आने वाले 3 गुरुवार को भंडारा, घर-घर पहुंचेगा प्रसाद:बाबा जहरगिरि आश्रम में देशी घी से 2500 क्विंटल आटे की पूरी और 5 हजार क्विंटल आटे की बनाई तंदूरी रोटीसिद्धपीठ बाबा जहरगिरि आश्रम में शुक्रवार को उत्तर भारत का सबसे बड़ा भंडारा लगाया गया। यह भंडारा एक महीने तक हर गुरुवार को लगाया जाएगा। भंडारे में मुख्य सानिध्य अंतरराष्ट्रीय सभापति प्रेम महाराज, पूर्व सभापति महंत सोहन गिरि का रहा। भंडारे में देशी घी में पूरी, तंदूरी रोटी, कढ़ी, आलू-मटर की सब्जी सहित 250 बोरी चीनी से तैयार किए गए लड्डूओं से भंडारा लगाया ।
वहीं 551 किलो का एक पंचमेवा लड्डू भी बनाया गया। भंडारे के लिए आश्रम में लाइटिंग के लिए पूना से कर्मचारी पहुंचे। भंडारे से पहले आश्रम में अंतरराष्ट्रीय श्रीमहंत डॉ. अशोक गिरि महाराज द्वारा बाबा जहगिरि महाराज का पंचामृत सहित गोमूत्र, पचंगव्य तथा भस्म केसर, चंदन, स्वर्ण व रजत भस्म सहित अनेक औषधियों द्वारा बाबा जहगिरि का स्नान करवाया गया।
भंडारे की खासियत
250 बोरी चीनी से तैयार किए गए लड्डू
551 किलो का पंचमेवा लड्डू भी बनाया
2500 क्विंटल आटे की पूरी बनाई
5000 क्विंटल आटे की तंदूरी रोटी
11000 लीटर लस्सी की कढ़ी
3,500 क्विंटल आलू-मटर की सब्जी बनाई
जानिए.. ये भी
551 किलो के पंचमेवा लड्डू में खोया, बादाम, पिस्ता, काजू, किशमिश सामग्री का इस्तेमाल किया गया।
भोजन के लिए एक लाख पत्तल मंगाई गई।
मंदिर परिसर में विभिन्न प्रकार के फूलों से सजावट की गई
आश्रम को लाइटों से सजाने के लिए पूना के कारीगरों ने अपनी भूमिका निभाई।
प्रसाद तैयार करने में अनेक हलवाइयों की टीम ने अपना योगदान दिया। जिनमें हलवाई किरोड़ीमल जैन, देवकी हलवाई, सतीश, सीटू, भारत लाठ्ठी की टीम ने भंडारे में निशुल्क सेवा भाव से प्रसाद बनाया। भंडारे में किसी कारीगर ने कोई पैसा नहीं लिया। भंडारे में पांच हजार से ज्यादा साधु-संत तथा श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करने आते हैं।