USA में बाइडेन के आते ही चीन से टकराव बढ़ा:विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा- चीन के प्रति ट्रम्प का सख्त रुख सहीअमेरिका की नई सरकार के चीन से रिश्ते पहले दिन से ही और तल्ख हो गए। बाइडेन सरकार के नामित विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि ट्रम्प के तरीकों से हम सहमत नहीं हैं, लेकिन चीन के प्रति उनका सख्त रुख सही था। ट्रम्प प्रशासन द्वारा आखिरी दिन कही गई इस बात का भी उन्होंने समर्थन किया कि चीन उइगर मुस्लिमों का नरसंहार कर रहा है।
ब्लिंकेन ने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि किसी दूसरे देश के मुकाबले चीन अमेरिका के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। ट्रम्प के विदेश मंत्री पोम्पिओ ने आखिरी दिन कहा था कि चीन शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यक धार्मिक समूहों का नरसंहार कर रहा है। इस पर बीजिंग ने सख्त एतराज जताया था। साथ ही, उसने पूर्व विदेश मंत्री पोम्पियो और पूर्व सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन सहित ट्रम्प के 28 करीबी लोगों को प्रतिबंधित कर दिया।
उइगर महिलाओं पर ट्वीट को लेकर चीनी दूतावास का अकाउंट सस्पेंड : बुधवार को ट्विटर ने उइगर महिलाओं पर एक ट्वीट के चलते अमेरिका में स्थित चीनी दूतावास के अकाउंट को सस्पेंड कर दिया। चीनी दूतावास ने शिनजियांग प्रांत स्थित यातना शिविरों में रखी गई उइगर औरतों के लिए दावा किया गया था कि वे अब ‘स्वच्छंद’ हैं और अब वह बच्चे ‘पैदा करने की मशीन’ नहीं रह गई हैं। इस पोस्ट की लोगों ने तीखी आलोचना की।
ब्लैक गर्ल मैजिक: शपथ ग्रहण में कविता पढ़ने वाली कौन?
बाइडेन के शपथ ग्रहण में पीली ड्रेस में कविता सुनाने वाली ब्लैक गर्ल अमांडा गोरमैन चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं। 22 साल की अमांडा शपथ ग्रहण में कविता सुनाने वाली सबसे कम उम्र की कवयित्री बन गईं। अमांडा हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से सोशियोलॉजी में ग्रेजुएट हैं। दो किताबें लिख चुकी हैं। वे 2036 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ना चाहती हैं।
अमेरिका की मिलिट्री इंडस्ट्री को भारत की सख्त दरकार
हाल ही में अमेरिका में इंडो पेसेफिक क्षेत्र के बारे में प्रशासन का विजन पेपर समय से पहले ही उजागर हो गया। यह 2040 में सार्वजनिक किया जा सकता था। लेकिन ट्रम्प ने यह विजन डाॅक्यूमेंट पहले ही डिक्लासीफाई कर दिया ताकि बाइडेन प्रशासन को इस पर चलने के लिए बाध्य होना पड़े।
विजन पेपर के मुताबिक, अमेरिका के खुद के हितों के लिए इंडो पेसेफिक क्षेत्र में उसे भारत की सख्त जरूरत है। भारत के साथ संबंध बढ़ाना अमेरिका का हमारे प्रति प्रेम नहीं बल्कि चीन से निपटने में असमर्थता है। इस वजह से यह सामरिक साझेदारी बढ़ती जा रही है। मालाबार से लेकर क्वाड गठबंधन तक यह साबित हुआ है। पर हमें अमेरिका के अलावा रुस और चीन से संबंध साधना भी एक चुनौती है।
चीन से निपटने अमेरिका भारत से दोस्ती बढ़ाएगा
पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने कहा कि चीन से निपटने की खातिर बाइडेन प्रशासन भारत से दोस्ती बढ़ाएगा। पिछले दो दशक में भारत-अमेरिका संबंधों में इतनी प्रगति हुई है कि अब सरकारों का बदलना बेमायने हो गया है।
बहुत बदलाव नहीं होगा, जो है वो जारी रहेगा: बरुआ
एचडीएफसी बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट अभीक बरुआ ने कहा कि, बहुत ही बड़ा मुद्दा है क्या होगा या नहीं होगा लेकिन बहुत अधिक बदलाव नहीं होगा। इकॉनामिक और रणनीतिक रूप से जो रुख है वह जारी रहेगा।