भाजपा- मंत्रिमंडल में फेबरदल करने की तैयारी, कांग्रेस- दो माह में प्रदेश कार्यकारिणी का गठनमंत्री-विधायकों का रिपोर्ट कार्ड बने: तावड़े
प्रदेश में भाजपा व कांग्रेस संगठन को मजबूत बनाने की कसरत में जुटी
भाजपा के प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े ने गुरुवार को पार्टी के सभी जिलाध्यक्षों के साथ चंडीगढ़ में मंथन किया। तीन दिनों तक चंडीगढ़ प्रवास के दौरान कुछ विधायकों व जिलाध्यक्षों ने तावड़े के समक्ष मंत्रिमंडल में बदलाव की पटकथा तैयार करने में भी सहयोग दिया है। सूत्रों का कहना है कि किसान आंदोलन के समाप्त होने या फिर हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है। कुछ मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं। सभी विधायकों और मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया गया है। पार्टी प्रभारी द्वारा विधायकों और जिलाध्यक्षों से मुलाकात को गत दिनों सीएम और डिप्टी सीएम की पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुई मुलाकात के साथ भी जोड़ा जा रहा है।
भाजपा प्रभारी को विधायकों व जिलाध्यक्षों ने कुछ मंत्रियों के मंत्रालयों तो कुछ मंत्रियों को बदले जाने के सुझाव भी दिए हैं। विधायकों और मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड बनाया है। इसे पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष रखा जाएगा। किसान आंदोलन से संबंधित कुछ सुझावों को कलमबद्ध किया गया है। सूत्रों का कहना है कि बजट सत्र के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल तय है। प्रभारी ने बुधवार देर रात सीएम के साथ उनके निवास पर डिनर किया। सूत्रों के अनुसार इस दौरान संगठन की मजबूती को लेकर गहन मंथन हुआ
एक माह में कवर होगा पूरा प्रदेश: बंसल
मनोज कुमार
प्रदेश में पिछले सात साल में सिर्फ प्रदेशाध्यक्ष के भरोसे चल रही कांग्रेस में जान फूंकने के लिए जिला और प्रदेश कार्यकारिणी का गठन अगले दो माह में हो सकता है। प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल मैदान में उतर चुके हैं। 2014 में अशोक तंवर के प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद खुलकर गुटों में बंटी कांग्रेस का संगठन खड़ा नहीं हाे सका। प्रभारी कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलकर जिला और प्रदेश कार्यकारिणी के गठन का काम पूरा करने में जुटे हैं। अभी निचले स्तर पर ब्लाॅक कार्यकारिणी का गठन जिला और प्रदेश कार्यकारिणी के बाद होगा।
तीन दिनों में जीटी बेल्ट के तीन जिले पानीपत, करनाल और कुरुक्षेत्र में कार्यकर्ताओं बातचीत के बाद प्रभारी ने अगले एक माह में सभी जिलों के कार्यकर्ताओं से वन-टू वन मिलने का लक्ष्य रखा है। खासकर किसान आंदोलन के बीच पंचायत चुनाव की शुरू हुई सुगबुगाहट के बाद कांग्रेस जिला परिषद के चुनाव सिंबल पर लड़ने का मन भी बना रही है। परंतु इसका फैसला कार्यकर्ताओं से फीडबैक पर निर्भर करेगा।