आर्मी में महिलाओं को स्थायी कमीशन का मामला:11 महीने बाद भी नहीं लागू हो सका फैसला
January 27, 2021
मुंबई में किसानों का राजभवन मार्च:शरद पवार बोले- राज्यपाल के पास कंगना से मिलने का वक्त है,
January 27, 2021

अलगाववादी संगठन पर हिंसा का आरोप:कांग्रेस सांसद बोले- दिल्ली में उपद्रव के पीछे सिख फॉर जस्टिस,

अलगाववादी संगठन पर हिंसा का आरोप:कांग्रेस सांसद बोले- दिल्ली में उपद्रव के पीछे सिख फॉर जस्टिस, ट्रैक्टर रैली निकाल रहे किसान नहींदिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के पीछे सिख फॉर जस्टिस यानी SFJ का हाथ बताया जा रहा है। पंजाब के लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्‌टू ने इस संगठन की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा के पीछे सिख फॉर जस्टिस संगठन का हाथ है। उसी ने पूरी साजिश रची। आंदोलन कर रहे किसानों से कोई हिंसा नहीं की है।

उन्होंने घटना की जांच नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) से कराने की मांग की है। एक निजी चैनल से बातचीत में सांसद का यह बयान आया है। सिख फॉर जस्टिस अमेरिका में एक्टिव संगठन है और अलग देश खालिस्तान की मांग का समर्थक है।पहले भी इस तरह के आरोप लगते रहे हैं कि किसान आंदोलन में खालिस्तान मूवमेंट से जुड़े कई संगठन एक्टिव हैं। ये आंदोलन के बहाने अलगाववादी एजेंडे को बढ़ा रहे हैं। सिंघु बॉर्डर पर कुछ हफ्ते पहले मुफ्त पगड़ी पहनाने का कार्यक्रम किया गया था।

इसके साथ लगे बुक स्टॉल से ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए जरनैल सिंह भिंडरावाला और पंजाब में अलगाववाद का समर्थन करने वाले उनके साथियों का महिमामंडन करने वाली किताब शहीद-ए-खालिस्तान बांटी गई थी। हालांकि, किसान नेताओं ने इन आरोपों को भाजपा और केंद्र सरकार की साजिश बताया था।

इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने पर रखा था इनाम

कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन से जुड़ी एक पोस्ट वायरल हुई थी। इसमें अपील की गई थी कि 26 जनवरी को इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को ढाई लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 1.82 करोड़ रुपए) का इनाम दिया जाएगा। यह अपील सिख फॉर जस्टिस की ओर से ही की गई थी।

2007 में की गई थी स्थापना

SFJ की स्थापना 2007 में हुई थी। इसका मकसद खालिस्तान नाम के आजाद देश की स्थापना करना है। संगठन का सबसे बड़ा चेहरा गुरपतवंत सिंह पन्नून है। उसने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की है। वह अमरीका में रहते हैं और SFJ के लीगल एडवाइजर भी हैं।

SFJ 2018 में सुर्खियों में आया। तब उसने लंदन में खालिस्तान के समर्थन में रैली निकाली और ऐलान किया कि वह पंजाब को भारत से अलग करने के लिए एक जनमत संग्रह करने जा रहा है। इस जनमत संग्रह को SFJ ने ‘रेफरेंडम 2020’ का नाम दिया था। संगठन ने घोषणा की थी कि पंजाब के साथ ही इस जनमत संग्रह में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले सिख भी हिस्सा लेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Updates COVID-19 CASES