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किसान आंदोलन:खालिस्तानियों का वॉशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के सामने प्रदर्शन,

किसान आंदोलन:खालिस्तानियों का वॉशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के सामने प्रदर्शन, भारत विरोधी नारे लगाएअमेरिका में कुछ खालिस्तान समर्थकों ने मंगलवार को किसानों के समर्थन में भारतीय दूतावास के सामने प्रदर्शन और नारेबाजी की। इन लोगों के हाथ में बैनर और खालिस्तान के झंडे देखे गए। हालांकि, इनकी संख्या बहुत ज्यादा नहीं थी। प्रदर्शनकारियों ने किसानों की मांगों का समर्थन किया और कहा कि भारत सरकार को नए कृषि कानून वापस लेने चाहिए।

यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका में भारतीय दूतावास के सामने खालिस्तानियों ने प्रदर्शन किया हो। पिछले महीने भी इस तरह का प्रदर्शन किया गया था। तब महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पेंट भी डाला गया था।

मोदी सरकार का विरोध
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, वॉशिंगटन डीसी में इंडियन एम्बेसी के बाहर प्रदर्शन का आयोजन सिख डीएमवी यूथ एंड संगत नाम के संगठन ने किया। इस दौरान ज्यादा लोग मौजूद नहीं थे। इन लोगों ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार उन तीन कृषि कानूनों को फौरन रद्द करे जो वह पिछले साल सितंबर में लाई थी। प्रदर्शनकारियों में से कई के हाथों में खालिस्तानी झंडे देखे गए। ये लोग भारत विरोधी नारेबाजी भी कर रहे थे।

नेताओं ने क्या कहा
प्रदर्शन में शामिल एक नेता नरेंदर सिंह ने कहा- हम हर साल 26 जनवरी को काला दिवस के रूप में मनाते हैं, लेकिन इस साल हम किसानों के समर्थन में प्रदर्शन करने आए हैं। ये किसान सिर्फ सिख नहीं हैं। इनमें दूसरे मजहबों के लोग भी शामिल हैं। कुछ प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दिल्ली में हिंसा के लिए पुलिस जिम्मेदार है, उसने ही किसानों को भड़काया। अगर सरकार हिंसा फैलाएगी तो प्रदर्शनकारी भी पीछे नहीं रहेंगे।
भारतीय दूतावास हर साल गणतंत्र दिवस पर यहां बड़े आयोजन करता है, लेकिन इस साल कोविड-19 की वजह से इस बहुत छोटे स्तर पर मनाया गया।

कनाडा के पीएम ने भी किया था किसान आंदोलन का समर्थन
पिछले महीने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी किसान आंदोलन का समर्थन किया था। गुरुनानक देव के 551वें प्रकाश पर्व पर एक ऑनलाइन इवेंट के दौरान ट्रूडो ने कहा ता कि वे हमेशा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के पक्ष में रहे हैं। उन्होंने हालात को चिंताजनक बताया था।

ट्रूडो ने कहा था- भारत से किसानों के आंदोलन के बारे में खबर आ रही है। स्थिति चिंताजनक है और सच्चाई ये है कि आप भी अपने दोस्तों और परिवारों को लेकर फिक्रमंद हैं। मैं याद दिलाना चाहता हूं कि कनाडा ने हमेशा शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन के अधिकार का समर्थन किया है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो के बयान को खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा- हम कनाडाई पीएम का बयान खारिज करते हैं। यह गलत जानकारी पर आधारित और गैरजरूरी है। सियासत के लिए कूटनीतिक बयानों का सहारा नहीं लिया जाना चाहिए। शिवसेना ने भी ट्रूडो के बयान की निंदा की थी।

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