कार्रवाई:पुलिस ने रात में रेड कर हमलावरों को उठाया, एक आर्मी में सिलेक्ट हो चुका, उसे माफी मांगने पर छोड़ासरस्वती नगर विवाद }रात 3 घंटे तक मौके पर रहे डीसी-एसपी, सुबह थाने का गेट बंद कर 8 घंटे दोनों पक्षों से बातचीत की
दिल्ली हिंसा के विरोध में हिंदू संगठन के वर्करों के रोष मार्च निकालने पर एक समुदाय के युवकों ने किया था हमला
सरस्वतीनगर में हिंदू संगठन के वर्करों पर हमला करने वालों की बुधवार रात को ही पुलिस ने पहचान कर ली थी। पुलिस ने रात को उनके घरों पर रेड की और कुछ युवकों को काबू कर लिया। इसी बीच आरोपी पक्ष के समुदाय के लोग विरोध में उतर आए। उन्होंने थाने के घेराव की चेतावनी दे दी। इससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। उनकी मांग थी कि जिन युवकों को पुलिस ने पकड़ा है, उन्हें छोड़ा जाए।
स्थिति को भांपते हुए एसपी कमलदीप गोयल खुद सुबह मौके पर पहुंचे और कई थानों के थाना प्रभारी समेत पुलिस की कई टीमें थाना छप्पर में तैनात करनी पड़ी। दोपहर करीब 12 बजे डीसी मुकुल कुमार और एसडीएम दर्शन कुमार भी थाने में पहुंचे। वहां एसपी कमलदीप ने दोनों समुदाय के लोगों के साथ मीटिंग की। करीब 8 घंटे तक दोनों पक्षों के बीच मीटिंग चली।
आरोपी पक्ष के लोग चाहते थे कि इस मामले में माफी मांग कर समझौता हो जाए लेकिन शिकायतकर्ता पक्ष इस बात पर राजी नहीं हुआ। वहीं पुलिस ने जिन युवकों को काबू किया था, उसमें से एक की आर्मी में सलेक्शन हो चुकी है। उस युवक के भविष्य को देखते हुए हिंदू संगठन के वर्करों ने कहा कि यह युवक देशसेवा के लिए आर्मी में जा रहा है इसलिए वे इसे इस केस में नहीं घसीटना चाहते। बाद में माफी मांगने पर उसे पुलिस ने छोड़ दिया।
वहीं दोनों पक्षों के बीच आगे टकराव न हो, इसके लिए दोनों पक्ष के सात-सात लोगों की पीस कमेटी बनाई गई है जो दोनों आपसी भाईचारा बनाने के लिए काम करेगी। इस पीस कमेटी की थाने में ही मीटिंग हुई। वहीं अब शनिवार को मीटिंग होगी। उधर, कहा जा रहा है कि एक किसान नेता ने रात को किसानों के बेटों को गिरफ्तार करने का मैसेज वायरल कर दिया। इससे एक समुदाय के लोग सही समझ बैठे और गुस्से में थाना घेरने की चेतावनी दी। थाने में एसजीपीसी मेंबर बलदेव सिंह कायमपुरी समेत कई गांव के सरपंच पहुंचे थे।
हिंदू वर्करों ने निकाला रोष मार्च, बोले- दिल्ली में हिंसा करने वालों पर जल्द हो सख्त एक्शन
तनाव की स्थिति के बीच दोपहर के समय चतर सैनी के नेतृत्व में हिंदू वर्करों ने कई गांवों से सरस्वती धाम तक रोष मार्च निकाला। वहीं सरस्वती धाम से सरस्वतीनगर की गलियों में रोष मार्च निकाला गया। इस दौरान वर्करों का कहना था कि दिल्ली में किसानों के नाम पर हिंसा की गई। कुछ लोग देश का माहौल खराब कर रहे हैं। वहीं लाल किले पर तिरंगे का अपमान किया गया। ऐसा करने वालों पर सख्त एक्शन होना चाहिए।
फैसला करने का दबाव डाल रहे थे, हम नहीं करेंगे, हमला करने वालों की गिरफ्तारी हो| सरस्वती धाम के पास हिंदू संगठनों के वर्करों पर हुए हमले और पथराव के मामले में पुलिस ने सरस्वतीनगर निवासी खुशेंद्र नागपाल की शिकायत पर धारा-148, 149, 153ए, 153बी, 295, 295ए, 323, 427 और 506 मेें अज्ञात 25-30 युवकों पर केस दर्ज किया है।
बाद में पुलिस ने एरिया में लगे सीसीटीवी के आधार पर कुछ की पहचान की तो ज्यादातर युवक पास के एक गांव के निकले। खुशेंद्र नागपाल ने बताया कि आरोपी पक्ष की तरफ से आए कुछ लोग चाहते थे कि इस मामले में वे फैसला कर लें। थाने में हुई मीटिंग में भी वे यही कहते रहे कि बच्चों से गलती हो गई लेकिन वे किसी भी सूरत में फैसला नहीं करेंगे। उनका कहना है कि एसपी हों या फिर अन्य प्रशासन के अधिकारी उन्हें पूरा सहयोग दे रहे हैं। वे भी चाहते हैं कि आगे माहौल खराब न हो और भाईचारा बना रहे।
थाने का गेट बंद कर दोनों पक्षों को समझाया, पूरा प्रशासन रात से गांव में
बुधवार शाम को जब सरस्वतीनगर में हिंदू वर्करों पर हमला हुआ तो वहां स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी। इसे देखते हुए रात को ही डीसी और एसपी समेत अन्य अधिकारी पहुंच गए थे। रात करीब दो से तीन घंटे तक अधिकारी वहां रहे। वहीं सुबह होते ही फिर छप्पर पहुंचे। यहां पर दोनों पक्षों के मौजिज लोगोें को बुलाया गया। थाने का गेट बंद कर दोनों पक्षों के लोगों से अधिकारियों ने बात की।
वहीं उन्होंने भरोसा दिया कि आगे इस तरह का विवाद न हो इसलिए दोनों पक्ष के लोग काम करेंगे। यहां पर पुलिस को टकराव का डर था इसलिए खिजराबाद, छछरौली, बूड़िया, रादौर, फर्कपुर, गांधी नगर थाना और सीआईए टू की टीम तक वहां पर थी। बताया जा रहा है कि एसपी कमलदीप गोयल ने दोनों पक्षों को इस तरीके से समझाया कि दोनों पक्ष भाईचारा बनाने पर सहमत हुए हैं।