्यार देना पड़ता है। उनकी छोटी-छोटी ख्वाहिशें पूरी करनी होती हैं। वे कहती हैं, ‘बच्चों का भविष्य ही अब मेरी फर्स्ट प्रायोरिटी है।’ इसके साथ ही सरकार ने जो जिम्मेदारी दी है, उसे भी पूरी ईमानदारी से निभाना है।
पिता महावीर चक्र से संतुष्ट नहींशहीद कर्नल संतोष बाबू के पिता बिक्कुमला उपेंद्र ने कहा, ‘मेरे बेटे कर्नल संतोष बाबू को भारत सरकार ने महावीर चक्र देने की घोषणा की है। सरकार द्वारा बेटे को दिए जा रहे इस अवार्ड से हम संतुष्ट नहीं हैं। क्योंकि कर्नल संतोष बाबू और उनकी टीम ने बहुत कठिन परिस्थितियों में अदम्य साहस दिखाया, जहां क्लाइमेट पहला दुश्मन था। इस घटना के 13 साल पहले से उन्होंने अपनी फिटनेस मेंटेन रखी। तब जाकर दुश्मनों को रोक पाए। उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया जाना चाहिए था।’