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टोक्यो से ग्राउंड रिपोर्ट:हर साल 12 मीटर तक बर्फबारी, फिर भी फ्लाइट लेट नहीं होतीं

टोक्यो से ग्राउंड रिपोर्ट:हर साल 12 मीटर तक बर्फबारी, फिर भी फ्लाइट लेट नहीं होतीं; बर्फ हटाने पर 260 करोड़ रुपए खर्च होते हैं38 साल की युकारी कोकई बालकनी से बर्फ हटा रही हैं। रात में आए तूफान से उनके घर का निचला हिस्सा बर्फ में दब गया। वे कहती हैं कि 3 मीटर ऊंची बर्फ बिछ गई है। यह सामान्य तूफान था। मैंने इससे बड़े तूफान देखे हैं। दरअसल, यह उत्तरी जापान के निगाता प्रांत का टोकामाची शहर है। 53 हजार की आबादी वाले इस शहर में साल में 12 मीटर बर्फ गिरती है।

गेस्ट हाउस हारादा-या की मालकिन मिशी कोसुगा ने बताया कि यहां बर्फबारी सामान्य बात है। इससे जिंदगी नहीं रुकती। स्कूल, दुकानें और हॉट स्प्रिंग समय पर खुल रहे हैं। बस कोरोना ने पर्यटकों को छीन लिया है। टोकामाची पर्यटक सूचना केंद्र में काम करने वाली नत्सुकी यामागीशी कहती हैं, ‘इस सर्दी से हम तब से वाकिफ हैं, जब हम छोटे थे।

घर ढहने से ज्यादातर हादसे

यामागीशी के मुताबिक, यह सीजन जानलेवा होता है। ज्यादातर हादसे बर्फबारी के चलते घर ढहने से होते हैं। हम सीजन की पहली बर्फबारी के अनुमान के साथ ही तैयारी शुरू कर देते हैं। ज्यादातर लोग सर्दियों में चार पहिया वाहन से चलते हैं, जो चेन या विशेष स्टड वाले टायर से लैस होते हैं, ताकि बर्फ में फिसले नहीं। इतनी सर्दी में आसानी से गाड़ी भी स्टार्ट नहीं होती है।

इस वजह से कई बार लोग रातभर रास्ते में फंसे रहते हैं। शहर के मुख्य रास्तों से बर्फ साफ करने के लिए लाखों टन नमक का छिड़काव किया जाता है। यामागीशी बताती हैं कि बर्फबारी शुरू होते ही पड़ोसी नियमित रूप से बुजुर्गों की जांच करते हैं। यह तय करने के लिए कि वे सुरक्षित और गर्म हैं।

सर्दी से बचने के लिए लोग हॉट स्प्रिंग, गर्म नूडल्स और सूप लेते हैं। यहां बर्फबारी बर्फीली साइबेरियाई हवाओं की वजह से होती है जो हर नवंबर में उत्तर-पश्चिम से उत्तरी जापान में एंट्री करती हैं। जैसे ही ठंडी हवा जापान के पहाड़ी तट से गर्म पानी को पार करती है, यह नमी आगे बढ़ते हुए बर्फ में बदल जाती है।

कई शहरों में बेहिसाब बर्फबारी

टोकामाची अकेला शहर नहीं है, जहां बेहिसाब बर्फबारी होती है। उत्तरी जापान के साप्पोरा, ओमोरी शहर में भी नवंबर से अप्रैल के बीच ऐसी ही बर्फबारी होती है। बावजूद इसके बर्फबारी के इस सीजन में इन इलाकों में पहुंचना कोई बड़ी बात नहीं है। टोक्यो से हाई स्पीड बुलेट ट्रेन महज तीन घंटे में ओमोरी पहुंचा देती है या फिर हवाई मार्ग से भी यहां पहुंचा जा सकता है।

टोक्यो से हर रोज ओमोरी, निगाता के लिए 20 से ज्यादा फ्लाइट्स हैं। यहां सब संभव होता है बर्फ हटाने वाली टीम की वजह से, जिन्हें स्नो इम्पल्स कहा जाता है। इनके एक दस्ते में 120 लोग होते हैं, जो एक दिन में दर्जनों बार रनवे से बर्फ हटाते हैं। इस टीम के सदस्य देईशुके सइतो बताते हैं, ‘दो दशक में ओमोरी एयरपोर्ट में रनवे पर बर्फ होने की वजह से एक भी फ्लाइट में देरी या रद्द नहीं हुई।’

सइतो कहते हैं, ‘जब मैं हवाई जहाज को सुरक्षित उतरते और उड़ान भरते हुए देखता हूं तो इससे हमें अपने काम पर संतोष होता है। हालांकि सर्दी में ओमोरी राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहता है। अप्रैल में जब रास्ते से बर्फ हटाई जाती है तो बर्फ का 26 फीट ऊंचा गलियारा बन जाता है। ओमोरी, टाकामोची शहर में बर्फ हटाने पर सालाना 260 करोड़ से 280 करोड़ रुपए खर्च होते हैं।

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