टिकरी बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का 64 वां दिन:दिल्ली हिंसा के बाद बॉर्डर से भी किसान करने लगेे कूच, रोकने के लिए गायक कंवल ग्रेवाल ने मोर्चा संभालाप्रदर्शनकारियों का रात से ही घर जाने का सिलसिला हुआ तेज
गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान उपद्रव के बाद अब हजारों की संख्या में किसानों ने वापस घरों को जाने का सिलसिला तेज कर दिया है। किसानों का कहना है कि वे लोग ट्रैक्टर मार्च के लिए ही पंजाब से आए थे व सफल मार्च होने के बाद अब वे लोग वापस अपने गांव जा रहे है। वहीं टिकरी बॉर्डर पर अभी भी करीब एक हजार से अधिक ट्रैक्टर खड़े हैं।
टिकरी बाॅर्डर पर लगने वाले भंडारों में भी 80 फीसदी की कमी आ गई है। लाल किले पर एक धार्मिक झंडा फहराने के बाद बुधवार भले ही टिकरी बाॅर्डर पर किसान नेताओं ने अपनी सफाई दी व शांति बनाए रखने पर लोगों का आभार भी जताया पर स्टेज पर पहले की तरह से भाषणों में वह कड़वाहट नहीं थी। वक्ताओं ने शब्दों में काफी मिठास व केवल किसान व किसानी को छोड़कर अन्य कोई बात नहीं की। पर कुछ दिन पहले तक देश के प्रधानमंत्री से लेकर सरकार तक सभी को जिस तरह से कोसने का सिलसिला चलता था वह आज कुछ बदला बदला दिखाई दिया।
वहीं दिल्ली में हुए लाल किला में एक धार्मिक झंडा फहराने के बाद हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने 22 एफआईआर दर्ज होने के बाद व करीब 330 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल होने के बाद करीब 200 से अधिक लोगों को दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। इसकी सूचना के बाद भले ही किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा करने वाले लोगों से खुद को अलग कर लिया और आरोप लगाया है कि कुछ असमाजिक तत्व इस प्रदर्शन में घुस आए वरना प्रदर्शन शांतिपूर्ण ही था। पर इसका असर बहादुरगढ़ में दिखाई दिया व रात से ही काफी बड़ी संख्या में किसानों के वापस जाने का सिलसिला तेज हो गया।
दिल्ली पुलिस ने 22 एफआईआर व 200 से अधिक लाेगाें काे किया है गिरफ्तार
मंगलवार काे किसानाें ने निकाली थी ट्रैक्टर परेड: हरियाणा की तरफ से लगे जाने वाले भंडारों में भी आज कमी दिखाई दी। कुछ दिन पहले तक कांग्रेस नेताओं की तरफ से लगाए जा रहे भंडारे का स्टाल भी आज खाली रहा। गौरतलब है कि किसान संगठनों की केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी। इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिए और पुलिस के साथ झड़प की थी, वाहनों में तोड़फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक झंडा भी लगा दिया था।
हिंसा की ज्यादा घटनाएं मुकरबा चाैक, गाजीपुर, आईटीओ, सीमापुरी नांगलाेई व लाल किले में हुई
गौरतलब है कि दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में हुए बवाल पर पुलिस ने अब तक 22 एफआईआर दर्ज कर ली हैं व अन्य का सिलसिला जारी है। वहीं दिल्ली में मोबाइल इंटरनेट सेवा के साथ-साथ झज्जर जिले में भी यह सेवा प्रतिबंध रही। हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने कुल 8 बसों और 17 अन्य वाहनों को नुकसान पहुंचाया है। हिंसा की सबसे ज्यादा घटनाएं मुकरबा चौक, गाजीपुर, आईटीओ, सीमापुरी नांगलोई और लाल किले में हुईं। यह सभी रास्तों में अधिकतर रास्तों पर बहादुरगढ़ की तरफ के किसान ही गए थे।
आज नहीं सुनाएं गीत
किसानों को घर जाने से रोकने के लिए पंजाब के गायक कंवल ग्रेवाल ने मोर्चा संभाला। दिन भर टिकरी बाॅर्डर पर किसानों को घर जाने से रोकते रहे। किसानाें को उत्साहित करने वाले गीत सुनाने वाले कंवल ग्रेवाल ने टिकरी बाॅर्डर पर मोर्चा संभाला व जीप की छत पर खड़े होकर दिन भर बाईपास से लेकर स्टेज तक किसानों को घर वापस जाने से रोकने के हर संभव प्रयास किए। ग्रेवाल ने गीत नहीं सुनाए पर हरियाणा को छोटा भाई का वास्ता देते हुए साथ बनाए रखने की अपील भी की। इसके साथ-साथ पंजाब वापस जा रहे किसानों को रुकने को कहा। ग्रेवाल ने बार-बार कहा कि वे कानून को वापस लेने के बाद ही घर वापस जाएंगे।