26 जनवरी गणतंत्र दिवस परेड:राजपथ पर श्री गुरु तेग बहादुर को समर्पित होगी पंजाब की झांकी, दिखेगा सर्वोच्च बलिदानझांकी 9वें पातशाह के 400वें प्रकाश पर्व की भव्यता को दर्शाएगी
दिल्ली में 26 जनवरी 2021 को गणतंत्र दिवस पर होने वाली परेड में इस बार पंजाब की झांकी श्री गुरु तेग बहादुर को समर्पित होगी। इसमें सिखों के 9वें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी का सर्वोच्च बलिदान दृश्यमान होगी। झांकी उनके 400वें प्रकाश पर्व की भव्यता को दर्शाएगी।
बता दें कि पंजाब की झांकी लगातार 5वें साल गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हो रही है। 2019 में पंजाब की जलियांवाला बाग हत्याकांड झांकी को तीसरा पुरस्कार मिला था। इससे पहले 1967 और 1982 में भी पंजाब की झांकी तीसरे स्थान पर रही थी।
झांकी में एक ट्रैक्टर शामिल होगा, जिसके अगले हिस्से पर पवित्र पालकी साहिब सुशोभित होगी। उसके पीछे प्रभात फेरी और कीर्तन करती संगत होगी। आखिरी हिस्से में गुरुद्वारा श्री रकाब गंज साहिब को दिखाया गया है, जिससे गुरु साहिब का विशेष नाता है। दरअसल, यह गुरुद्वारा उस जगह पर स्थापित किया गया है, जहां भाई लक्खी शाह वंजारा और उनके पुत्र भाई नगाहिया ने गुरु साहिब के बिना शीश के शरीर का संस्कार करने के लिए अपना घर जला दिया था।
बता दें कि श्री गुरु तेग बहादुर का जन्म 1 अप्रैल 1621 को अमृतसर में हुआ था। 9वें पातशाह को उनके पिता श्री गुरु हरगोबिंद साहिब ने तेग बहादुर (तलवार के धनी) नाम दिया था। श्री गुरु तेग बहादुर जी ने 57 श्लोकों सहित 15 रागों में गुरबाणी रची। इस गुरबाणी को 10वें पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में शामिल किया।
गुरु साहिब ने कट्टर धार्मिक नीति और जुल्म का सामना कर रहे कश्मीरी पंडितों की गाथा सुन कर मुगल बादशाह औरंगजेब को चुनौती दी थी। लेकिन इस्लाम कबूलने से इनकार करने पर मुगल बादशाह 9वें पातशाह को 11 नवंबर, 1675 को चांदनी चौक, दिल्ली में सजा दी थी।