किस्सा संघर्ष के दिनों का:स्वरा भास्कर बोली- कोई सोसाइटी दो अकेली लड़कियों को घर देने को तैयार नहीं थी, डेढ़ महीने तक एक ऑफिस में रहना पड़ा थाएक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने एक इंटरव्यू के दौरान मुंबई में अपने शुरुआती दिनों की कहानी साझा की। उनके मुताबिक, जब वे और उनकी कॉलेज फ्रेंड लोपामुद्रा राउत मुंबई आई थीं, तो कोई भी सोसाइटी सिंगल होने की वजह से उन्हें घर किराए पर देने को तैयार नहीं थी। दोनों को स्क्रिप्ट राइटर अंजुम राजाबली के एक ऑफिस में रहकर गुजारा करना पड़ा था, जो स्वरा की मां के दोस्त हैं।
‘सुबह 9 बजे से पहले ऑफिस छोड़ना होता था’
हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में स्वरा ने कहा, “मैं और मेरी रूम-मेट (लोपामुद्रा) इस ऑफिस में डेढ़ महीने तक रहे। वह मेरी कॉलेज के समय से दोस्त थी और जॉब लगने के बाद मुंबई आई थी। हमें सुबह 9 बजे से पहले ऑफिस छोड़ना होता था। हम नहाते और पास ही के मॉल जाकर उसकी सीढ़ियों के आसपास घूमते रहते। फिर वहीं से मैं ऑडिशंस के लिए निकल जाती और वह जॉब के लिए। मैंने उस महीने रिलीज हुई हर फिल्म देखी, क्योंकि 3 घंटे का समय एयर-कंडिशन्ड थिएटर में बिताने को मिलते थे।”
‘मकान मालिक पूछते थे- क्या लड़कों से मिलोगी?’
बकौल स्वरा, “कोई भी सोसाइटी दो सिंगल लड़कियों को घर किराए पर देने को तैयार नहीं थी, जिनमें से एक फिल्म इंडस्ट्री में जाने की कोशिश कर रही थी। वे हमसे पूछते- ‘क्या तुम लड़कों से मिलोगी?’ हम कहते-‘जी हां।’ यहां तक कि एक मकान मालिक से तो मेरा झगड़ा भी हो गया था, जो काफी कट्टर था।”
स्वरा ने आगे कहा, “मैंने मकान मालिकों को अपने मौलिक अधिकार- संविधान का आर्टिकल-9 समझाना शुरू किए। हमारे ब्रोकर ने कहा- ‘मैडम, अगर आप यह सब करना चाहती हैं तो जाइए कहीं और घर ढूंढ लीजिए। मैं मदद नहीं कर सकता।’ किस्मत से हमें एक बिल्डिंग में घर मिल गया, जो सोसाइटी का हिस्सा नहीं थी। यह नई-नई बनी थी और यहां ज्यादा लोग नहीं रहते थे। इस तरह मुझे मेरा पहला घर मिला।”
‘आपके कमरे में कोई रहता है’ में दिख रहीं स्वरा
स्वरा भास्कर इस इंटरव्यू में अपने वेब शो ‘आपके कमरे में कोई रहता है’ का प्रमोशन कर रही थीं। फिल्म की कहानी ऐसे चार बैचलर्स के इर्द-गिर्द घूमती है, जो मकान मालिक द्वारा घर से निकाले जाने के बाद नए घर की तलाश में निकलते हैं। शो में स्वरा भास्कर से एक भूत का किरदार निभाया है।
जब स्वरा से पूछा गया कि क्या असल जिंदगी में उन्होंने कभी भूत को अनुभव किया है? जवाब में उन्होंने कहा, “मैं भूतों से बहुत डरती हूं। जब हम बच्चे थे तो कुछ दोस्त एक बोर्ड के पास खड़े होकर मोमबत्ती जलाते थे और आत्मा को बुलाते थे। हम सवाल पूछते थे, जैसे कि ‘कौन-सा लड़का मुझे पसंद करता है? मेरे पहले ब्वॉयफ्रेंड का नाम क्या होगा?’ किसी भी आत्मा ने हमें सही नहीं बताया।”
“एक बार एक आत्मा ने हमें अजीब सी कहानी सुनाई। हमें नहीं पता कि वह किसकी आत्मा थी। लेकिन बहुत अजीब थी। उसने हमें फोन नंबर भी दिया था। हमने पैरेंट्स को बिना बताए टेलीफोन बूथ से नंबर पर कॉल किया। लेकिन यह गलत निकला और हमारी नजरों में उस भूत की विश्वसनीयता खत्म हो गई।”