पुश्तैनी हवेली का मामला:राज कपूर की हवेली का मालिक बोला- 200 करोड़ की प्रॉपर्टी की खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने अनदेखी की, गवर्नमेंट रेट पर नहीं बेचूंगापाकिस्तान के पेशावर में राज कपूर की पुश्तैनी हवेली का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। दरअसल इस हवेली के मालिक ने इसे सरकार द्वारा तय किए गए दाम पर बेचने से इनकार कर दिया है। ओनर का दावा है कि खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने इस प्राइम प्रॉपर्टी की भारी अनदेखी की है और सही कीमत नहीं लगाई है।
इसी महीने खैबर पख्तूनख्वा गवर्नमेंट ने 1.5 करोड़ रुपए इसे खरीदने के लिए जारी किए थे, ताकि इसे म्यूजियम में तब्दील किया जा सके।
पेशावर के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद अली असगर ने दिलीप कुमार की मोहल्ला खुदादाद में बनी 4 मंजिला इमारत और राजकपूर की अंदर शहर बाजार में बनी 6 मंजिला इमारत की कीमतें तय होने की जानकारी दी थी।
इमरान सरकार ने दिलीप साहब की हवेली की कीमत 80.56 लाख और राजकपूर साहब की कोठी की कीमत 1.5 करोड़ रुपए तय की थी।
200 करोड़ है हवेली की असली कीमत
हाजी अली साबिर फिलहाल हवेली के मालिक हैं। बुधवार को ही एक चैनल को दिए इंटरव्यू में अली ने साफ तौर पर इसे डेढ़ करोड़ में बेचने से मना कर दिया है। अली ने कहा- इस एरिया में आधा माला भी डेढ़ करोड़ में नहीं मिलता फिर मैं 6 माले की प्रॉपर्टी इस कीमत पर कैसे बेच दूं। इसकी असली कीमत 200 करोड़ है।
गौरतलब है कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में एरिया नापने के लिए 1 माला में 272.25 स्क्वेयर फीट काउंट किया जाता है।
2005 के भूकंप के बाद जर्जर हुई थी हालत
राज कपूर की हवेली के बारे में मशहूर है कि 1947 में पार्टीशन से पहले शादी की पार्टी देने के लिए लोगों की पहली पसंद होती थी। हवेली में बुकिंग नहीं मिलने के चलते 6-6 महीने डेट्स आगे बढ़ानी पड़ती थीं। लेकिन भूकंप के बाद इसकी हालत खराब होती गई। 2014 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इन घरों को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया था। पर संरक्षित करने के लिए कोई झांकने तक नहीं पहुंचा था।
100 साल पुरानी है कपूर हवेली
यह हवेली पृथ्वीराज कपूर के पिता और ऋषि कपूर के परदादा दीवान बशेश्वरनाथ कपूर ने 1918-1922 के बीच बनवाई थी। हवेली के बाहर लगी लकड़ी की प्लेट के मुताबिक, बिल्डिंग का बनना 1918 में शुरू हुआ और 1921 में यह तैयार हो गई। इस हवेली में 40 कमरे हैं और हवेली के बाहरी हिस्से में खूबसूरत मोतिफ उकेरे हुए हैं। इसमें आलीशान झरोखे बने हुए हैं। इसी हवेली में राज कपूर और उनके चाचा त्रिलोक कपूर का जन्म हुआ था।
दिलीप कुमार की पुश्तैनी हवेली भी कपूर हवेली के पास ही है। दोनों हवेलियों के मालिकों ने कई बार इन्हें गिराकर कमर्शियल प्लाजा बनाने की कोशिश की थी, लेकिन सरकार ने इसकी मंजूरी नहीं दी।