अहम फैसला:बाइडेन ने UAE को F-35 फाइटर जेट्स बेचने पर रोक लगाई, सऊदी अरब से आर्म्स डील भी रिव्यू की जाएगीजो बाइडेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद पहले हफ्ते में कुछ अहम फैसले किए हैं। उनके एक फैसले ने ज्यादातर लोगों को हैरान कर दिया है। बाइडेन ने बुधवार रात UAE को F-35 फाइटर जेट्स बेचे जाने के फैसले पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी। इतना ही नहीं, अमेरिका के पुराने सहयोगी सऊदी अरब को हथियार बेचे जाने के फैसले को भी रिव्यू किया जाएगा।
यह दोनों ही फैसले ट्रम्प ने 2019 में किए थे। UAE को F-35 बेचे जाने पर अमेरिका और ईरान में तनाव बढ़ गया था। बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन ने साफ कर दिया है कि आर्म्स डील के मामले में सभी पक्षों को फिर से देखा जाएगा और इसके बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।
इस फैसले की वजह क्या
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने बुधवार को फैसले की जानकारी दी। कहा- अब इन डील्स पर अस्थायी तौर पर रोक लगाई गई है। नई सरकार इसका रिव्यू करेगी। माना जा रहा है कि सऊदी अरब और UAE यमन में जिस तरह आक्रामक रुख अपना रहे हैं, उससे मानवाधिकारों का हनन हो रहा है और इस फैसले के पीछे दोनों देशों को यही संकेत देना है कि बाइडेन इस मुद्दे पर गंभीर हैं।
मामले को तूल न दें
प्रवक्ता ने कहा- जब भी कोई नई सरकार सत्ता में आती है तो इस तरह के फैसले लिए जाते हैं। कुछ डील्स को रिव्यू किया जाता है। हम चाहते हैं कि ट्रांसपेरेंसी यानी पारदर्शिता बनी रहे। इन मामलों को न तो तूल देने की जरूरत है और न ही ज्यादा तवज्जो। यह रूटीन प्रॉसेस है। हम चाहते हैं कि हमारे सहयोगियों की सुरक्षा जरूरतों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए।
अमेरिका ने UAE को F-35 का फैसला 2019 के आखिर में किया था। यह डील 23 अरब डॉलर की बताई जाती है।
अरब-इजराइल डील पर असर नहीं होगा
ट्रम्प के दौर में उन्होंने अरब देशों और इजराइल को करीब लाने के लिए बहुत मेहनत की। नतीजा ये हुआ कि UAE समेत चार अरब देशों ने इजराइल से डिप्लोमैटिक रिलेशन शुरू कर दिए। इजराइल ने UAE में अपनी एम्बेसी भी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि यूएई ने इजराइल और ईरान से खतरे के आधार पर F-35 की डील की थी। बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन को लगता है कि यूएई को अब दोनों देशों से खतरा नहीं है।