सिराज ने खरीदी BMW कार:कभी बस के पैसे भी नहीं थे, जुुनूनी इतने कि आधी रात को क्रिकेट खेलते थे सिराजऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में भारतीय टीम के लिए सबसे ज्यादा 13 विकेट लिए
मंगलवार, 19 जनवरी को दोपहर के 1 बजे क्रिकेट फैंस टेलीविजन सेट से चिपके हुए थे। टेस्ट क्रिकेट की ऐतिहासिक जीत बस चंद कदम दूर थी। टेस्ट क्रिकेट के प्रति दर्शकों का ऐसा जुनून भी दुर्लभ पल था। एक बजकर 7 मिनट पर (भारतीय समयानुसार) जैसे ही ऋषभ पंत ने चौका जड़ा, लाखों फैंस खुशी से झूम उठे। ऑस्ट्रेलिया से ये सीरीज में जीत इसलिए भी खास थी, क्योंकि युवाओं की ये टीम अनुभवी खिलाड़ियों के बिना खेल रही थी।
इस टीम का हर खिलाड़ी अपने आप में हीरो बन गया था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन से करीब 10 हजार किलोमीटर दूर हैदराबाद के मेहंदीपटनम में मोहम्मद सिराज के घरवालों की आंखें खुशी और ग़म दोनों से नम थीं। खुशी थी कि सिराज हर भारतीय की आंखों का सितारा बनकर उभरा था, गम था कि उसकी इस उपलब्धि को देखने के लिए पिता साथ नहीं थे।
पिता को आखिरी बार नहीं देख सके
नवंबर में सिराज के पिता का निधन हो गया था। टेस्ट सीरीज के बीच BCCI ने उन्हें स्वदेश वापसी की इजाजत भी दी थी, लेकिन सिराज ने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को प्राथमिकता दी। उनके पिता का सपना भी था कि सिराज देश के लिए टेस्ट मैच खेले। ऑस्ट्रेलिया से लौटकर गुरुवार को सिराज सीधा पिता की कब्रगाह पर गए।
26 वर्षीय दाएं हाथ के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने मेलबर्न में खेले जा रहे अपने टेस्ट डेब्यू में पांच विकेट लिए। ऐसा करने वाले वह 22वें भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। सीरीज में 13 विकेट के साथ सर्वाधिक विकेटटेकर रहे। सिराज ने ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों की नस्लभेदी टिप्पणियों का भी सामना किया। लेकिन अपने खेल से उनका फोकस नहीं हटा।
सिराज का जन्म- 13 मार्च 1994
शिक्षा- हाईस्कूल
रिकॉर्ड- टेस्ट डेब्यू में 5 विकेट लेने वाले 22वें भारतीय खिलाड़ी
गति को बनाया ताकत, 18 की उम्र तक टेनिस बॉल से खेलेे, 140 की गति से करते थे बॉलिंग
गली क्रिकेटर सिराज 18 साल की उम्र तक टेनिस बॉल से खेलते रहे। 2012 में सिराज का एक दोस्त उन्हें हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन से संबंंधित क्रिकेट क्लब में ले गया। यहीं से पहली बार सिराज ने असली क्रिकेट को करीब से देखा। इसके बाद क्रिकेट लीग में खेलने का मौका मिला। उस समय ज्योति प्रसाद हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) चयनकर्ताओं के चेयरमैन थे। उन्होंने सिराज को रेल्वे के खिलाफ गेंदबाजी करते हुए देखा था। उस समय हैदराबाद से 140 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करने वाला कोई नहीं था। गति से प्रभावित चयनकर्ताओं ने उन्हें चुन लिया।
लगातार विकेट लेते रहे और सबकी नजर में आए
नवंबर 2015 में सिराज हैदराबाद रणजी टीम में चुने गए, यहां 9 मैचों में 41 विकेट लिए। 2017 में पहली बार सनराइजर्स हैदराबाद ने सिराज को 2.6 करोड़ रुपए में खरीदा, जबकि बेस प्राइज 20 लाख रुपए थी। 2017 में इंडिया-ए टीम के लिए चयन हुआ। जुलाई-अगस्त 2017 में वह साउथ अफ्रीका टूर पर गए। 2018 में सिराज को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने खरीद लिया।
RCB में सिराज कुछ खास नहीं कर पाए। लेकिन 2020 के सीजन में एक मैच में दो मैडन ओवर डाले, ऐसा करने वाले वे पहले IPL खिलाड़ी बन गए।
परिवार – ऑटोचालक पिता 70 रु. जेबखर्च देते थे, मां खेल के खिलाफ थीं
हैदराबाद के फ्री लांसर एरिया में सिराज का परिवार 2017 तक किराए से रहता था। ऑटोचालक पिता मोहम्मद गौस, सिराज को स्कूल के दिनों में अक्सर 70 रुपए जेबखर्च देते थे। सिराज स्कूल से अक्सर बंक करके नजदीक के ईदगाह मैदान पर टेनिस बॉल से क्रिकेट खेला करते थे। मां चाहती थीं कि सिराज, बड़े भाई स्माइल की तरह इंजीनियरिंग करे।
मां से खेलने पर मार पड़ती, तो सिराज रात को सबके सोने के बाद आधी रात को क्रिकेट खेलने चले जाते। उन्होंने किसी तरह शफा जूनियर कॉलेज से दसवीं तक की पढ़ाई पूरी की। सिराज के कोच ने एक इंटरव्यू में बताया कि एक बार सिकंदराबाद जिमखाना ग्राउंड पर हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन ने अंडर 23 खिलाड़ियों के लिए फिटनेस कैंप आयोजित किया था, लेकिन हैदराबाद से सिकंदराबाद जाने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे।