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ऑस्ट्रेलिया में जीत का प्लान 6 महीने पहले बना:बॉलर्स ने स्मिथ-लबुशाने का लेग स्टंप टारगेट किया

ऑस्ट्रेलिया में जीत का प्लान 6 महीने पहले बना:बॉलर्स ने स्मिथ-लबुशाने का लेग स्टंप टारगेट किया, क्योंकि शास्त्री ने कहा था- ऑफ स्टंप भूल जानाऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीतने के लिए टीम इंडिया ने 6 महीने पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी। टीम के हेड कोच रवि शास्त्री ने बॉलर्स को ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी की रीढ़ स्टीव स्मिथ और मार्नस लबुशाने को लेग स्टंप पर टारगेट करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि ऑफ स्टंप भूल जाओ। यहीं ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज सबसे ज्यादा रन बनाते हैं। टीम के बॉलिंग कोच भरत अरुण ने शुक्रवार को इसका खुलासा किया।

उन्होंने कहा कि रवि ने मुझे जुलाई में बुलाया और ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए प्लानिंग पर चर्चा की। रवि ने कहा कि हमें ऑफ साइड को भूलना होगा। इसके बाद हमने एनालाइज किया, जिसमें हमने पाया कि स्मिथ और लबुशाने समेत कई ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ऑफ साइड पर कट और पुल शॉट लगाकर खूब रन बनाते हैं।

न्यूजीलैंड के बॉलर्स की सक्सेस को फॉलो किया
अरुण ने बताया कि हमने ऑसट्रेलिया के खिलाफ न्यूजीलैंड के बॉलर्स की सफलता को फॉलो किया। नील वैग्नर ने जिस तरह स्टीव स्मिथ को पूरी सीरीज में परेशान किया, उन्होंने पूरी सीरीज में स्मिथ को बॉडी लाइन पर बॉलिंग की। स्मिथ भी इससे काफी परेशान दिखे। इसके बाद हमने भी उन्हें फंसाने के लिए पुख्ता तैयारी की।

जुलाई में शुरू हुई प्रोसेस
उन्होंने बताया कि हमने जुलाई में यह प्रोसेस शुरू की। कप्तान विराट कोहली को भी इसमें शामिल किया। एडिलेड में पहले टेस्ट के दौरान हमने प्लान पर अमल करना शुरू किया। इसके बाद मेलबर्न से अजिंक्य रहाणे ने भी इसे अच्छे से आगे बढ़ाया। बॉलर्स ने बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया।

उन्होंने कहा कि सिर्फ फास्ट बॉलर्स ही नहीं, बल्कि स्पिनर्स ने भी अपनी जिम्मेदारी समझी और लेग स्टंप की लाइन पकड़कर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को रन बनाने का मौका नहीं दिया। एक-दो पारियां छोड़ दें, तो बॉलर्स ने प्लान को 100% फॉलो किया।

इस टीम को हारने से डर नहीं लगता : कोच
अरुण ने कहा कि हम ज्यादातर मैचों में 5 बॉलर्स के साथ खेले। ओवरसीज कंडिशन में विपक्षी टीम को ऑलआउट करने के लिए 4 बॉलर काफी नहीं हैं। एडिलेड में हार के बाद अतिरिक्त बल्लेबाज को टीम में शामिल करने के प्लान को हमनें छोड़ा और सीरीज पर फोकस किया।

उन्होंने कहा कि टीम का सिद्धांत रहा है- निडर होकर खेलना और ईमानदारी से परफॉर्म करना। हम हारने से नहीं डरते। इन युवा खिलाड़ियों से हमें बहुत कुछ सीखने को मिला।

शार्दूल, नटराजन और सुंदर को बैक करना फायदेमंद
उन्होंने कहा कि शार्दूल ठाकुर, टी नटराजन और वॉशिंगटन सुंदर ने लिमिटेड ओवर की सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया। टेस्ट के बैक-अप के रूप में वे टीम के साथ थे। इसका फायदा यह हुआ कि कई प्लेयर्स के इंजर्ड होने के बाद उन्हें ब्रिस्बेन टेस्ट में मौका मिला और वे मैच के हीरो बनकर उभरे। उन्होंने कहा कि हेड कोच ने नेट बॉलर्स के रूप में आए खिलाड़ियों को अच्छी तरह से सपोर्ट किया। यही वजह रही कि हमारे हर खिलाड़ी ने इस ऐतिहासिक जीत में अपना योगदान दिया।

टी-20 और टेस्ट सीरीज भारत ने जीती
भारत को ऑस्ट्रेलिया में वनडे सीरीज में हार का सामना करना पड़ा। कंगारू टीम ने 2-1 से सीरीज अपने नाम की। इसके बाद टी-20 सीरीज में टीम ने वापसी की और 2-1 से सीरीज जीती। इसके बाद 4 मैच की टेस्ट सीरीज भारत ने 2-1 से जीतकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम की। इसमें ब्रिस्बेन की ऐतिहासिक जीत भी शामिल है। यहां किसी टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 32 साल बाद टेस्ट मैच हराया था।

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