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1 साल में 3 गुना बढ़े कच्चे लोहे के दाम,आयरन ओर की कीमतें बढ़ने से बंद होनेकेकगारपरछोटेस्टील प्लांट्स

बीते 1 साल में 3 गुना बढ़े कच्चे लोहे के दाम, आयरन ओर की कीमतें बढ़ने से बंद होने के कगार पर छोटे स्टील प्लांट्सएंगल, टीएमटी, स्टील चादर, ऑटो पार्ट्स, नट-बोल्ट
छत्तीसगढ़ और झारखंड में सबसे अधिक मिनी स्टील प्लांट्स हैं
कोरोनाकाल में जबरदस्त घाटा झेल चुका स्टील सेक्टर जैसे-तैसे पटरी पर लौट रहा था, लेकिन इस एक बार फिर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। आयरन ओर और स्टील के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी के बाद जहां बड़ी स्टील कंपनियां मुनाफा काट रही हैं वहीं छोटी कंपनियां बंद होने की कगार पर पहुंच गई हैं। इसके चलते एंगल, टीएमटी, स्टील चादर, ऑटो पार्ट्स, नट-बोल्ट व कील जैसे सामानों की किल्लत होने की आशंका है। उद्योग के जानकारों के मुताबिक, छोटे स्टील प्लांट्स 60-70 प्रतिशत क्षमता पर काम कर रहे हैं। यदि आयरन ओर की कीमतों पर लगाम नहीं लगा तो उत्पादन क्षमता 40 फीसदी से नीचे आ सकती है।छत्तीसगढ़ और झारखंड में सबसे अधिक मिनी स्टील प्लांट्स हैं।

छत्तीसगढ़ में 600 से अधिक स्पंज आयरन, फर्नेस और रोलिंग मिलें
छत्तीसगढ़ का देश के स्टील उत्पादन में चौथा स्थान है। यहां भिलाई स्टील प्लांट सहित लगभग 600 से अधिक स्पंज आयरन, फर्नेस और रोलिंग मिलें हैं। वहीं, झारखंड में 50 फर्नेस मिल व स्पंज आयरन मिलें हैं। छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सुराना के मुताबिक आयरन ओर में उछाल और निर्यात मांग बढ़ने से आठ जनवरी को स्टील के दाम 58,000 रुपए प्रति टन की रिकॉर्ड ऊंचाई पहुंच गए थे। अब यह 39,000 रुपए प्रति टन से नीचे है।

एक नियामक आयोग के गठन की मांग
एसोसिएशन ने एनएमडीसी, राज्य व केंद्र सरकार को पत्र लिखकर आयरन की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने और एक नियामक आयोग के गठन की मांग की है। झारखंड स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रेसिडेंट टी मैथ्यू ने कहा अनलॉक के बाद कंपनियों ने काम शुरू किया था। सितंबर-अक्टूबर में छोटी स्टील कंपनियां 80% क्षमता से काम कर रही थीं। लेकिन अब मांग में कमी से राज्य में उत्पादन 40% तक घट गया है।

आयरन ओर के दाम बढ़ने के मुख्य कारण

चीन, वियतनाम, नेपाल और श्रीलंका सहित अन्य देशों में आयरन ओर और लोहे की निर्यात मांग का बढ़ना।
कई बड़े सरकारी प्रोजेक्ट रुक गए हैं। सट्टेबाजी भी बढ़ती कीमतों का एक बड़ा कारण है।
लोहे के दाम ऊंचे होने से रियल एस्टेट सेक्टर से भी आर्डर नहीं मिल रहे हैं।
2,500 रुपए से 7,000 रुपए प्रति टन पर पहुंची कीमत
पिछले साल आयरन ओर का बेसिक रेट 2,500-2,600 रुपए प्रति टन था। अब यह 7,000 रु. प्रति टन से अधिक का हो गया है। इसमें रॉयल्टी, जीएसटी, भाड़ा जोड़ दें तो आयरन ओर 12,000 रु. प्रति टन के भाव पर मिल रहा है। मांग घटने से लोहे के भाव भी लगातार गिर रहे हैं। बीते 14 दिन में आयरन ओर के बेसिक रेट रिकॉर्ड में 29% तक गिरावट आ चुकी है।

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